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'उनके बिना मर जाओगे... तुम्हारा हेल्थ सिस्टम चलेगा ही नहीं', आयरलैंड में भारतीयों पर हमले और कैंपेन पर बोली मीडिया, राष्ट्रपति ने भी गिनाईं इंडियंस की कामयाबी, VIDEO

आयरलैंड में भारतीय समुदाय के खिलाफ हो रहे हिंसक हमलों पर वहां की मीडिया और राष्ट्रपति ने अपने ही लोगों को तगड़ा घेरा है. मीडिया ने भारतीयों को बाहर निकालने और उनके प्रति नफरत पर कहा कि भारतीय लोग सच्चे हैं, ईमानदार, नेक, मेहनती और अच्छे हैं. वो नौकरी ले नहीं रहे बल्कि वो काम कर रहे हैं जो आयरिश लोग नहीं कर पा रहे हैं, हम उन्हें उनके टैलेंट की वजह से ला रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि इंडियंस की वजह से उनका हेल्थ सिस्टम चल रहा है, वरना लोग मर जाएंगे. जबकि वहां के राष्ट्रपति ने भी प्रवासी भारतीयों के काम की तारीफ करते हुए उनकी कामयाबी गिना डालीं.

Image: News Talk Screengrab / Michael Daniel Higgins (File Photo)

आयरलैंड में भारतीय समुदाय के खिलाफ हाल के दिनों में बढ़ रही नस्लीय और हिंसक घटनाओं ने भारतवंशियों सहित पूरे भारत में चिंता बढ़ा दी है. आयरलैंड में प्रवासी भारतीयों पर हुए हमलों को लेकर आयरिश राष्ट्रपति माइकल डी. हिगिंस और वहां की मीडिया की भी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. राष्ट्रपति ने इन घटनाओं पर गहरा दुख व्यक्त किया है और कहा है कि भारतीय समुदाय ने आयरलैंड के समाज और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. राष्ट्रपति हिगिंस ने कहा कि ऐसे हमले निंदनीय हैं और आयरलैंड की मूल भावना और बहुसांस्कृतिक समाज के सिद्धांतों के खिलाफ हैं. वहीं वहां की मीडिया ने भी अपने लोगों पर तीखा हमला बोला है और कहा है कि आपका सिस्टम भारतीयों के बिना चल ही नहीं चल सकता है. दुनिया भर में बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय रहते हैं और जिन देशों में रहते हैं वहां के विकास में अहम योगदान देते हैं.

अब इन हमलों को लेकर वहां की मीडिया, डॉक्टर एसोसिएशन और वहां के प्रबुद्ध लोगों ने ही आवाज़ उठाना शुरू कर दिया है. आयरिश राष्ट्रपति माइकल डी. हिगिंस की तीखी प्रतिक्रिया के अलावा इन हमलों की निंदा करते हुए आयरलैंड के उप-राष्ट्रपति और विदेश मामलों के मंत्री साइमन हैरिस ने भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना की और हिंसा को ‘घृणित’ करार दिया. उन्होंने सोमवार, 11 अगस्त 2025 को डबलिन में भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया.

वहीं आयरलैंड के रेडियो News Talk के शो में भारतीय समुदाय पर हो रहे नस्लीय हमले के खिलाफ खुलकर बात की गई. एक ओर जहां सोशल मीडिया पर प्रवासी भारतीयों के खिलाफ एक कैंपेन के तहत ज़हर उगला जा रहा है वहीं एक तबका है जो भारत से आए मेहनतकश लोगों, डॉक्टर्स, सोशल सेक्टर, फार्मा और इंजीनियरिंग सेक्टर में काम कर रहे प्रोफेशनल्स और वर्कर्स के काम और टैलेंट के साथ-साथ उनकी आयरिश समाज में योगदान की दिल खोलकर तारीफ कर रहा है.

शो में एक महिला गेस्ट और एंकर कहती हैं कि मैं बिल्कुल साफ-साफ कहना चाहता हूँ कि जो लोग यह सोचते हैं कि ये लोग यहां आकर हमारी नौकरियां ले रहे हैं, वे गलत हैं. वे हमारी जॉब नहीं छीन रहे, बल्कि वे वो काम कर रहे हैं जिन्हें यहां करने के लिए कोई उपलब्ध या उस काम को कर ही नहीं सकते.

