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जब मेरे पिता “प्रणब मुखर्जी” का निधन हुआ तो कांग्रेस ने.... प्रणब मुखर्जी की बेटी का बड़ा बयान

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस के रवैये पर सवाल उठाए है। उन्होंने पहले ट्वीट किया था और अब एक बयान देकर उन्होंने कांग्रेस को जमकर लताड़ा है। देखिए ये वीडियो।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक मनाने के बजाए कांग्रेस उनकी अर्थी पर राजनीतिक रोटी सेंकने पर तुली हुई है। इस कारनामे में चौतरफा कांग्रेस की थू-थू हो रही है। सवाल उठ रहें है। सवाल कोई और नहीं बल्कि उनकी खुद की पार्टी के पुराने नेता उठा रहें है। अंतिम संस्कार से पहले कांग्रेस के ऑफिशियल पेज से एक ट्वीट किया गया, जिसमें खरगे का नाम था औकर लिखा था कि आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री जी और गृहमंत्री से फ़ोन पर बात करके व एक पत्र लिखकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से पुरजोर अनुरोध किया कि भारत के सपूत सरदार मनमोहन सिंह जी को अंतिम संस्कार व स्मारक स्थापित करना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।


इस मांग को लेकर कांग्रेस षड़यंत्र रचती, राजनीतिक फायदा उठाती उससे पहले ही बीजेपी ने उनके सभी असमानों पर पानी फेर दिया। अमित शाह ने डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक बनाने की बात को मंज़ूर कर लिया। और इसका ऐलान भी हो गाय। लेकिन इसी बीच पूर्व राष्ट्रपति की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने खड़गे के साथ साथ कांग्रेस आलाकमान को सच का वो काला चिट्ठा दिखा दिया जिससे कांग्रेस की बोलती बंद हो गई। उन्होनें प्रणब मुखर्जी के साथ किए गए भेद भाव के बारे में ऐसे बात कही जिसे सुनकर आप दंगरह जाएंगे।

इससे पहले उन्होंने इसी मुद्दे पर एक ट्वीट कर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की स्मारक वाले कांग्रेस आलाकमान की माँग पर आपत्ति जताई थी और लिखा था  जब बाबा का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए CWC को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह बिलकुल बकवास है क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर,CWC को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था. कांग्रेस के आलाकमान ने पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा महज़ इसलिए की , क्योंकि वे गांधी परिवार से ताल्लुक़ नहीं रखते थे

हालांकि शर्मिष्ठा मुखर्जी का बयान कोई नया तो है नहीं, कंग्रेस छोड़कर जाने वाले सभी नेताओं का लगभग यहीं आरोप रहा है कि पार्टी के अंदर बाहरी नेताओं की कोई इज्जत नहीं की जाती। आंबेडकर विवाद पर भी कांग्रेस इसी तरह खुद के पैर पर कुलहाड़ी मार चुकी है। आंबेडकर के लिए छाती पीटने वाली कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी को पूरे के पूरे इंटरनेट ने सच का आईना दिखा दिया था। और बता दिया था कि आंबेडकर का अपमान नेहरू से ज्यादा किसी और ने किया ही नहीं। इसी कांग्रेस सरकार ने पूर्व प्रधान मंत्री पीवी नरसिम्हा राव के देहांत के बाद कांग्रेस कार्यालय में उनके पार्थिव शरीर को रखने की इजाजत नहीं दी, न ही उनकी अंतिम क्रिया यहां होने दिया था। इसी वजह से ये आरोप लगता रहा है कि जो भी नेता इस परिवार से अधिक फेमस होता दिखे, उसको नीचे खींचना इनका चलन है। जाते जाते आपको छोड़े जाते है शर्मिष्ठा के पूरे बयान के साथ। 

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