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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले केजरीवाल ने क्यों बदल दिया पार्टी के चुनाव चिन्ह का रंग ?

सत्ताधारी आम आदमी पार्टी एक तरफ़ दुबारा सत्ता में वापसी करने के लिए नई रणनीति के साथ चुनावी मैदान तैयारियों में जुटी हुई है तो वही विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी भी चुनावी तैयारियों के साथ इस चुनाव में दिल्ली में सत्ता परिवर्तन का दावा कर रही है। इस बीच आम आदमी पार्टी ने अपने चुनाव चिन्ह के रंग में एक नया परिवर्तन किया है। जिसको लेकर तमाम बातें चल रही है।

देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा के लिए महज़ कुछ महीने के समय बचा है। इसको लेकर राज्य का सियासी पारा आसमान छू रहा है। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी एक तरफ़ दुबारा सत्ता में वापसी करने के लिए नई रणनीति के साथ चुनावी मैदान तैयारियों में जुटी हुई है तो वही विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी भी चुनावी तैयारियों के साथ इस चुनाव में दिल्ली में सत्ता परिवर्तन का दावा कर रही है। इस बीच आम आदमी पार्टी ने अपने चुनाव चिन्ह के रंग में एक नया परिवर्तन किया है। जिसको लेकर तमाम बातें चल रही है। 


चुनाव चिन्ह के रंग को AAP ने क्यों बदला 

दरअसल, आम आदमी पार्टी का चुनाव चिन्ह झाड़ू है जिसका रंग पहले सफ़ेद हुआ करता था लेकिन चुनाव से ठीक पहले पार्टी ने चुनाव के रंग को बदलते हुए इसे काला कर दिया है। पार्टी कोकरीब से जानने वालों की माने तो बुरी नज़र से पार्टी को बचाने के लिए चुनाव चिन्ह के रंग में पार्टी ने बदलाव किया है, क्योंकि काला रंग बुरी नजर से बचाता है, वही पहले जो सफ़ेद रंग था वो शांति का प्रतीक था। वही पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक़ पार्टी ने सिर्फ़ चुनाव चिन्ह का रंग बदला है, पार्टी के तेवर और लोकप्रियता आज भी पहले वाली ही है। झाड़ू मतलब केजरीवाल और केजरीवाल मतलब झाड़ू। पार्टी के नेताओं का दावा है कि इस बार भी झाड़ू की लहर है और राज्य में लगातार चौथी बार AAP की सरकार बनने जा रही है। हालाँकि इन सब बातों से इतर AAP पार्टी ने अपने चुनाव निशान झाड़ू का रंग क्यों बदला? क्यों झाड़ू सफेद से काली हुई, फ़िलहाल इसके वजह का तो मुख्य रूप से जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन ये तो स्पष्ट है कि अब झाड़ू AAP के हर बैनर पोस्टर और मच पर सफेद की जगह काली नजर आने लगी हैं। 


चुनाव चिन्ह में कब दिखा नया रंग 

दरअसल, आम आदमी पार्टी को जब से राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा मिला है। उसके बाद से पार्टी में बहुत कुछ बदला। पहले पार्टी का मुख्य कार्यालय 206, राउज एवेन्यू, पंडित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग में था। इसके बाद जब पार्टी का कार्यालय बंगला नंबर 1, (कैनिंग लेन) पंडित रविशंकर शुक्ला लेन में शिफ़्ट हुआ। तब से यह बदलाव सामने आया है। मतलब नए दफ़्तर में शिफ़्ट होते ही पार्टी ने चुनाव चिन्ह के रंग में बदलाव का प्रयोग किया है। 


ग़ौरतलब है कि दिल्ली में कथित शराब नीति घोटाले मामले में तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफ़ा देकर पार्टी की सक्रिय नेता आतिशी को इस कुर्सी पर बैठाया था। उस वक़्त ही केजरीवाल ने कहा था कि वो अब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तब बैठेंगे जब उन्हें जनता बैठाएगी। इसके बाद से ही केजरीवाल ज़मीनी स्तर पर उआतरकर लगातार दिल्ली के अलग-अलग इलाक़ों में प्रचार अभियान में जुटे हुए है। 

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