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बिहार चुनाव में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी : अब 200 रुपये नहीं, मिलेगा यह नया भत्ता और राहत

बिहार चुनाव 2025 में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. अब उन्हें पहले के 200 रुपये की बजाय बढ़ी हुई राशि के रूप में भत्ता मिलेगा, जिससे कर्मचारियों को राहत और खुशी मिली है.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं, और इस बीच चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है. चुनाव आयोग ने मतदान ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों, खासकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए दैनिक भत्ते में भारी बढ़ोतरी की है. पहले जहां इन्हें 200 रुपये प्रतिदिन मिलते थे, अब यह राशि बढ़ाकर 400 रुपये कर दी गई है. यह फैसला बिहार के लाखों कर्मचारियों के लिए राहत भरा है, जो चुनावी प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाते हैं. आइए जानते हैं इस फैसले की पूरी जानकारी और इसके फायदे.

200 से 400 रुपये प्रतिदिन

चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का दैनिक भत्ता 200 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये कर दिया है. इसका मतलब है कि एक दिन की ड्यूटी के लिए अब कर्मचारियों को 1600 रुपये तक मिल सकते हैं. यह बढ़ोतरी खास तौर पर उन कर्मचारियों के लिए है जो मतदान केंद्रों पर सहायक, सफाई कर्मचारी, या अन्य छोटे-मोटे काम करते हैं. यह कदम कर्मचारियों का हौसला बढ़ाने और उनकी मेहनत का सम्मान करने के लिए उठाया गया है.

कौन हैं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी?

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी वे होते हैं जो चुनाव के दौरान विभिन्न जरूरी कार्यों में लगे रहते हैं - जैसे मतदान केंद्रों पर व्यवस्था बनाए रखना, सामग्री पहुंचाना, दस्तावेज संभालना और मतदान प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाना. ये कर्मचारी भले ही पर्दे के पीछे काम करते हैं, लेकिन चुनाव को सफल बनाने में इनकी भूमिका बेहद अहम होती है. 

खाने का भत्ता भी बढ़ा 

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के साथ-साथ अन्य मतदान कर्मियों, जैसे प्रेसाइडिंग ऑफिसर, मतदान अधिकारी, और काउंटिंग असिस्टेंट्स के लिए भी भत्ते बढ़ाए गए हैं. खाने का भत्ता अब 350 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है. यह सुनिश्चित करेगा कि कर्मचारी अपनी ड्यूटी के दौरान बेहतर सुविधाओं का लाभ उठा सकें. इस बढ़ोतरी से कर्मचारियों को आर्थिक राहत मिलेगी और वे पूरे उत्साह के साथ काम कर पाएंगे.

किन कर्मचारियों को मिलेगा फायदा?

यह बढ़ोतरी उन सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को मिलेगी जो मतदान केंद्रों पर ड्यूटी करेंगे. इनमें शामिल हैं:

  • सहायक कर्मचारी: जो मतदान केंद्रों पर रजिस्टर चेकिंग, लाइन मैनेजमेंट आदि में मदद करते हैं.
  • सफाई कर्मचारी: जो बूथ की साफ-सफाई का ध्यान रखते हैं.
  • अन्य सपोर्ट स्टाफ: जैसे पानी, बिजली, या अन्य व्यवस्थाओं में सहायता करने वाले कर्मचारी.
  • इसके अलावा, माइक्रो ऑब्जर्वर और काउंटिंग सुपरवाइजर जैसे कर्मचारियों को भी बढ़ा हुआ भत्ता मिलेगा.

क्यों जरूरी थी यह बढ़ोतरी?

चुनावी ड्यूटी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दिन-रात मेहनत करते हैं. पहले कम भत्ते की वजह से कई कर्मचारी ड्यूटी करने में हिचकिचाते थे. अब इस बढ़ोतरी से उनकी आर्थिक चिंता कम होगी और वे ज्यादा उत्साह के साथ काम करेंगे. साथ ही, बिहार में बढ़ती महंगाई को देखते हुए यह फैसला कर्मचारियों के लिए जरूरी था. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे मतदान प्रक्रिया और सुचारू होगी. 

बिहार सरकार की अन्य पहल

बिहार सरकार ने भी हाल ही में कर्मचारियों के लिए कई कदम उठाए हैं. मसलन, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए डीए (महंगाई भत्ता) को 55% से बढ़ाकर 58% कर दिया गया है, जो 1 जुलाई 2025 से लागू है. हालांकि यह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए नहीं है, लेकिन सरकार का यह रुख दिखाता है कि कर्मचारी कल्याण उनकी प्राथमिकता है. साथ ही, शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों, जैसे रसोइयों और नाइट गार्ड्स के लिए भी वेतन और भत्ते बढ़ाए गए हैं. 

नियमों का पालन जरूरी

चुनाव आयोग ने साफ किया है कि बढ़े हुए भत्ते का लाभ सिर्फ उन कर्मचारियों को मिलेगा जो नियमों का पालन करेंगे. ड्यूटी में लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई होगी. साथ ही, मतदान केंद्रों पर सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के लिए प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं. यह सुनिश्चित करेगा कि बिहार में स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव हों. 

कर्मचारियों में उत्साह

यह बढ़ोतरी दीवाली और छठ जैसे त्योहारों से ठीक पहले आई है, जिससे कर्मचारियों में खुशी की लहर है. कई कर्मचारियों ने इसे सरकार और चुनाव आयोग का सकारात्मक कदम बताया है. यह न केवल उनकी मेहनत को सम्मान देता है, बल्कि आर्थिक रूप से भी उन्हें मजबूती देता है. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की मेहनत और बढ़े हुए भत्ते से निश्चित तौर पर मतदान प्रक्रिया और मजबूत होगी. दीवाली की रौनक के साथ यह खुशखबरी कर्मचारियों के लिए एक तोहफा है. बिहार के लोग अब निष्पक्ष और उत्साहपूर्ण चुनाव की उम्मीद कर सकते हैं. 

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