जम्मू में जन्मे, सचिन-द्रविड़-लक्ष्मण के दौर में डेब्यू, कोहली के भी रहे कैप्टन... कौन हैं मिथुन मन्हास, जो बनने जा रहे BCCI के नए बॉस?
BCCI में जम्मू और कश्मीर की बड़ी भूमिका होने जा रही है. जम्मू में जन्मे मिथुन मन्हास BCCI के नए अध्यक्ष बनने जा रहे हैं. इस पद की रेस में अब तक वो सबसे आगे हैं. बोर्ड में निर्विरोध रूप से बॉस को चुनने की परंपरा को देखकर कहा जा सकता है कि 45 वर्षीय दिल्ली के पूर्व कैप्टन मन्हास ही देश की सबसे ताकतवर-सुप्रीम क्रिकेटिंग बॉडी के नए सर्वेसर्वा होंगे.
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भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में अपनी ताकत और गवर्निंग स्टाइल का लोहा मनवाने वाले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को अपना नया बॉस मिलने वाला है. BCCI AGM में जम्मू और कश्मीर का प्रतिनिधित्व करने वाले दिल्ली रणजी टीम के पूर्व कप्तान मिथुन मन्हास BCCI के अध्यक्ष बनने की दौर में सबसे आगे हैं. अगर ऐसा होता है तो ऐसा पहली बार होगा जब कोई अनकैप्ड प्लेयर (जिसने कभी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला हो) अध्यक्ष बनेगा.
रविवार को खत्म हो रही नामांकन प्रकिया में अब तक 45 वर्षीय मन्हास बोर्ड अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे नज़र आ रहे हैं. नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि रविवार यानी कि 21 सितंबर है और चयन 28 सितंबर को पहले से निर्धारित है. हालांकि अगर परंपरा को देखें तो पिछले पांच वर्षों में ऐसा देखा गया है कि बीसीसीआई के अध्यक्ष का चयन हमेशा निर्विरोध होता रहा है. इतना ही नहीं हाल के वर्षों में ऐसा देखा गया है कि बोर्ड अपने पूर्ववर्ती खिलाड़ियों मसलन कि सौरव गांगुली और रोजर बिन्नी की तरह किसी पूर्व क्रिकेटर को अध्यक्ष बनाने को इच्छुक रहा है.
कौन हैं BCCI के सर्वेसर्वा बनने जा रहे मिथुन मन्हास?
भारतीय क्रिकेट में खिलाड़ियों के पदार्पण की दृष्टि से गोल्डन एज माने जाने वाले 1997/98 के साल में अपने पेशेवर क्रिकेटिंग करियर की शुरुआत करने वाले मन्हास का डोमेस्टिक क्रिकेट में खेल काफी अच्छा रहा, लेकिन वो कई अन्य मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजे की श्रेणी में हैं जिनका डेब्यू गलत समय में हो गया या टाइमिंग सही नहीं रही.
मसलन ये वही दौर था जब राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली जैसे दिग्गजों के कदम टीम इंडिया में पड़े थे और उनका कई दशकों तक दबदबा रहा. यही वजह रहा कि मन्हास घरेलू क्रिकेट में एक प्रभावशाली खिलाड़ी होने के बावजूद भारतीय टीम में जगह बनाने में नाकाम रहे और इन बड़े खिलाड़ियों के कद की छाया में छिप कर रह गए.
विराट ने अपना घरेलू क्रिकेट मन्हास की कप्तानी में खेला
मन्हास के बारे में जानने बताते हैं कि दाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ ने दिल्ली के लिए काफी अच्छा प्रदर्शन किया और ड्रेसिंग रूम में भी उनका व्यक्तित्व काफी अच्छा था. ये भी कहा जाता है कि दिल्ली की ही तरफ से खेलने वाले वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे बड़े खिलाड़ी ज़्यादातर नेशनल लेवल या टीम इंडिया के लिए खेलने के लिए अमूमन बाहर रहते थे, ऐसे में मन्हास ने ही लंबे समय तक ज़्यादातर नए खिलाड़ियों का बतौर कप्तान मार्गदर्श किया और टीम का नेतृत्व किया. यहां तक कि टीम इंडिया के स्टार विराट कोहली ने भी अपने शुरुआती वर्षों में अपना घरेलू क्रिकेट मन्हास की ही कप्तानी में खेला था.
दिल्ली टीम के सबसे दिग्गज खिलाड़ी रहे हैं मन्हास!
मन्हास का सबसे प्रभावशाली सीज़न 2007/08 था. उन्हीं की कप्तानी में दिल्ली ने रणजी ट्रॉफी जीतकर चैंपियनशिप में अपने लंबे सूखे को खत्म किया. हालांकि सेमीफाइनल और फाइनल में गंभीर ने टीम की अगुवाई की थी. मन्हास ने उस सीज़न में 57.56 की औसत से 921 रन बनाए. 2015 में, वह उस समय शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी सीज़न के लिए दिल्ली से जम्मू और कश्मीर चले गए. ये एक तरह से उनके लिए बड़ा फैसला था क्योंकि जम्मू और कश्मीर ही उनकी घरेलू टीम थी क्योंकि उनका जन्म जम्मू में हुआ था. लेकिन बाद में मौके की तलाश में वह दिल्ली आ गए.
मन्हास का क्रिकेटिंग करियर
मन्हास ने अपने करियर में 157 प्रथम श्रेणी मैच खेले, जिनमें 45 से ज़्यादा की औसत और 27 शतकों के साथ 9714 रन बनाए. इनमें से 8554 रन 206 रणजी ट्रॉफी पारियों में आए, जो इतिहास में सातवां सबसे ज़्यादा रन है. उन्होंने दिल्ली के लिए 130 लिस्ट ए मैच भी खेले हैं, जिनमें 4126 रन बनाए हैं, और 91 टी20 मैच भी खेला, जिनमें 1170 रन बनाए हैं.
IPL में धोनी के भी रहे साथी!
मन्हास इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी तीन फ्रेंचाइज़ियों की तरफ से खेल चुके हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत तत्कालीन दिल्ली डेयरडेविल्स से की थी, जहां वे 2008 से 2010 तक खेले, और फिर 2011 से 2013 के बीच पुणे वॉरियर्स में शामिल हुए. 2014 में वे धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स में खेले. लीग के सात सीज़न में 55 मैचों में उन्होंने 22.34 की औसत से 514 रन बनाए.
मन्हास का कोचिंग करियर
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2017 में वो पंजाब के सहायक कोच के रूप में आईपीएल में लौटे और उसी साल बांग्लादेश अंडर-19 टीम के बल्लेबाजी सलाहकार चुने गए. दो साल तक उस भूमिका में रहने के बाद, वे आरसीबी में सहायक कोच के रूप में शामिल हुए और वर्तमान में गुजरात टाइटन्स के लिए उसी पद पर कार्यरत हैं. मन्हास को प्रशासनिक अनुभव भी है, उन्होंने जम्मू और कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) में क्रिकेट संचालन निदेशक के रूप में कार्य किया है.
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