शहर, स्टेशन, मुहल्ले, शब्दावली...योगी सरकार ने अब तक बदल डाले 50 से ज्यादा मुगलकालीन नाम, अब इन 12 शहरों का नंबर!
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में प्रदेश में प्राचीन सांस्कृतिक पहचान को फिर से स्थापित करने में लगी हुई है. सत्ता में आने के बाद से सरकार ने अब तक 50 से ज्यादा शहरों, मुहल्लों, स्टेशनों के नाम बदल डाले हैं. वहीं प्रशासनिक शब्दावली में भी अरबी-फारसी शब्दों को भी बदला जा रहा है. और तो और योगी सरकार आने वाले दिनों में करीब 12 बड़े शहरों मसलन अलीगढ़, मिर्जापुर के भी नाम बदल सकती है.
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यूपी की योगी सरकार जब से सत्ता में आई है, तब से उसकी कोशिश रही है कि प्रदेश को उसकी सांस्कृतिक और पुरानी पहचान लौटाई जाए. इसी सोच के तहत वह लगातार ऐसे जगहों और शब्दावली का बदलाव कर रही है, जिनका कोई प्राचीन इतिहास रहा हो या फिर जिन्हें एक साजिश के तहत बदल दिया गया हो. योगी सरकार 2017 में सत्ता में आने के बाद से ही मुगलकालीन नामों, मसलन शहरों, मोहल्लों, रेलवे स्टेशनों और प्रशासनिक शब्दावली में लगातार बदलाव कर रही है. अयोध्या स्टेशन, इलाहाबाद, मुगलसराय कुछ ऐसे चुनिंदा या प्रसिद्ध नाम हैं जिन्हें डबल इंजन की सरकार में बदल दिया गया. इसी सिलसिले में बीते दो दिन पहले ही फाजिलनगर का नाम बदलकर पावा नगरी कर दिया गया.
यूपी में 20 से ज्यादा शहरों, मुहल्लों और जिलों के बदले नाम
योगी सरकार पर इस कार्रवाई को लेकर कई आरोप भी लगते रहे हैं. मसलन, उनके मुगलकालीन नामों को बदलने की रणनीति और अपराधियों, माफियाओं की संपत्तियों पर बुलडोज़र एक्शन को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश होती रही है, लेकिन सीएम योगी किसी दबाव में आए बिना लगातार ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सत्ता में आने के बाद इन 8.5 सालों में योगी सरकार ने 50 से ज्यादा शहरों, मुहल्लों, सड़कों और सार्वजनिक जगहों के नाम बदले हैं. कहा जाता है कि इनमें ज्यादातर के नाम उर्दू के थे या कथित तौर पर जिनकी ‘मुगली’ पहचान रही है. विरोधी जहां उनकी इस रणनीति और इन फैसलों को ‘नाम बदलने की सियासत’ और ध्रुवीकरण से जोड़ते हैं, वहीं बीजेपी इसे ‘ऐतिहासिक पुनर्स्थापना’ करार देती आई है.
अकेले काशी में नाम बदलने का अर्धशतक!
जानकारी के मुताबिक योगी सरकार ने 2017 से 2025 के बीच जिन 50 से अधिक नामों में बदलाव किए हैं, उनमें 20 से ज्यादा शहरों, कस्बों और जिलों के नाम शामिल हैं. उदाहरण के लिए फैजाबाद को अयोध्या और मुगलसराय को पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर किया गया. वहीं कुशीनगर जिले के फाजिलनगर का भी नाम बदलकर पावा नगरी करने का ऐलान कर दिया गया है. आपको बता दें कि अकेले काशी में भी लगभग 50 ‘मुस्लिम नाम’ वाले इलाकों के नाम बदले जा चुके हैं.
इन स्टेशनों के भी बदले गए नाम
इसके अलावा करीब 8 रेलवे स्टेशनों के नाम भी बदले गए हैं. मसलन इलाहाबाद जंक्शन को प्रयागराज, फैजाबाद को अयोध्या कैंट और साहिबाबाद को मोहन नगर नाम दिया गया. जबकि 15 से ज्यादा सड़कों और बाजारों के नाम बदले जा चुके हैं. इतना ही नहीं, सीएम ने अपने गृह जिले गोरखपुर में उर्दू बाजार को हिंदी बाजार, हुमायूं पुर को हनुमान नगर और मीना बाजार को माया बाजार कर दिया.
उर्दू, फारसी शब्दावली भी बदली!
नाम बदलने के अलावा शब्दावली पर भी योगी सरकार काफी गंभीर रही है. आपको बता दें कि प्रशासनिक और कानूनी शब्दावली में भी बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं. 10 से ज्यादा उर्दू-फारसी मूल के शब्द हटाए गए हैं. जैसे कि मीरास को विरासत और वसीयत को वसीयतनामा किया गया है. इसके अलावा सरकार की नजर अब 392 मुगलकालीन नामों की उस लिस्ट पर भी है, जिन पर आगे और बदलाव की संभावना बनी हुई है.
क्यों नाम बदल रही है योगी सरकार?
तमाम विरोधों और सियासी हमलों से इतर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश में लगातार सांस्कृतिक जनजागरण को स्थापित करने में लगी हुई है. सरकार का तर्क है कि जिन नामों को अब बदला जा रहा है, उन्हें मुगलकाल में बदल दिया गया था, जिसके कारण भारत की सांस्कृतिक पहचान पर संकट पैदा हो गया और उसका अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया.
सरकार ने आगे कहा कि जिन नामों को बदला जा रहा है, उनमें ज्यादातर अपने प्राचीन नामों के पुनर्जीवित स्वरूप हैं, मसलन इतिहास और प्राचीन दस्तावेजों में उनके वही नाम रहे हैं. इसलिए यह कदम जरूरी है और यह सांस्कृतिक पुनरुद्धार का हिस्सा है, जिससे भारत की प्राचीन पहचान को फिर से स्थापित किया जा सके और आने वाली पीढ़ी को अपनी संस्कृति से अवगत कराया जा सके. वहीं, विपक्ष इस मुद्दे को मूल समस्याओं मसलन विकास, रोजगार और महंगाई जैसे असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिश का हिस्सा करार दे रहा है.
अब किन बड़े शहरों के नाम भी बदलने की तैयारी?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आगे भी कई बड़े शहरों के नाम बदले जा सकते हैं. मसलन अलीगढ़, संभल, फर्रुखाबाद, सुल्तानपुर और शाहजहांपुर समेत 12 बड़े शहरों के नाम बदलने का प्रस्ताव भी सरकार के सामने विचाराधीन है. वहीं मिर्जापुर जिले का नाम भी बदलकर विंध्यांचल धाम करने पर करीब-करीब सहमति बन गई है.
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