बिहार चुनाव को लेकर बड़ा अपडेट... मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पूरी टीम के साथ पहुंच रहे पटना, जानें कब होगा ऐलान
बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस बीच मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार अपने दल के साथ इस हफ्ते बिहार का दौरा करने वाले हैं. आयोग दशहरा और दिवाली के बीच चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर सकता है. संभावना है कि 25-28 अक्टूबर के बीच छठ पूजा भी चुनावी कैलेंडर में शामिल हो सकती है.
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बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों की तैयारियां जोर पकड़ चुकी हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि यह चुनाव अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं. सत्ताधारी दल हो या विपक्ष, सभी के मन में यह सवाल है कि चुनाव कब होंगे और कितने चरणों में होंगे. इसी बीच बड़ी खबर यह है कि इस हफ्ते मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार अपनी पूरी टीम के साथ बिहार का दौरा करेंगे. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त की अगुवाई में भारत निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ आगामी सप्ताह बिहार का दौरा कर सकती है. चुनाव आयोग के इस दौरे के साथ ही राज्य में विधानसभा चुनावों की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी. इसके बाद राज्यों में सियासी दलों का चुनाव प्रचार अभियान और भी तेज रफ्तार पकड़ेगा.
दरअसल, राज्य में चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है. सभी को बस चुनाव की तारीख का इंतजार है. ऐसे में रिपोर्ट की के अनुसार चुनाव आयोग दशहरा (2 अक्टूबर) और दिवाली (19 अक्टूबर) के बीच चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. खास बात यह है कि छठ पूजा (25-28 अक्टूबर) भी चुनावी कैलेंडर में आ सकती है, क्योंकि यह राज्य का सबसे बड़ा लोक आस्था का महापर्व है. ऐसे में आयोग की रणनीति पर सभी की नजरें हैं.
फाइनल मतदाता सूची कब होगी जारी?
चुनाव आयोग की तारीखों का ऐलान अंतिम मतदाता सूची पर भी निर्भर करेगा, जो 30 सितंबर को जारी होनी है. बिहार में इस समय गहन पुनरीक्षण का काम चल रहा है और माना जा रहा है कि आयोग चुनावी तारीखों का निर्णय इसी आधार पर करेगा. हालांकि, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में आयोग की पूरी टीम के बिहार दौरे की खबरों ने अटकलों में और तेजी ला दी है. पांच साल पहले यानी 2020 में बिहार में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव हुए थे. उस बार पहले चरण की वोटिंग 28 अक्टूबर, दूसरे चरण की 3 नवंबर और तीसरे चरण की 7 नवंबर को कराई गई थी.
राष्ट्रीय स्तर पर होगा SIR
रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि दशहरे के बाद आयोग राष्ट्रीय स्तर पर मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू करने की तैयारी में है. एसआईआर को एक साथ सभी राज्यों में लागू नहीं किया जाएगा बल्कि चरणबद्ध तरीके से कराए जाने की योजना है. खास तौर पर बाढ़ से प्रभावित उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में इस प्रक्रिया की तारीख बाद में तय की जाएगी. इन राज्यों का प्रशासनिक अमला फिलहाल राहत और पुनर्वास कार्यों में व्यस्त है और कर्मचारियों की तैनाती के बिना एसआईआर संभव नहीं है. इसके अलावा, अगले 2-3 महीनों में देश के आठ राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं. ऐसे राज्यों में भी एसआईआर अलग समय पर कराए जाएंगे ताकि चुनावी प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हो सके. इन सभी तैयारियों के साथ ही बिहार में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती लगभग शुरू हो चुकी है. राजनीतिक दल भी अपने उम्मीदवारों और चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं.
बिहार के मतदाता अब अगले कुछ हफ्तों में ऐतिहासिक और उत्साहपूर्ण मतदान की तैयारी में होंगे. ऐसे में दशहरा और दिवाली के बीच होने वाले चुनाव की तारीख का ऐलान इस राज्य के लोकतंत्र को और रोमांचक बनाने वाला है और सियासी दलों के लिए भी बड़ी चुनौती पेश करेगा.
बताते चलें कि बिहार विधानसभा चुनाव में दो गठबंधनों के बीच सीधा मुक़ाबला है. एक तो बीजेपी के नेतृत्व वाली सत्ताधारी एनडीए गठबंधन और दूसरी विपक्ष की राज्य में आरजेडी के नेतृत्व वाली इंडिया गठबंधन. इसके अलावा कुछ अन्य नए दल भी है जो इस चुनाव में किंग मेकर यानि किसी भी गठबंधन की सरकार बनाने में बाहरी तौर पर मददगार साबित हो सकते है.
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