Kadak Baat : Waqf Board में मोदी सरकार के बदलाव बिल से मचा बवाल, मौलानाओं के साथ कांग्रेस ने उठाए सवाल!
वक्फ बोर्ड पर बवाल लगातार बढ़ता जा रहा है मुस्लिम पक्ष लगातार मोदी सरकार के बिल का विरोध कर रहा है
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- पहले बिल के जरिए मुसलमान वक्फ कानून 1923 को खत्म किया जाएगा
- दूसरे बिल के जरिए वक्फ कानून 1995 में महत्वपूर्ण संशोधन होंगे
- मोदी सरकार वक्फ बोर्ड अधिनियम संशोधन बिल 2024 के जरिए 44 संशोधन करने जा रही है
- बिल के जरिए वक्फ परिसर में मुस्लिम महिलाओं को शामिल किया जाएगा
- केंद्रीय परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड में दो महिलाओं को रखना अनिवार्य होगा
- ये बिल लाने का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और संचालन है
- एक केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के माध्यम से वक्फ के पंजीकरण के तरीके को सुव्यवस्थित करना होगा
- दो सदस्यों के साथ ट्रिब्यूनल संरचना में सुधार करना होगा
- ट्रिब्यूनल के आदेशों के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील के लिए 90 दिनों की मियाद निर्धारित की गई है
- वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण के लिए सर्वे कमिश्नर का अधिकार कलेक्टर या नामित कलेक्टर द्वारा नामित डिप्टी कलेक्टर को होगा
- बोहरा और आगाखानियों के लिए अलग बोर्ड की स्थापना होगी
- किसी भी संपत्ति को वक्फ बोर्ड के रूप में दर्ज करने से पहले सभी संबंधितों को उचित नोटिस दिया जाएगा
बस यही बदलाव मुसलमानों को खल गया, इतना चुभा की विरोधियों ने मोदी सरकार को मुस्लिम विरोधी बताना शोर मचाना शुरू कर दिया है। एक अलग ही नैरेटिव अब सेट किया जा रहा है, आरोप लगाए जा रहे हैं कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है। सरकार मुसलमानों की जमीन पर कब्जा करना चाहती है।
एक बात साफ साफ बता दें की इस कानून में ऐसी कोई भी बात नहीं है। जिससे वक्फ बोर्ड को नुकसान होगा। या फिर किसी संपत्ति को जब्त किया जाएगा। बल्कि मोदी सरकार के इस बिल से तो वक्फ बोर्ड का विकास होगा।
खैर अब सियासी वोटबैंक के लिए विपक्ष को मुद्दा मिल गया है। क्योंकि साल 1995 और साल 2013 में वक्फ बोर्ड कानून के वो ताकतें दे दी गई। जो आजादी के कानून से पहले कानून में भी नहीं थी। मतलब को ताकत वक्फ बोर्ड को अंग्रेजों ने नहीं दी वो ताकत वक्फ बोर्ड को कांग्रेस ने दे दी और ऐसे प्रावधान कर दिए। जो इस्लामिक लॉ के मुताबिक भी नहीं थे। अब समझिए कांग्रेस ने अपना वोटबैंक सजाने के लिए क्या किया। दरअसल वक्फ बोर्ड की संपत्ति दो तरह की होती है। पहला वक्फ अलअल औलाद इसका मतलब है कि जो संपत्ति आपने अर्जित की है। जिसके आपके पास कारगाज है, वो संपत्ति आपने अल्लाह के नाम पर वक्फ बोर्ड को दान कर ली। और दूसरा है वक्फ बाई यूजर— इसका मतलब है जिसके आपके पास कागजात नहीं है और फिर भी आपने उसे वक्फ बोर्ड को दे दी। मतलब अवैध संपत्ति वक्फ बोर्ड को दान कर दी।इससे तो ये साबित होता है कि कांग्रेस ने इतनी छूट दी कि किसी की भी संपत्ति पर अंगली रखो और वक्फ को दान दे दो। पावर किसी धर्म के पास नहीं है और अब इसी चीज पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार कदम उठा रही है। तो कुछ लोगों को खासकर कांग्रेस को जरूरत से ज्यादा तकलीफ हो रही है। नेता बुरी तरह बौखला रहे हैं, क्योंकि वोटबैंक पर नकेल कस गई।
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