भारतीयों के बिना चल ही नहीं सकती है हमारी हेल्थ सिस्टम

महिला गेस्ट ने आगे कहा कि हमारी स्वास्थ्य सेवाएं इनके बिना नहीं चल सकतीं. इसमें कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए, किसी को कोई भ्रम न हो. उन्होंने भारतीयों के बारे में कहा कि ये वही लोग हैं जो आपकी (आयरिश लोग) बीमार मां, बहन और बच्चों की देखभाल कर रहे हैं.

‘हम जाकर भारतीय डॉक्टरों और नर्सों को यहां लाते हैं…’

हम भारत से डॉक्टरों और नर्सों को यहां लाने के लिए सक्रिय रूप से भर्ती करते हैं, और कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि यह ग़लत है कि हम भारत से डॉक्टर और नर्सें ले आते हैं, जिससे भारत में उनकी कमी हो जाती है.

‘भारतीय लोग मेहनती और अच्छे हैं…’

सोशल मीडिया पर इंडियंस के ख़िलाफ़ चल रहे कैंपेन पर गेस्ट ने आगे कहा कि जो लोग कहते हैं भारतीय अच्छे नहीं हैं, इन्हें नहीं लाना चाहिए उन्हें कहना चाहूंगी कि उनकी सोच ग़लत है, असल सच्चाई यह है कि ये लोग (भारतीय) बेहद अच्छे और मेहनती हैं. मैंने इनके साथ काम किया है, इन्हें सहकर्मियों के रूप में देखा है, और मेरे बच्चों के स्कूल में भी कई भारतीय बच्चे हैं. मेरा बड़ा बेटा अपनी पहली नौकरी एक भारतीय रेस्टोरेंट में करता था, जहां उसके बॉस और सहकर्मी सभी भारतीय थे — बेहद नेक और सज्जन लोग. सच कहूं तो मुझे समझ नहीं आता कि यह नफरत आखिर कहां से आ रही है.

“भारतीयों पर हमला- पहली बार मैं बतौर आयरिश शर्मिंदा हूं”

वहीं इसी शो में एक मेल गेस्ट ने कहा कि सच कहूं तो यह हमारे देश के लिए एक धब्बा है. मैं शायद ही कभी आयरिश होने पर शर्मिंदा महसूस करता हूँ, लेकिन जब मैंने यह खबर सुनी, तो मुझे शर्म आई.

‘भारतीय समुदाय आयरलैंड को बहुत कुछ देता है-बदले में हम क्या देते हैं-गाली, हिंसा, हमले?’

आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय समुदाय आयरलैंड को बहुत कुछ देता है, खासतौर पर उनकी जबरदस्त कार्य-निष्ठा. एक छह साल की आयरिश-भारतीय बच्ची की कहानी, जो वाटरफोर्ड में अपने घर के बाहर खेल रही थी और उसे नस्लभेदी गालियाँ दी गईं. वह यहीं पैदा हुई, यहीं पली-बढ़ी, और यहीं अपना जीवन बिताएगी. इस घटना ने हम सभी को झकझोर कर रख दिया है.

उन्होंने आगे कहा कि सवाल यह है कि अब हम क्या करेंगे? यह सब सोशल मीडिया से प्रेरित हो रहा है. और मुझे पता है कि मैं जो बात कहने जा रहा हूं वह शायद कुछ लोगों को पसंद न आए, लेकिन हमें इसका सामना करना होगा. हमारी "इंसाइटमेंट टू हेट्रेड" कानून 1989 का है, और पिछले 35-36 वर्षों में इसके तहत सिर्फ सात सफल मुकदमे हुए हैं. यह कानून स्पष्ट रूप से इंटरनेट युग के लिए बना ही नहीं है. पहले हमारे कुछ राजनेता पहचान की राजनीति से प्रेरित होकर अतिरंजना कर रहे थे, लेकिन अब हम एक और अतिवाद में चले गए हैं, जहां कुछ राजनेता उन लोगों से प्रभावित हो रहे हैं जो डरते हैं या कहते हैं कि अगर हम इस मुद्दे से निपटते हैं तो हम ‘वोक’ हो रहे हैं. लेकिन नफरत से लड़ना वोक होना नहीं है. हमें अपने कानून को अपडेट करना होगा ताकि ऑनलाइन नस्लभेदी घृणा को सही ढंग से संबोधित किया जा सके, क्योंकि यह अब एक सच्चाई बन चुकी है और इससे निपटना ज़रूरी है.

