जब योगी ने बताया कैसे Akhilesh-Shivpal यूपी में वसूली का गोरखधंधा चलाते थे
सीएम योगी ने अखिलेश यादव और शिवपाल यादव पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी सरकार के समय दोनों में वसूली करने की होड़ लगती थी। सीएम ने कहा कि इनकी सरकार में ऐसी कोई भर्ती नहीं थी, जिसकी जांच न हो रही हो। कोई भर्ती ऐसी नहीं थी कि जिसमें न्यायालय को हस्तक्षेप न करना पड़ा हो।
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Yogi Adityanath : Yogi Adityanathजब बोलते है बेबाक बोलते है, वो सदन में हो, किसी रैली रोड़ शो में हो या फिर मीडिया के सामने, यही कारण है कि उनके विरोधी उन्हें खास पसंद नहीं करते, क्योंकि कहीं भी वो विरोधियों के धागे खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ते। अभी पिछले दिनों जो रौद्र रुप योगी का विधानसभा में देखने को मिला था, योगी का वही अंदाज अभी भी जारी है, हर बार की तरह योगी ने एक बार फिर से अखिलेश के शासन की धज्जियां उड़ाई है, बताया है युवाओं को रोजगार देने के नाम पर कैसे अखिलेश और शिपवाल वसूली का कारोबार किया करते थे। .
दरअसल मौका था नियुक्ति पत्र वितरण का, सीएम योगी ने अलग अलग विभागों में कुल 1036 नियुक्ति पत्र बांटे है। और लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से योगी आदित्यनाथ जिस अंदाज में काम कर रहे है, वो दिखाता है कि योगी आने वाले चुनावों के लिए अलग तरहा की तैयारी करने में जूटे है, क्योंकि इस चुनाव के बाद रोजगार का मुद्दा जोरों-शोरों से गर्माया था, विपक्ष ने इस मुद्दे को भुनाया भी था, नतीजा था देश में 303 से 240 और यूपी में 62 से 33 पर सिमट जाना।
लेकिन अब आने वाले उपचुनाव में और 2027 के चुनावों से पहले योगी हर कमी को दूर कर देना चाहते है। और शायद यहीं कारण है कि अपने काम के साथ विरोधियों को भी योगी लगातार उधेड़ने का काम कर रहे है। योगी के राज में पिछले सात सालों में साढे छह लाख से ज्यादा सरकारी नौकरी देने का काम कर चुकी है, और इसके साथ ही दो करोड़ लोगों को भी रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने का काम ये सरकार कर चुकी है। और ये काम दिखते भी है। यहीं कारण है कि विपक्ष बीजेपी से ज्यादा सीट जीतने के बाद भी यूपी में अपनी जमीन ढुंढने की कोशिश में लगा है। वैसे जिस तरीके से योगी प्रदेश के लिए काम कर रहे है
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