Advertisement

कौन हैं ये बुजुर्ग जिनके पूर्वजों को आज भी Poland में भगवान की तरह पूजा जाता है? PM Modi ने भी छुए पांव

73 साल की उम्र होने के बावजूद पीएम मोदी यूपी। बंगाल, केरल, महाराष्ट्र, सब एक किये हुए हैं। एक एक दिन में तीन तीन चार चार रैलियां और रोड शो कर रहे हैं। इसी दौरान दो मई को पीएम मोदी गुजरात के जामनगर में एक चुनावी रैली करने गये थे। जहां मंच से विरोधियों पर दहाड़ने से पहले एक बुजुर्ग का आशीर्वाद लिया था, ये वही बुजुर्ग हैं जिनकी वजह से आज भी पोलैंड के साथ भारत के रिश्ते बेहतर हैं !

07 May, 2024
( Updated: 07 May, 2024
11:57 PM )
कौन हैं ये बुजुर्ग जिनके पूर्वजों को आज भी Poland में भगवान की तरह पूजा जाता है? PM Modi ने भी छुए पांव
अबकी बार तीन सौ पार का नारा देकर चुनावी रण में कूदे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस नारे को हकीकत में बदलने के लिए इन दिनों धुआंधार चुनाव प्रचार कर रहे हैं।  73 साल की उम्र होने के बावजूद पीएम मोदी यूपी, बंगाल, केरल,  महाराष्ट्र,  सब एक किये हुए हैं।  एक एक दिन में तीन तीन चार चार रैलियां और रोड शो कर रहे हैं।  इसी दौरान दो मई को पीएम मोदी गुजरात के जामनगर में एक चुनावी रैली करने गये थे।  जहां मंच से विरोधियों पर दहाड़ने से पहले एक बुजुर्ग का आशीर्वाद लिया था। 

कौन हैं ये बुजुर्ग जिनके मोदी ने छू लिये पांव?

देश के कई राजाओं महाराजाओं ने इस हिंदुस्तान के लिए अपनी जान तक दे दी।  लेकिन इसके बावजूद दशकों तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस के दिल से लगता है राजाओें महाराजाओं के खिलाफ नफरत नहीं गई है।  इसीलिये कांग्रेस नेता राहुल गांधी मुगलों को लताड़ने की बजाए हमारे देश के राजाओं महाराजाओें को कोसते हुए कहते हैं।  देश में राजाओं महाराजाओं का राज था तो लोगों की जमीन हड़प ली जाती थी। 

एक तरफ राहुल गांधी देश के राजाओं महाराजाओं को कोसने में लगे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी जब गुजरात के दौरे पर गये तो उन्होंने सबसे पहले जामनगर के राजा जाम साहेब शत्रुशल्य सिंह के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। 

जाम साहेब के पैर छूने के बाद पीएम मोदी ने जब जामनगर में सियासी मंच संभाला तो उन्होंने।  सबसे पहले यही बताया कि गुजरात ने वर्तमान में देश के लिए जितना योगदान दिया है उतना ही योगदान अतीत में भी दिया है।  जामनगर के महाराजा दिग्विजय सिंह ने द्वितीय विश्व युद्ध के समय पोलैंड के नागरिकों जामनगर में शरण दी थी।  उन्होंने जो बीज बोए उसकी वजह से आज भी पोलैंड के साथ हमारे रिश्ते मजबूत हैं। 

जामनगर के राजा से जीत का आशीर्वाद लेने वाले पीएम मोदी ने साथ ही कांग्रेस को भी जवाब दे दिया कि हमारे राजाओं महाराजाओं ने इस हिंदुस्तान की जमीन नहीं हड़पने का काम नहीं किया।  इस हिंदुस्तान की संस्कृति और परंपराओं को समृद्ध बनाने का काम किया है।  जिसका जीता जागता उदाहरण हैं जाम नगर के राजा शत्रुशल्य सिंह और उनका परिवार। 

जिसने दशकों पहले 1942 में हुए द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान पोलैंड के हजारों नागरिकों को अपने यहां शरण दी थी।  जब हिटलर के हमलों से त्रस्त पोलैंड के सैनिकों ने सैकड़ों महिलाओं और बच्चों को जहाज में बैठा कर उनसे कह दिया था कि जिस देश में शरण मिल जाए वहां चले जाओ और जब हालात काबू में हों तो वापस आ जाना।  लेकिन हैरानी की बात तो ये थी कि पोलैंड के बेबस बच्चों और महिलाओं को किसी भी देश ने शरण देने से इंकार कर दिया था।  तब पोलैंड के शरणार्थियों से भरा जहाज गुजरात के जामनगर तट पर पहुंचा।  जहां से उन्हें निराशा होकर नहीं लौटना पड़ा।  क्योंकि उनका जहाज उस हिंदुस्तान के तट पर पहुंच गया था जहां अतिथियों को भगवान का दर्जा दिया जाता है। 

शायद यही वजह थी कि जामनगर के तत्कालीन राजा जाम साहेब दिग्विजय सिंह ने पोलैंड के बच्चों और महिलाओं को शरण देने के लिए अपने महल का दरवाजा खोल दिया।  जहां ये शरणार्थी करीब नौ साल तक रहे।  इस दौरान जामनगर के राजा ने उन्हें शरण देने के साथ ही उनके बच्चों का स्कूल में दाखिला भी करवाया था जिससे वो अच्छी शिक्षा हासिल कर सकें।  जाम नगर के राजा की इसी दया भाव की वजह से पोलैंड में आज भी राजा दिग्विजय सिंह जी रणजीत सिंह जी को भगवान की तरह पूजा जाता है।  यहां तक कि जब भी आप पोलैंड जाएंगे तो यहां की सड़कों के नाम में भी जामनगर के राजा के नाम नजर आएंगे।  इतना ही नहीं।  जब भी पोलैंड की संसद का सत्र शुरू होता है तो जाम नगर के राजा दिग्विजय सिंह जी महाराज को याद किया जाता है। उसके बाद संसद का सत्र शुरू होता है। 

दशकों पहले पोलिश नागरिकों को भारत में शरण देने का ही ये परिणाम था कि जब यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध छिड़ा था तो उस वक्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को बचाने के लिए पोलैंड ने भारत की मदद की थी।  उन्हें अपने देश में शरण देने के साथ ही यहां तक छूट दी थी कि कोई भी भारतीय नागरिक बिना किसी वीजा के पोलैंड में शरण ले सकता है।  इसी बात से समझ सकते हैं कि जामनगर के राजा जाम साहेब ने 1942 में पोलैंड के लोगों को जो शरण दी थी।  उसकी वजह से आज भी पोलैंड के साथ भारत के रिश्ते कितने मजबूत हैं।  लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत के राजाओं को कोसते हैं।  तो वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी देश के राजाओं महाराजाओं के पैर छू कर जीत का आशिर्वाद लेते हैं।  दोनों नेताओं के बीच इस फर्क को लेकर आपका क्या कहना है अपनी राय हमें कमेंट कर जरूर बताएं।

यह भी पढ़ें

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें