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‘ट्रंप के नए लहजे का स्वागत, लेकिन अपमान नहीं भूल सकते...', शशि थरूर ने US राष्ट्रपति पर साधा निशाना, PM मोदी की तारीफों के बांधे पुल

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया पर सवाल उठाए और ट्रंप के बदलते रुख पर भी टिप्पणी की. थरूर ने कहा कि भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी अहम है, लेकिन 50% टैरिफ और ट्रंप के अपमान को इतनी जल्दी नहीं भुलाया जा सकता. उन्होंने दोनों सरकारों से रिश्तों में सुधार की जरूरत बताई.

08 Sep, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
03:15 AM )
‘ट्रंप के नए लहजे का स्वागत, लेकिन अपमान नहीं भूल सकते...', शशि थरूर ने US राष्ट्रपति पर साधा निशाना, PM मोदी की तारीफों के बांधे पुल
Shashi Tharoor (File Photo)

कांग्रेस के दिग्गज नेता और सांसद शशि थरूर अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं. हर बार जब भी वे कुछ कहते हैं, सुर्खियां अपने आप बन जाती हैं. इस बार भी उनका बयान चर्चा का बड़ा विषय बना हुआ है. दिलचस्प बात यह है कि थरूर ने एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है, तो दूसरी ओर चुनाव आयोग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर सवाल खड़े किए हैं. अपनी इस रिपोर्ट में आपको बताते है आखिर उन्होंने क्या कहा और उनके इन बयानों का राजनीतिक मायने क्या हैं.

ट्रंप का नया लहजा लेकिन पुराना अपमान याद: शशि थरूर 

शशि थरूर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री ने ट्रंप के सकारात्मक रुख पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और दोनों ने भारत-अमेरिका के रणनीतिक रिश्तों के महत्व को रेखांकित किया. थरूर ने माना कि यह संदेश भारत के लिए अहम है, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि भारत अमेरिकी अपमान को इतनी जल्दी भूल नहीं सकता. थरूर ने याद दिलाया कि ट्रंप ने पहले भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, जिसकी चोट भारतीय व्यापारियों और आम नागरिकों तक महसूस की गई थी. उन्होंने कहा कि यह केवल आर्थिक बोझ नहीं था बल्कि कूटनीतिक तौर पर भारत के सम्मान पर भी चोट थी. थरूर ने स्पष्ट कहा कि दोनों देशों के राजनयिकों को संबंधों में सुधार लाने के लिए गंभीर कदम उठाने होंगे.

ट्रंप के स्वभाव थरूर का बयान 

कांग्रेस सांसद ने ट्रंप के स्वभाव को चंचल बताया और कहा कि उनकी बातों से कई बार भारतीयों में नाराज़गी और आहत होने की स्थिति बनती है. थरूर ने कहा कि टैरिफ के असर ज़मीन पर दिखे हैं और भारतीयों को उनके नतीजे भुगतने पड़े हैं. ऐसे में केवल मीठे बोल सुनकर कोई इतनी जल्दी भूलकर माफ़ नहीं कर सकता.

GST सुधार बेहतर कदम 

राजनीति में अक्सर विपक्ष सरकार की आलोचना करता है, लेकिन थरूर ने इस बार जीएसटी सुधारों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि अब यह व्यवस्था पहले से कहीं ज़्यादा निष्पक्ष नज़र आती है. कांग्रेस पार्टी लंबे समय से इस बात की मांग करती रही है कि जीएसटी की दरें कम की जाएं और इसे सरल बनाया जाए. थरूर ने कहा कि पहले चार दरों वाली व्यवस्था बेहद जटिल थी और आम जनता के लिए मुश्किलें पैदा करती थी. लोग इससे खुश नहीं थे क्योंकि यह भ्रमित करने वाली थी. अब जब दरों को कम करने की दिशा में कदम बढ़ा है, तो यह व्यवस्था सबके लिए बेहतर साबित हो सकती है.

चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया पर सवाल

शशि थरूर ने भारतीय चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) पर भी अपनी चिंता जाहिर की. उनका कहना है कि मतदाता सूचियों में अब भी भारी खामियां मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि सूचियों में मृत व्यक्तियों के नाम दर्ज हैं, वहीं कई जीवित मतदाता हैं जिनके नाम सूची में ही नहीं हैं. इसके अलावा ऐसे भी मामले हैं जहां लोग पते बदलने के बाद भी दो या तीन मतदान केंद्रों में नाम दर्ज करवा बैठे हैं. थरूर ने कहा कि यह समस्या पहले भी रही है, लेकिन अगर अब यह बड़े पैमाने पर सामने आती है तो इस पर चुनाव आयोग को गंभीरता से ध्यान देना होगा. उनका सुझाव है कि आयोग को इन मुद्दों का सामना छिपाकर नहीं बल्कि खुलकर करना चाहिए. तभी मतदाता सूची पारदर्शी और निष्पक्ष बन सकेगी और जनता का विश्वास चुनाव प्रक्रिया में कायम रहेगा.

राजनीतिक संदेश और उसका असर

थरूर के इन बयानों का असर केवल चर्चा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका राजनीतिक संदेश भी गहरा है. एक ओर वे प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों की तारीफ कर रहे हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि वे मुद्दों पर खुलकर राय रखते हैं, चाहे वह सरकार के पक्ष में ही क्यों न हो. दूसरी ओर वे चुनाव आयोग और अमेरिकी नीति पर सवाल उठाकर यह दिखाते हैं कि विपक्ष का काम केवल विरोध करना नहीं बल्कि सच्चाई सामने लाना भी है.

बताते चलें कि थरूर का यह बयान कांग्रेस के भीतर भी चर्चा का विषय है. क्योंकि अक्सर पार्टी लाइन से हटकर दिए गए उनके बयान सुर्खियां बटोरते हैं. लेकिन यही अंदाज उन्हें बाकी नेताओं से अलग बनाता है. शशि थरूर के हालिया बयान ने एक साथ कई मुद्दों को छुआ है. उन्होंने जहां पीएम मोदी की जीएसटी सुधारों के लिए तारीफ की, वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के रवैये को लेकर सख्ती दिखाई. साथ ही चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया पर भी गंभीर सवाल उठाए. उनका यह कहना कि अपमान को इतनी जल्दी भुलाया नहीं जा सकता, भारत-अमेरिका संबंधों की जटिलता को उजागर करता है. वहीं जीएसटी पर उनकी सकारात्मक राय सरकार की आर्थिक नीतियों को मान्यता देती है.

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ऐसे में थरूर के इस बयान ने फिर से साबित कर दिया कि वे भारतीय राजनीति के उन नेताओं में से हैं जो किसी भी मुद्दे पर अपनी साफ और निडर राय रखने से पीछे नहीं हटते. यही कारण है कि उनके बयान चर्चा और बहस का बड़ा आधार बन जाते हैं.

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