क्यों चुनाव लड़ा, क्यों ली शपथ...अमित शाह ने बिहार में विपक्ष के चुनाव कैंपेन को बता दिया घुसपैठिया बचाओ यात्रा
'भगवान करें मैं गलत हो जाऊं, कांग्रेसी एक दिन इनका हिसाब मांगेंगे... वोट चोरी के आरोपों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर बोला बड़ा हमला. उन्होंने बता दिया कि देश में कौन से दो चुनाव असल में वोट चोरी थे.
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लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री का उग्र रूप देखने को मिला. उन्होंने इस दौरान वोट चोरी के आरोपों पर विपक्ष के आरोपों पर अपना जवाब जोरदार तरीके से दिया. उन्होंने इस दौरान सामने की बेंच पर बैठे विपक्षी सांसदों की ओर इशारा करते हुए कहा कि मेरा भाषण है, मैं बोल रहा हूं तो मैं ही तय करूंगा कि कब, किस क्रम में और क्या बोलना है, जवाब सुन लें, जब सवाल बच जाएं तो फिर पूछ लें.
'ये लोग घुसपैठिया बचाव यात्रा निकालते रहे...'
इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि अगर इन्हें चुनाव से ही दिक्कत है तो इन्होंने क्यों चुनाव लड़ा, क्यों शपथ लिया? उन्होंने आगे कहा कि ये लोग घुसपैठिया बचाओ यात्रा निकालते रहे और हम बिहार में तीन चौथाई बहुमत से जीतते रहे.
'हम चर्चा से नहीं भागते, बस...'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि इस विषय पर चर्चा के लिए सत्र की शुरुआत में दो दिन गतिरोध भी हुआ. इस एक प्रकार की गलतफहमी और गलत धारणा जनता के बीच में पड़ी कि हम लोग चर्चा नहीं करना चाहते. लेकिन हम भाजपा और एनडीए वाले चर्चा से कभी नहीं भागते, लेकिन चर्चा संसद के नियमों के अनुसार होनी चाहिए.
SIR पर चर्चा का जवाब कौन देगा?
अमित शाह ने कहा कि विपक्ष मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा के लिए अड़ा है, जबकि इस सदन में एसआईआर पर चर्चा नहीं हो सकती, क्योंकि यह प्रक्रिया चुनाव आयोग की है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और चुनाव आयुक्त सरकार के तहत काम नहीं करते हैं, इसलिए अगर सदन में एसआईआर पर जब चर्चा होगी तो उससे जुड़े सवालों का जवाब कौन देगा?
उन्होंने कहा कि चर्चा चुनाव सुधारों के लिए तय हुई थी, लेकिन विपक्ष के ज्यादातर सदस्यों ने एसआईआर पर ही चर्चा की. उन्होंने कहा कि इस एसआईआर पर एकतरफा चार महीने से झूठ फैलाया गया और देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया.
अमित शाह ने कहा कि मैंने एसआईआर की प्रक्रिया का, इससे जुड़े हुए संवैधानिक अनुबंधों का और भूतकाल में हुए एसआईआर का गहन अध्ययन किया है. उन्होंने कहा कि मैं इस सदन के माध्यम से कांग्रेस द्वारा फैलाए गए झूठ का जवाब देना चाहता हूं.
SIR चुनाव आयोग का अधिकार: शाह
उन्होंने कहा कि इस देश के संविधान से, संविधान के अनुच्छेदों से चुनाव आयोग की रचना हुई है. एक प्रकार से चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है. संविधान के अंदर चुनाव आयोग का गठन, उसकी शक्तियां, चुनावी प्रक्रिया, मतदाता की परिभाषा और मतदाता की सूची को तैयार करने और उसको सुधार करने की शक्तियों के बारे में स्पष्ट प्रावधान किया गया.
उन्होंने कहा कि जब ये प्रावधान किए गए, तब हमारी पार्टी बनी भी नहीं थी. हमारी पार्टी के अलावा जो लोग हैं, उन्होंने संविधान सभा में चर्चा के बाद इस संविधान को बनाया था.
