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कौन हैं बलूचिस्तान की Half Widow? महरंग बलोच से क्या है इनका नाता?

बलूचिस्तान में 8000 महिलाएं ऐसी हैं, जिन्हें "हाफ विडो" कहा जाता है, क्योंकि वे नहीं जान पातीं कि उनके पति जिंदा हैं या पाकिस्तान सेना द्वारा मारे गए हैं। मुशर्रफ के शासनकाल में बलूचों का नरसंहार हुआ, जिसमें बड़े नेता नवाब बुगती की हत्या भी शामिल थी। बलूचिस्तान में हिंगलाज देवी मंदिर है, जिसे बलूच लोग संभालते हैं। डॉ. महरंग बलोच, जो बलूचों की प्रमुख नेता हैं, ने अपनी शादी न करके बलूच लोगों के मुद्दों को उठाया है। पाकिस्तान उनसे इतना डरता है कि एक बार उन्हें कराची एयरपोर्ट पर रोका गया था।

12 Mar, 2025
( Updated: 12 Mar, 2025
02:23 PM )
कौन हैं बलूचिस्तान की Half Widow? महरंग बलोच से क्या है इनका नाता?
बलूचिस्तान में 8000 महिलाएं ऐसी हैं, जिन्हें "हाफ विडो" कहा जाता है, यानी वे यह नहीं जान पातीं कि उनके पति जिंदा हैं या पाकिस्तान सेना द्वारा मारे गए हैं। एक संस्था द्वारा तैयार की गई लिस्ट के अनुसार, मुशर्रफ के शासनकाल में केवल 8000 बलोच लोग लापता थे, जिनके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

मुशर्रफ के शासनकाल में बलूचों का नरसंहार


मुशर्रफ के शासन में बलूचों का खतरनाक नरसंहार हुआ, जिसमें बलूचिस्तान के सबसे बड़े नेता नवाब बुगती की हत्या भी शामिल है। बुगती केंद्रीय मंत्री और सांसद रह चुके थे। इस नरसंहार के बाद बलूच लोगों के दिलों में पंजाबियों और मुहाजिरों के प्रति एक खतरनाक नफरत पैदा हो गई।

बलूचिस्तान का शक्तिपीठ - हिंगलाज देवी मंदिर


इतिहास और संघर्षों के बावजूद, बलूचिस्तान में शक्तिपीठ हिंगलाज देवी का मंदिर है, जिसे बलूच लोग पूरी श्रद्धा से देखभाल करते हैं। अब तक बलूचिस्तान में किसी हिंदू की हत्या नहीं हुई, हालांकि कुछ महीने पहले दो हिंदुओं की हत्या सिंध के डाकुओं द्वारा की गई थी।

डॉ. महरंग बलोच: बलूचों की आवाज़


बलूचिस्तान की सबसे बड़ी नेता, डॉ. महरंग बलोच, जो एक एमबीबीएस डॉक्टर हैं, उनके पिता और दो भाई भी "मिसिंग पर्सन" की लिस्ट में हैं। उन्होंने बलूच लोगों की आवाज़ बनने के लिए अब तक शादी नहीं की और उनके मुद्दों को उठाती रही हैं।

पाकिस्तान डॉ. महरंग बलोच से इतना डरता है कि एक बार जब वह अमेरिका का नागरिक सम्मान लेने जा रही थी, तो उन्हें कराची एयरपोर्ट पर रोक लिया गया। एक बार, जब वह बलूचिस्तान से बलूचों का काफिला लेकर इस्लामाबाद पैदल आ रही थी, तब इस्लामाबाद के एक चौराहे पर पाकिस्तान सेना के ब्रिगेडियर ने उन्हें रोका। तब डॉ. महरंग ने उस ब्रिगेडियर से कहा, "तुम्हारी बहादुरी हम बलूचों पर क्यों आती है? भारत के सामने तुम्हारी पतलून गीली हो जाती है। क्या तुम्हें याद है 1971 में बंगालियों और भारतीय सेना ने तुम लोगों की पतलून उतारी थी और तुमने दुनिया का सबसे बड़ा सरेंडर किया था? तुमको तो कश्मीर बॉर्डर पर होना चाहिए, भारत के बॉर्डर पर होना चाहिए, तुम यहां क्या कर रहे हो?" इस पर ब्रिगेडियर का चेहरा देखने लायक हो गया था।

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