गौतम गंभीर का बेंगलुरु हादसे पर फूटा गुस्सा, कहा- भीड़ नहीं संभलती तो मत करो जश्न
बेंगलुरु में RCB के रोड शो के दौरान हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है. इस दर्दनाक हादसे पर टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
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आईपीएल 2025 की विजेता रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की जीत के जश्न के दौरान बेंगलुरु में एक भयावह भगदड़ ने 11 जिंदगियां लील लीं और 33 से ज्यादा लोग घायल हो गए. एक पल में खुशी का माहौल मातम में बदल गया. इस हादसे पर अब भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और बेहद भावुक लेकिन सख्त शब्दों में अपनी बात रखी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में गंभीर हुए भावुक
इंग्लैंड दौरे के लिए रवाना होने से पहले, भारतीय टेस्ट टीम के नए कप्तान शुभमन गिल और कोच गौतम गंभीर ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पत्रकारों ने जब बेंगलुरु हादसे पर सवाल किया, तो गंभीर के चेहरे पर साफ था कि वह अंदर से हिल चुके हैं.
उन्होंने कहा, “मैं नहीं मानता कि ऐसे रोड शो की कोई जरूरत है, अगर भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सकते, तो लोगों की जान जोखिम में डालना बेवकूफी है.”
ये बयान सिर्फ एक कोच का नहीं, एक संवेदनशील इंसान का था, जो जानता है कि खेल सिर्फ मैदान तक सीमित नहीं रहता उसके पीछे हजारों-लाखों जज्बात जुड़े होते हैं.
गंभीर ने आगे कहा, “मैं एक खिलाड़ी के रूप में भी कभी रोड शो के पक्ष में नहीं था, और कोच के रूप में भी यही सोच रखता हूं.” उनका ये बयान उनके अनुभव और समझ का प्रतीक है वो जानते हैं कि प्रशंसा और प्रेम को जताने के तरीके और भी हो सकते हैं, जिनमें जान का जोखिम न हो.
"कौन जिम्मेदार है, मैं तय नहीं करूंगा, लेकिन..."
गंभीर ने भावुक स्वर में कहा, “मैं कोई नहीं हूं ये तय करने वाला की कौन जिम्मेदार है. लेकिन मैं हमेशा से मानता रहा हूं कि रोड शो नहीं होने चाहिए.”
उन्होंने आगे कहा, “मेरा दिल उन परिवारों के लिए दुखी है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया. जब 2007 में हम जीते थे, तब भी मैंने यही माना था. ऐसे आयोजनों को बंद दरवाजों के अंदर या स्टेडियम में होना चाहिए, वहां जो कुछ हुआ वह बेहद दुखद है.”
गंभीर ने इस घटना को सिर्फ एक हादसा नहीं, एक चेतावनी की तरह देखा। उन्होंने कहा,
“हमें एक खिलाड़ी, फ्रेंचाइज़ी और फैन के तौर पर और जिम्मेदार होना चाहिए.”
“भविष्य में, हमें इन रोड शो की योजना बनाते समय थोड़ा और सचेत रहना चाहिए. हम इस तरह के समारोह को स्टेडियम के अंदर आयोजित करने पर विचार कर सकते हैं. प्रशंसक उत्साहित होते हैं, भावुक होते हैं, लेकिन जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है. आप किसी भी समय 11 लोगों को नहीं खो सकते. मेरे लिए, रोड शो नहीं होना चाहिए था.”
बता दें गंभीर की बातों में सिर्फ गुस्सा नहीं था उसमें दुख, अफसोस और एक जिम्मेदार क्रिकेटर की संवेदना थी.उन्होंने एक बहुत जरूरी सवाल उठाया क्या जश्न मनाने का तरीका जानलेवा होना चाहिए?
ये हादसा एक सबक है — खिलाड़ियों के लिए, फ्रेंचाइजी के लिए, प्रशासन के लिए और सबसे ज्यादा हमारे समाज के लिए.गंभीर की आवाज उन 11 परिवारों के लिए न्याय की पुकार है, जिन्होंने अपनों को सिर्फ इसलिए खो दिया क्योंकि कोई ये नहीं सोच पाया कि सुरक्षा सबसे पहली जरूरत है.
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