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Kadak Baat : उपचुनाव से पहले आपस में भिड़े अखिलेश-राहुल, सीटों पर बिगड़ गया खेल?

10 सीटों पर उपचुनाव से पहले सपा कांग्रेस में खेल शुरू हो गया है अखिलेश-राहुल आमने सामने आ सकते है।

Kadak Baat : यूपी में 10 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं जिसको लेकर सीएम योगी ने ऐसा दांव चला है अखिलेश यादव की हालत ही खराब हो गई है हालात तो ऐसे बन गए हैं कि अखिलेश और राहुल गांधी कभी भी आमने सामने आ सकते हैं। क्योंकि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों बंटवारे को लेकर बात बिगड़ गई है। दोनों की पार्टियां चालाकी दिखा रही है। दरअसल कांग्रेस ने सपा पर दबाव बनाने के लिए सभी सीटों पर चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है।वहीं सपा ने रणनीति के तहत केवल 6 सीटों पर प्रभारियों की तैनाती की है।


सीट बंटवारे से पहले आपस में भिड़े राहुल-अखिलेश!

सपा ने सहयोगियों के लिए सिर्फ 4 सीटें छोड़ी हैं, जबकि कांग्रेस 5 सीटों पर दावा कर रही है लेकिन अखिलेश यादव मानने को तैयार नहीं है। क्योंकि उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में सपा को सबसे ज्यादा सीटें मिली। अकेले सपा के खाते में 37 सीटें गई, कांग्रेस ने 7 सीटें जीतीं जबकि सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी 62 सीटों से सिमटकर  33 सीटों पर आ गई। तो ऐसे में ये जख्म भरने के लिए सीएम योगी पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर गए हैं। सारे कार्ड फिट कर दिए हैं, जिससे ना सिर्फ अखिलेश फंसते नजर आ रहे हैं। बल्कि राहुल गांधी की चालाकी ने सपा को ढेर करने का काम शुरू कर दिया है। हालांकि अखिलेश इसलिए उपचुनाव वाली सीटें नहीं छोड़ना चाहते क्योंकि उन्हें उम्मीद है वो लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव में भी धमाल मचा देंगे।  यही वजह है कि सूत्रों के मुताबिक सपा कांग्रेस को दो ही सीटें देना चाहती है।

लेकिन सभी सपा ने 6 सीटों पर ही अपने प्रभारियों की तैनाती की है। तो उम्मीद है कांग्रेस के पाले में दो से बढ़कर चार पहुंच जाएं। जिसमें खैर, गाजियाबाद, कुदंरकी, मीरापुर की सीटें शामिल है, अब देखना ये होगा कि सीट बंटवारे पर सपा कांग्रेस में बात बनेगी या फिर बिगड़ेगी लेकिन अभी तो बात बिगड़ती दिखाई दे रही है। बता दें की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है ,उनमें से 9 सीटें विधायकों के सांसद बनने के बाद खाली हुई है। जबकि एक सीट सीसामाऊ सपा विधायक इरफान सोलंकी के जेल जाने के बाद खाली हुई। पांच सीटें पहले से ही सपा के पास थी। बाकी 3 सीटें बीजेपी के पास और दो बीजेपी के सहयोगी दलों के पास थी। तो ऐसे में अब सपा अपनी पसंद की ज्यादातर सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है और राहुल गांधी अपनी जुगत में लगे है। बीजेपी से लड़े ना लड़े लेकिन सपा कांग्रेस में जल्द ही आपस में घमासान देखने को मिल सकता है। जिसका सीधा सीधा फायदा सीएम योगी को होगा। वैसे ही अयोध्या की सीट पर पहले ही अपने गुंडे बदमाश नेता की वजह से अखिलेस यादव फंस चुके हैं, बाकी सीटों पर योगी आदित्यनाथ ने तुरुत का इक्का खेल दिया है। अब ना सपा काम कर पाएगी ना अखिलेश का दाव काम आएगा। 

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