बिहार में विधानसभा चुनाव के ऐलान को लेकर बड़ा अपडेट, कब और कितने फेज में होगी वोटिंग, जानें पूरी डिटेल
Bihar Assembly Election 2025 Date: बिहार विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा दुर्गा पूजा के बाद अक्टूबर महीने के पहले या दूसरे हफ्ते में की जा सकती है. इसको लेकर संभावित तारीख भी सामने आ गई है.
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बिहार में विधानसभा चुनाव के ऐलान में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं. हर बीतते दिन के साथ चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है. सूबे की सियासत में SIR प्रक्रिया को लेकर मचे बवाल बवाल के बीच बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों और चरणवार मतदान को लेकर सूत्रों के हवाले से बड़ी ख़बर सामने आ रही है. जानकारी के मुताबित चुनाव आयोग नवंबर के पहले और दूसरे हफ्ते में मतदान करा सकता है. वहीं दुर्गापूजा के बाद अक्टूबर के पहले हफ्ते या दूसरे हफ्ते में बिहार विधानसभा के चुनावी कार्यक्रम की घोषणा की जा सकती है.
22 नवंबर से पहले हर हाल में होगा विधानसभा का गठन
आपको बता दें कि तय नियम के अनुसार 22 नवंबर से पहले बिहार विधानसभा का गठन हो जाएगा. चुनाव आयोग दिवाली और बिहार और पूर्वांचल के सबसे बड़े महापर्व छठ पूजा के बाद मतदान की तारीख जारी करेगा. आयोग अपने मतदानकार्यक्रम में कार्तिक पूर्णिमा की तारीखों का भी पूरा ध्यान रखेगा. सूत्रों के अनुसार दो या फिर तीन चरणों में मतदान कराए जाने की संभावना है.
5 से 15 नवंबर के बीच हो सकती है मतगणना
अगर शेड्यूल के आधार पर देखें तो बिहार SIR प्रक्रिया के खत्म होने के बाद अक्टूबर के पहले और दूसरे हफ्ते में चुनाव की घोषणा हो सकती है. दिवाली 20-21 को है और छठ पूजा 24-28 अक्टूबर के बीच होगी. ऐसे में मतदान इस बीच में तो नहीं हो सकता है. वहीं विधानसभा का गठन 22 नवंबर से पहले करना ही है, ऐसे में 5 से 15 नवंबर के बीच वोटिंग होने की पूरी संभावना है और नतीजे 20 नवंबर से पहले ही घोषित कर दिए जाएंगे। हालांकि कहा जा रहा है कि इस बार भी चुनाव आयोग की टीम इसी महीने यानी सितंबर में राज्य का दौरा कर चुनावी तैयारियों का जायजा लेगी। खास बात यह है कि इस बार मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण किया गया है, ऐसे में आयोग के साथ होने वाली बैठक में राजनीतिक दल इस मुद्दे को भी प्रमुखता से उठा सकते हैं।
2020 विधानसभा चुनाव का सीट शेयरिंग का फॉर्मूला
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजों ने बीजेपी को एनडीए में प्रमुख ताकत बनाकर उभारा था. उस चुनाव में जेडीयू ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ 43 सीटें जीत पाई. इसके उलट बीजेपी ने 110 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और 74 पर जीत दर्ज कर बड़ी छलांग लगाई. जीतन राम मांझी की पार्टी हम (HAM) ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा और 4 सीटें जीतीं, जबकि मुकेश सहनी की वीआईपी (VIP) ने 11 में से 4 सीटें अपने नाम कीं. वहीं चिराग पासवान की एलजेपी (LJP) उस वक्त अकेले चुनाव मैदान में उतरी थी. चुनाव बाद वीआईपी एनडीए में रहते हुए सरकार में शामिल हुई थी, लेकिन अब वह महागठबंधन का हिस्सा बन चुकी है.
2015 में NDA का कुनबा बढ़ा, बीजेपी-जेडीयू की सीटें हुईं कम!
2015 में समीकरण बिल्कुल अलग थे. उस वक्त बीजेपी 160 सीटों पर लड़ी और 53 सीटों पर जीत पाई थी. एलजेपी 40 सीटों पर उतरी और 2 सीटें जीतीं, आरएलएसपी ने 23 पर चुनाव लड़ा और 2 सीटें जीतीं, जबकि हम (HAM) ने 20 सीटों पर लड़ा और 1 सीट पर सफलता पाई. उस समय जेडीयू महागठबंधन का हिस्सा थी और राजद-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी.
विधानसभा में मौजूदा स्थिति
बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में बहुमत का आंकड़ा 122 है. फिलहाल सत्ता पक्ष एनडीए के पास 131 सीटों का बहुमत है. इनमें बीजेपी की 80, जेडीयू की 45, हम की 4 और 2 निर्दलीय विधायक शामिल हैं. दूसरी ओर विपक्षी महागठबंधन के पास 112 सीटें हैं, जिनमें आरजेडी की 77, कांग्रेस की 19, वाम दलों की 15 और एआईएमआईएम की 1 सीट शामिल है.
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