Kadak Baat : झारखंड में शाह ने किया खेल, कई विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल होंगे चंपाई सोरेन
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है मुलाकात के बाद असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने चंपाई सोरेन के 30 अगस्त को बीजेपी में शामिल होने की घोषणा की है तो अब सियासी गोटियां चंपाई सोरेन की तरफ से सेट कर दी गई है. जिससे हेमंत सोरेन की कुर्सी मुश्किलों में पड़ गई है।

चंपाई सोरेन (Hemant Soren) को जेड प्लस सुरक्षा भी दी गई है।इतना ही नहीं 28 अगस्त को चंपाई हेमंत कैबिनेट से इस्तीफा दे सकते हैं ।हालांकि पहले भी दिल्ली में हेमंत सोरेन जब आए थे तो चर्चाएं तेज हो गई थी कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। क्योंकि हेमंत सोरेन ने जिस तरीके से जेल से बाहर आते ही उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटा दिया, बेइज्जत करने का काम किया। उससे वो काफी नाराज चल रहे थे। तो ऐसे में अब वो इस बेइज्जती का बदल हेमंत सोरेन का साथ छोड़कर ले रहे हैं। वहीं चंपाई सोरेन के अमित शाह से मुलाकात करते ही हेमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया और लिखा कि -
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हमारे देश के एक प्रतिष्ठित आदिवासी नेता, चंपई सोरेन ने कुछ देर पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। वह 30 अगस्त को रांची में आधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल होंगे।
बता दें की इससे पहले चंपाई सोरेन ने 21 अगस्त को अपने आवास पर नई राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान किया था चंपाई सोरेन ने कहा था - हम राजनीति से संन्यास नहीं लेने जा रहे हैं हमने जो अध्याय शुरू किया है उसका चैप्टर बदलता रहेगा। नए संगठन को मजबूत करेंगे. रास्ते में कोई दोस्त मिला तो दोस्ती करेंगे।
चंपाई सोरेने ने अलग पार्टी बनाने के साथ साथ किसी भी दल से हाथ मिलाने का इशारा पहले ही दे दिया था। इसी के साथ हिमंता बिस्वा सरमा ने भी इशारा देते हुए बयान दे दिया था कि वो व्यक्तिगत रूप से चाहते हैं कि चंपाई सोरेन बीजेपी के साथ आएं। उनके बीजेपी में आने से पार्टी को ताकत मिलेगी और बीजेपी की ताकत को झारखंड में और मजबूती देने के लिए चपाई सोरेन ने अमित शाह से मुलाकात कर आगे की राह तय कर ली है। जबसे ये खबर सामने आई है तबसे हेमंत सोरेन के खेमें में मातम परस गया है। क्योंकि हाथ से कुर्सी जाने वाली है सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि चंपाई सोरेन के साथ कई और विधायक भी बीजेपी में शामिल होंगे। अगर ऐसा होता है सोरेन की कुर्सी जाने से कोई रोक नहीं पाएंगे। तो चलिए इसके साथ ही झारखंड का सियासी गणित भी बता देंते हैं। दरअसल
- झारखंड में विधानसभा के सदस्यों की संख्या 81 है
- हेमंत सोेरेन से जेल से आने के बाद 45 विधायकों का सर्मथन हासिल किया था
- सीता सोरेन के इस्तीफे और अन्य 4 विधायकों के सांसद बनने के बाद विधानसभा का कुल आंकड़ा 77 रह गया है.
- बहुमत का आंकड़ा 39 है. तो हेमंत सोरेन के पास बहुमत से 6 विधायक ज्यादा हैं
- अगर हेमंत चंपाई सोरेने के साथ 10 से 12 विधायक बीजेपी में चले जाते हैं. तो सरकार गिर जाएगी
अब देखने वाली बात ये होगी चंपाई सोरेन 30 अगस्त को बीजेपी में शामिल होंगे तो उनके साथ JMM के कितने विधायक जाते हैं। हेमंत सोरेन की पार्टी अब बुरी तरह टूटने की कगार पर खड़ी हो गई है क्योंकि हेमंत सोरेन ने बेशक अपने जेल जाने के बाद कमान चंपाई सोरेन को दी थी। लेकिन सारी पवार उनकी पत्नी के हाथ में थी और जेल से आते ही चंपाई सोरेन से कुर्सी छीन ली। जो बात पार्टी के तमाम नेताओं को पसंद नहीं आई। यही वजह है कि हेमंत सोरेन की मनमानी अब उनपर ही भारी पड़ रही है।