अमित शाह ने कहा कि हमारे संविधान ने फ्री एंड फेयर चुनाव कराने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग को सौंपी. मतदाता सूची बनाने और मतदाता सूची में सुधार करने की जिम्मेदारी भी चुनाव आयोग की तय की है. संविधान के भाग 15 में अनुच्छेद 324 में चुनाव आयोग का गठन, चुनाव आयुक्त की नियुक्ति, लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति के चुनाव का संपूर्ण नियंत्रण संविधान ने चुनाव आयोग को दिया है.
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क्यों शपथ लेने पहुंच जाते हैं?
अमित शाह ने संसद में इस दौरान कहा कि जब आप जीतते हैं तो नए कपड़े सिलवा कर शपथ लेने पहुंच जाते हो, जब हारते हैं तो कहते हो चुनाव आयोग भाजपा के लिए काम कर रहा होता है। ये दोहरा मापदंड नहीं चलेगा. इतनी दिक्कत है तो चुनाव लड़ते क्यों हो.
अमित शाह के भाषण के बीच उठे राहुल गांधी, हुआ हंगामा
वहीं अमित शाह के भाषण के बीच राहुल गांधी खड़े हुए और सवाल उठाने लगे. उन्होंने इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त की फुल स्वतंत्रता पर सवाल उठाए. उनके बोलने के बाद जब अमित शाह उठे तो उन्होंने राहुल गांधी को समझाते हुए कहा कि मैं 20 साल से संसदीय प्रणाली को देख रहा हूं. आपकी मुंशफी से संसद नहीं चलेगी, मेरे बोलने का क्रम मैं तय करूंगा, आप नहीं.
नेहरू का पीएम होना पहली वोट चोर - अमित शाह
अमित शाह ने इस दौरान कहा कि राहुल गांधी को धैर्य रखना चाहिए. राहुल गांधी तय नहीं करेंगे कि मैं क्या बोलूंगा. आपका डबल स्टैंडर्ड नहीं चलेगा, वोट चोरी क्या होती है, मैं बताता हूं. नेहरू का पीएम होना पहली वोट चोरी थी.
इम्युनिटी क्या है, मैं बताता हूं- अमित शाह
अमित शाह ने इस दौरान तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष के नेता ने कहा कि आपने चुनाव आयुक्तों को इम्यूनिटी दे दी. मान लो हमने तो चुनाव आयुक्त को दी, लेकिन इंदिरा गांधी ने तो खुद को इम्युनिटी दे दी. 2-3-4, नंबर के जज को बाइपास करके चौथे नंबर के जज को चीफ जस्टिस बनाया और अपना केस भी जीत लिया. ये तो इतिहास है कौन झुठला सकता है.
सोनिया गांधी का केस अदालत में पहुंचा है-अमित शाह
अमित शाह ने सोनिया गांधी की नागरिकता को लेकर दायर एक याचिका पर कहा कि दिल्ली की अदालत में एक केस पहुंचा है कि सोनिया गांधी इस देश की नागरिक बनने से पहले वोटर बन गईं. उन्होंने आगे कहा कि अब जवाब तो उन्हें अदालत में देना है. हमें जवाब नहीं देना है.
आप जीते तो ठीक, हम जीते तो गलत: शाह
अमित शाह ने इस दौरान कहा कि हम 44 विधानसभा चुनाव जीते, आप भी 30 चुनाव जीते, अगर मतदाता सूची गलत थी तो क्यों शपथ लिया. राहुल गांधी जहां से चुनकर आए थे, वहां भी इसी तरह की दिक्कत थी, इसका जवाब क्यों नहीं देते. उन्होंने अमेठी का भी बताया, इसका जवाब क्यों नहीं देते. वोटर लिस्ट में जो थोड़ी गलतियां हैं, उसको मुद्दा बनाते हैं. जब हम हारते हैं तो पार्टी में मंथन करते हैं, आप हारते हैं तो चुनाव आयोग गलत है.
जज के महाभियोग नोटिस पर शाह का हमला
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अमित शाह ने मद्रास हाईकोर्ट के जज स्वामीनाथन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जज ने मंदिर के मामले में अपना फैसला सुनाया, और इसके तुरंत बाद विपक्ष उनके इंपीचमेंट का मोशन लेकर सामने आ गया.
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