Bihar Election Result: 243 सीटों पर महागठबंधन के 251 उम्मीदवार, नतीजों पर होगा खींचतान का असर!
जिस तरह तमाम एग्जिट पोल में NDA के जीत के दावे किए गए हैं उससे महागठबंधन खेमा बिदका हुआ है. हालांकि एग्जिट पोल के आंकड़े कितने सच साबित होते हैं जल्द क्लियर हो जाएगा.
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बिहार में मतपेटियां खुलनें वाली हैं EVM में कैद प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला जल्द हो जाएगा. NDA की वापसी होगी या महागठबंधन सत्ता के शिखर तक पहुंचेगा फैसला बस कुछ ही देर में आ जाएगा. इससे पहले सियासी दलों में खींचतान पर भी बात करनी जरूरी है. महागठबंधन में जहां आखिरी समय तक सीट बंटवारे का पेंच फंसा रहा.
जिस तरह तमाम एग्जिट पोल में NDA के जीत के दावे किए गए हैं उससे महागठबंधन खेमा बिदका हुआ है. हालांकि एग्जिट पोल के आंकड़े कितने सच साबित होते हैं जल्द क्लियर हो जाएगा. बिहार में इस बार सीटों का बंटवारा पिछले चुनावों की तुलना में काफी खींचतान वाला रहा. जहां NDA ने अपनी सीटों का ऐलान सबसे पहले कर दिया था. वहीं, महागठबंधन ने आखिर तक सीट बंटवारे का ऐलान नहीं किया था.
NDA का सीट शेयरिंग फॉर्मूला
NDA ने कुल 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे. इसमें से BJP ने 101 और JDU ने 101 सीटों पर कैंडीडेट उतारे. जबकि सहयोगी LJPR को 29, उपेंद्र कुशवाहा के राष्ट्रीय लोक मोर्चा को और जीतन राम मांझी के हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा को 6-6 सीटें मिलीं.
महागठबंधन ने 8 उम्मीदवार ज्यादा उतारे थे
NDA से इतर महागठबंध में सीटों को लेकर आखिरी तक तनातनी रही. महागठबंधन ने 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा चुनाव में 251 उम्मीदवार उतारे थे. यानी कि कुल 8 सीटें ज़्यादा. इसका मतलब ये कि इन आठों सीटों पर फ्रेंडली फाइट देखने को मिले और महागठबंधन की सहयोगी पार्टियों ने इन सीटों पर एक दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे. हालांकि ये फाइट फ्रेंडली होगी या महागठबंधन के कैंडिडेट एक दूसरे की हार की वजह बनेंगे. जल्द साफ हो जाएगा.
वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में मोदी विरोध की राजनीति का झंडा बुलंद करने वाले नीतीश कुमार RJD के साथ थे. इसका फायदा महागठबंधन को मिला और उसे जीत भी मिली, वहीं BJP महज 53 सीटों पर सिमटकर रह गई थी. हालांकि 2017 में नीतीश कुमार मतभेद के चलते फिर से NDA के साथ आ गए, लेकिन 2022 में महागठबंधन और जनवरी 2024 में फिर से पाला बदलकर NDA का हिस्सा बने थे.
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