वक्फ बोर्ड संसोधन पर बिल पर अमित शाह का बड़ा बयान, जल्द संसद में पारित होगा बिल
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वक़्फ़ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर बड़ा बयान दिया और कहा कि जल्द ही संसद में इसे पारित किया जाएगा। तो वहीं दूसरी तरफ वक़्फ़ संशोधन बिल को लेकर जेपीसी के सामने अब तक क़रीब 84 लाख सुझाव ईमेल के ज़रिए आ चुके हैं ।
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वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर मोदी सरकार एक्शन मोड में आ गई है। मोदी-शाह ने ऐसा दांव चल दिया है। मुसलमानों के साथ साथ इस बिल पर बवाल कर रहे विपक्ष में कोहराम ही मच गया। क्योंकि अमित शाह ने छूटते ही ऐलान कर दिया है कि जल्द ही संसद में वक़्फ़ बोर्ड संशोधन बिल पेश किया जाएगा। फिर चाहे विपक्ष बवाल मचाए। मौलाना मौलवी हेकड़ी दिखाए। किसी की मनामानी काम नहीं आएगी।
बता दें कि पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल के 100 दिनों के एजेंडे में वक़्फ़ बोर्ड संशोधन बिल भी अहम है। तो किसी भी हाल में इसे लागू किया जाएगा। वैसे भी बिल JPC के पास है। जिसने जनता से वक़्फ़ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर सुझाव माँगे थे। कि बिल में संशोधन सही है या नहीं। तो ऐसे में 84 लाख लोग ईमेल के ज़रिए अपना सुझाव भेज चुके हैं। लगभग 70 बॉक्स लिखित सुझावों से भरे हुए भी संयुक्त संसदीय समिति के पास आए हैं। और इन सुझावे के बाद ही आगे का कदम उठाया जाएगा।क्योंकि अभी तीन बड़ी बैठक भी होनी है। जिसमें बिल को लेकर आख़िरी फ़ैसला लिया जाएगा।
संयुक्त समिति की अगली बैठक 19 और 20 सितंबर को होगी।
19 सितंबर को पटना लॉ कॉलेज के वीसी के साथ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अधिकारियों की बैठक होगी।
26 से 1 अक्टूबर के बीच देश के 6 बड़े शहरों में जेपीसी के सदस्य जाएंगे।
जेपीसी के सदस्य मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु शहरों में जाएंगे।
JPC के सदस्य सभी लोगों और मुस्लिम संगठनों से राय लेंगे।
वक्फ संशोधन बिल के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल हैं, जो बीजेपी से सांसद हैं।
वक़्फ़ बिल पर जेपीसी की पहली बैठक से ही अलग अलग विपक्षी दलों के कई सांसदों का कहना है था कि बिल के मौजूदा प्रारूप से स्वतंत्रता, धार्मिक स्वतंत्रता और समानता के क़ानूनों का अल्लंघन होगा। इसके साथ ही इस बात का विरोध भी किया जा रहा है कि बक्फ बोर्ड में बिल के ज़रिए वक़्फ़ ट्रिब्यूनल में डीएम और अल्पसंख्यक समुदाय के बाहर के सदस्यों को शामिल करने पर भी एतराज़ जताया जा रहा है। यही वजह है कि संसद में विपक्ष ने इस बिल को पास नहीं होने दिया। जिसके बाद इसे JPC के पास भेजा गया। और आख़िरी फ़ैसला JPC के मेंबर ही करेंगे। सारे सुझाव देखे जाएँगे। सबकी राय पर मशवरा किया जाएगा। लेकिन जिस तरीक़े से अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में ऐलान किया है कि जल्द ही संसद में वक़्फ़ संशोधन बिल पेश किया जाएगा। उससे कहीं ना कहीं बिल पर मोदी सरकार के पक्ष में फ़ैसला जाता दिखाई दे रहा है।चलिए ये भी बताते हैं कि
वक़्फ़ बोर्ड संशोधन बिल से क्या बदलाव होंगे?
बिल आने के बाद कोई संपत्ति वक़्फ़ की है या नहीं यह पता लगाने के लिए प्रस्तावित संशोधनों में न्यायिक जांच शामिल होगी।
संपत्ति के मूल्यांकन के लिए जिला कलेक्टरों के पास रजिस्ट्रेशन कराना ज़रूरी प्रावधान होगा।
हर वक़्फ़ बोर्ड के सदस्यों में दो महिलाओं को शामिल करना ज़रूरी किया जाएगा।
वक़्फ़ की संपत्तियों में आए राजस्व और उसे खर्च करने की जानकारी ऑनलाइन किए जाना भी ज़रूरी होगा।
वक़्फ़ बोर्ड संशोधन बिल से गरीब मुसलमानों, महिलाओं शोषितों को ही फ़ायदा होगा लेकिन विपक्ष माहौल बनाते हुए अफ़वाह फैला रहा है कि अगर ये बिल आ जाता है तो वक़्फ़ का ख़ात्मा हो जाएगा। मुसलमानों के हक़ छीन लिए जाएँगे। तमाम तरह के नैरेटिव सेट किए जा रहे हैं। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है ।मोदी सरकार ये बात साफ़ कर चुकी है। तो चलिए जाते जाते संसद में जब ये बिल पेश हुआ था। तो किरण रिजिजू ने बिल कि ख़ासियत बताते हुए क्या कुछ कहा था सुनवाते हैं।
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