कौन हैं वो धाकड़ अधिकारी जिसने 12 घंटे में धड़ाधड़ 14 मस्जिदें गिरा दी ?
गुजरात के सोमनाथ मंदिर के पास 320 करोड़ की उस ज़मीन को ख़ाली कराया गया जिसपर अवैध क़ब्ज़ा था। आज आपको एक ऐसे अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके एक आदेश पर एक साथ देश की सबसे बड़ी बुलडोज़र स्ट्राइक हो गई।
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गुजरात के गिर Somnath में 12 घंटे तक नॉनस्टॉप 58 बुलडोज़र तोड़फोड़ करते रहे और किसी उप्रदवी की हिम्मत नहीं हुई कि पत्थर उठा ले, अरे पत्थर छोड़िए कंकड़ तक उठाकर फेंक दे। रात 3 बजे से शुरू होकर अगले दिन 3 बजे जाकर देश की सबसे बड़ी बुलडोज़र स्ट्राइक रूकी तो पता चला कि 320 करोड़ की ज़मीन को अवैध अतिक्रमण से मुक्त करा लिया गया है। आंकड़ा ये भी मिला है 45 कमरों में चलने वाला मुसाफिरखाने के साथ साथ 14 मस्जिदें भी इस बुलडोज़र की चपेट में ढह गई। और इसी के साथ 102 एकड़ ज़मीन को अवैध क़ब्ज़े से मुक्त कराने में गुजरात प्रशासन सफल ही नहीं बल्कि सुपर सफल हुआ।
लेकिन जितना आसान ये सब सुनने में आपको क्या लगा ? क्या वाक़ई इतना आसान सब कुछ रहा होगा ? आज आपको देश की सबसे बड़ी बुलडोज़र स्ट्राइक की इनसाइड स्टोरी आपको बताएंगे, साथ ही उस धाकड़ IPS के बारे में भी आपको विस्तार से जानने की ज़रूरत है जिसने पत्थरबाज़ों पर ऐसी लगाम लगाई, SP साहब ने ऐसा प्लान बनाया कि आप भी सलाम करने लगेंगे।
सबसे पहले जरा इन जनाब को देखिए। वर्दी में ऑन ड्यूटी तैनात ये हैं सिंघम IPS मनोहर सिंह जडेजा, जिनके एक्शन की परछाई से भी पत्थरबाज़ कांपते हैं। इसका अंदाज़ा आप इसी से लगा सकते हैं कि जब यूपी के अकबरनगर में अवैध अतिक्रमण हटाए जाने के लिए बुलडोज़र पहुँचता है तो मामला कोर्ट जाता है, बवाल होता है राजनीति होती है वगरैह वग़ैरह। फिर जब इसी तरह का एक्शन दिल्ली के तुग़लक़ाबाद में होता है तो भी यही सब। उत्तराखंड के हल्द्वानी में तो हिंसा जगज़ाहिर है ही। लेकिन गुजरात के सोमनाथ मंदिर के पास एक रात में 320 करोड़ की अवैध ज़मीन ख़ाली करा ली जाती है 14 मस्जिद दरगाहें तोड़ दी जाती है और एक पत्थर तक किसी के हाथ में नहीं दिखता।
सोचिए इतने बड़े पैमाने पर जब एक्शन होता है तो कुछ असमाजिक तत्व भी मौक़े का फ़ायदा उठाकर दंगे कराने की कोशिश करते हैं, गुजरात में ऐसा कुछ नहीं हुआ। बुलडोज़र भी चले, नॉनस्टॉप चले। डंपर और ट्रैक्टर की मदद से सारा का सारा मलबा भी हाथों हाथ उठा लिया गया और सब देखते रह गये। जानते हैं क्यों ? क्योंकि इस बड़े एक्शन से पहले एसपी मनोहर सिंह ज़डेजा ने पूरा प्लान खुद तैयार किया था। जिन लोगों ने एसपी का विरोध करने की शुरुआत में थोड़ी बहुत कोशिश की भी ऐसे 135 लोगों को बिना देर किए हिरासत में ले लिया गया था जिसके बाद तो किसी की कुछ करने की हिम्मत ही नहीं हुई।
बाकि की कहानी इन तस्वीरों की ज़ुबानी आप अच्छे से समझ सकते हैं। लोग कह रहे हैं कि IPS हो तो ऐसा हो। जो ख़ुद ज़मीनी स्तर पर जाकर मोर्चा सँभालते हुए नज़र आए। वैसे इस पूरे ऑपरेशन में अकेले SP मनोहर ही नहीं बल्कि तेज़तर्रार डीएम को भी श्रेय दिया ही जाना चाहिए। डीएम दिग्विजय सिंह जडेजा ने साफ़ कहा कि हमने तो क़ानूनी प्रक्रिया अपनाई, इन्हें पहले नोटिस दिया, नहीं सुना गया तो फिर आख़िर में हमें बुलडोज़र चलाना पड़ा।
बहरहाल, इतने बड़े पैमाने पर जिस तरह से ये अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया, उसके पीछे की कहानी भी जान लीजिए। रात लगभग 3 बजे अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरु हुआ जो 12 घंटे तक Nonstop चलता रहा। बताया जा रहा है कि जो ज़मीन ख़ाली कराई गई है उसकी अनुमानित क़ीमत 320 करोड़ रूपये है। सोचिए 320 करोड़ की ज़मीन पर अवैध निर्माण कर रखा था जिसे ज़मींदोज़ किया गया तो कुछ कट्टरपंथियों ने ये कहकर हल्ला काटा कि देखे दरगाह मस्जिद पर बुलडोज़र चला है, जबकि कुल मिलाकर ये संपत्ति 320 करोड़ रूपये की है। हालाँकि इस ज़मीन को ख़ाली कराने के पीछे का कारण ये है कि सोमनाथ में कॉरिडोर बनना है, केंद्र सरकार मंज़ूरी दे चुकी है। सोमनाथ मंदिर की भव्यता को और बढ़ाने के लिए इसके विकास को और बढ़ाने के लिए लगातार काम चल रहा है, इसी कड़ी में ये कदम उठाया गया है।
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