आयरलैंड में बढ़ रहे प्रवासी भारतीयों पर हमले!

हाल के हफ्तों में भारतीय मूल के लोगों पर कई हमले दर्ज किए गए हैं. सबसे चौंकाने वाली घटना एक छह साल की भारतीय बच्ची पर हमला थी, जिसमें कुछ बच्चों ने उसे निजी अंगों पर चोट पहुंचाई. इसके अलावा, 26 जुलाई को डबलिन के दक्षिण-पश्चिमी उपनगर टल्लाघट में एक भारतीय व्यक्ति पर हिंसक हमला हुआ, जिसमें उसे पीटा गया और कपड़े उतार दिए गए. इस घटना को संभावित नफरत अपराध के रूप में जांचा जा रहा है. आयरिश टाइम्स के अनुसार, हमलावरों ने पीड़ित पर बच्चों के साथ अनुचित व्यवहार का झूठा आरोप लगाया, जिसे बाद में सोशल मीडिया पर कुछ चरमपंथी समूहों द्वारा बढ़ावा दिया गया.

इसके जवाब में, भारतीय दूतावास ने 1 अगस्त 2025 को एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें भारतीय नागरिकों से सुनसान इलाकों में जाने से बचने और व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए सतर्क रहने को कहा गया.

आयरलैंड सरकार की प्रतिक्रिया

उप-राष्ट्रपति साइमन हैरिस ने भारतीय समुदाय के साथ मुलाकात के बाद कहा, "मैं हाल के हफ्तों में भारतीय समुदाय के कुछ सदस्यों के खिलाफ हिंसा और नस्लवाद के घृणित कृत्यों की पूरी तरह से निंदा करता हूं. भारतीय समुदाय ने आयरलैंड के लिए सकारात्मक योगदान दिया है." उन्होंने यह भी बताया कि लगभग 80,000 भारतीय आयरलैंड में रहते हैं और शिक्षा, स्वास्थ्य, और व्यापार जैसे क्षेत्रों में उनका योगदान उल्लेखनीय है.

डबलिन के कैथोलिक आर्चबिशप डर्मोट फैरेल ने भी हमलों को "पूरी तरह से निंदनीय" बताया और समुदाय से पुलिस का समर्थन करने की अपील की. उन्होंने कहा, "भारतीय समुदाय हमारे समाज का अभिन्न अंग है, खासकर स्वास्थ्य और अन्य आवश्यक सेवाओं में."

'इंडिया डे' किया गया स्थगित

इन हालिया नस्लीय घटनाओं के कारण आयरलैंड इंडिया काउंसिल ने 15 अगस्त को होने वाले वार्षिक 'इंडिया डे' उत्सव को स्थगित कर दिया. यह आयोजन 2015 से डबलिन के फार्मलेघ हाउस में भारतीय स्वतंत्रता दिवस के साथ आयोजित किया जाता रहा है. काउंसिल के सह-अध्यक्ष प्रशांत शुक्ला ने कहा, "वर्तमान स्थिति उत्सव के लिए अनुकूल नहीं है. हम स्थिति की समीक्षा कर नई तारीखों की घोषणा करेंगे."

आयरलैंड की सोसाइटी और विकास में भारतीय समुदाय का योगदान

आयरलैंड में लगभग 100,000 भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं. विशेष रूप से, भारतीय नर्सें आयरलैंड में पंजीकृत नर्सों का 20% हिस्सा हैं, जबकि भारतीय आबादी देश की कुल जनसंख्या का केवल 2% है. इसके अलावा, लगभग 10,000 भारतीय छात्र आयरलैंड के शैक्षणिक संस्थानों में इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, चिकित्सा और प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में पढ़ाई कर रहे हैं.

पुलिस ने शुरू की नस्लीय हिंसा वाले एंगल से जांच

आयरलैंड की पुलिस, अन गार्डा सियोचाना, ने हमलों की जांच शुरू की है और कुछ मामलों को नफरत अपराध के रूप में देखा जा रहा है. डबलिन में गश्त बढ़ा दी गई है, और पुलिस ने युवाओं के साथ काम करने के लिए जुवेनाइल लियाजन ऑफिसर नियुक्त किए हैं. भारतीय दूतावास आयरिश अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है.

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