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जुनून या पागलपन... चोट के बावजूद एशेज खेलने के लिए तैयार क्रिस वोक्स

एशेज 21 नवंबर 2025 से जनवरी 2026 के बीच खेली जानी है. वोक्स पांच टेस्ट मैचों की इस रोमांचक टेस्ट सीरीज के लिए फिट होना चाहते हैं. इस बार एशेज सीरीज ऑस्ट्रेलिया में होनी है.

09 Aug, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
09:51 AM )
जुनून या पागलपन... चोट के बावजूद एशेज खेलने के लिए तैयार क्रिस वोक्स

इंग्लैंड के ऑलराउंडर क्रिस वोक्स ने एशेज खेलने की इच्छा जताई है. वह एशेज टेस्ट सीरीज तक फिट होने के लिए कंधे की चोट की सर्जरी के बजाय रिहैब करना चाहते हैं.

एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के दौरान चोटिल है वोक्स

36 साल के क्रिस वोक्स को भारत के खिलाफ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के 'द ओवल' में खेले गए पांचवें टेस्ट के पहले दिन बाएं कंधे में इंजरी की समस्या हुई थी. इस वजह से उन्हें टेस्ट के बचे हुए चार दिन फील्ड से बाहर रहना पड़ा था. ओवल टेस्ट के पांचवें दिन वोक्स बाएं हाथ में स्लिंग लगाकर बल्लेबाजी करने उतरे थे. हालांकि उनके साहस का मैच के परिणाम पर असर नहीं पड़ा था और भारत ने 6 रन से जीत दर्ज कर सीरीज 2-2 से बराबर की थी.

क्रिस वोक्स ने चोट पर दिया अपडेट 

बीबीसी स्पोर्ट्स से बात करते हुए क्रिस वोक्स ने कहा, "मैं यह देखने के लिए इंतजार कर रहा हूं कि चोट कितनी गंभीर है. मुझे लगता है कि विकल्प सर्जरी करवाना या रिहैब करवाना हो, हम जल्द उसे ठीक करने की कोशिश करेंगे." वोक्स ने कहा कि मुझे लगता है कि रिहैब से इंजरी फिर से होने की संभावना है. लेकिन, ये ऐसा जोखिम हो सकता है जिसे आप उठाने को तैयार हों.

उन्होंने कहा, "मैंने फिजियो और विशेषज्ञों से सुना है कि रिहैब से शायद आठ सप्ताह के भीतर इसे फिर से मजबूत बना सकते हैं. इसलिए यह एक विकल्प हो सकता है. हम अभी इंजरी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं."

एशेज खेलना चाहते है क्रिस वोक्स

एशेज 21 नवंबर 2025 से जनवरी 2026 के बीच खेली जानी है. वोक्स पांच टेस्ट मैचों की इस रोमांचक टेस्ट सीरीज के लिए फिट होना चाहते हैं. इस बार एशेज सीरीज ऑस्ट्रेलिया में होनी है.

चोट के बाद बल्लेबाज़ी करने उतरे वोक्स का दर्शकों ने किया अभिवादन

क्रिस वोक्स जब एक घायल हाथ के साथ ओवल में बल्लेबाजी करने आए, तो स्टेडियम में मौजूद हजारों दर्शकों ने उनका अभिवादन किया और उनके साहस की तारीफ की.

इस पर क्रिस वोक्स ने कहा, "मेरी नजर में यह सामान्य था. मुझे विश्वास था कि उस ड्रेसिंग रूम में कोई और भी ऐसा ही करता. जब आपको मौका मिलता है, तो आप अपनी टीम के लिए सबसे अच्छा करते हैं. उस पल में, मुझे मैदान पर जाकर गस के साथ मिलकर कोई रास्ता ढूंढना था ताकि हम जीत हासिल कर सकें. दुर्भाग्य से, ऐसा नहीं हुआ, लेकिन मैं शुक्रगुजार हूं कि मैंने संघर्ष किया और टीम के लिए ऐसा करने की कोशिश की. हैरानी की बात यह है कि लोगों ने इतना प्यार, समर्थन और साहस दिखाया."

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