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'PM मोदी की बात को टाल नहीं सकते पुतिन', रूस के कट्टर दुश्मन देश के विदेश मंत्री को भारत में दिखी आशा की किरण

ट्रंप, जिनपिंग भी नहीं...PM मोदी की बात गौर से सुनते हैं पुतिन... ये कोई भारत के नेता का बयान नहीं है बल्कि रूस के एक और कट्टर दुश्मन देश के विदेश मंत्री का बयान है. पुतिन के भारत दौरे से पहले दिल्ली आए विदेश मंत्री ने रूस-यूक्रेन युद्ध को रुकवाने के मामले में भारत से बड़ी उम्मीद लगाई है.

रूस और यूक्रेन के बीच करीब 4 साल से ज्यादा से जारी जंग के बीच भारत वैश्विक कूटनीति और ताकत का केंद्र बन गया है. दोनों देशों के बीच जिस युद्ध को ट्रंप नहीं रुकवा पा रहे हैं उसे रोकने की उम्मीदें पीएम मोदी से लगाई जाने लगी हैं. इसी कड़ी में तमाम देश चाह रहे हैं कि हिंदुस्तान उसके पक्ष को समझे और उस पर बात करे. इसी सिलसिले में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आगामी बहुप्रतिक्षित और चर्चित नई दिल्ली दौरे से पहले पोलैंड के विदेश मंत्री व्लादिस्लाव तोफिल बार्टोजूस्की भारत की यात्रा पर आए हुए हैं.

इसी बीच बार्टोजूस्की ने एक भारतीय अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में बड़ी बात कही है. उन्होंने तो ये भी दावा कर दिया है कि एक भारत ही है जो ये जंग को रोक सकता है, एक पीएम मोदी ही हैं, जिसकी बात पुतिन सुनते हैं. उन्होंने तो ये भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो भी बात कहते हैं उस पर पुतिन गौर से ध्यान देते हैं. 

पोलैंड के विदेश मंत्री व्लादिस्लाव टेओफिल बार्टोस्ज़ेव्स्की ने उम्मीद जताते हुए कि जब रूसी राष्ट्रपति दिल्ली आएंगे, तो प्रधानमंत्री मोदी उन्हें शांति वार्ता और पीस की स्थापना के लिए ज़ोरदार सुझाव देंगे. 

भारत ने सही किया था: पोलैंड के विदेश मंत्री

इसके अलावा पोलैंड के विदेश मंत्री ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पुतिन से बात करके उन्हें यूक्रेन की धरती पर सामरिक परमाणु हथियारों का इस्तेमाल न करने के लिए कहा था, जो कि एक सही सलाह थी, भारत ने सही काम किया था. इसी सफलता का हवाला देते हुए उन्होंने आगे कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी पुतिन से कहेंगे, 'मिस्टर प्रेजिडेंट, मुझे लगता है अब आपको यूक्रेन के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर देने चाहिए, क्योंकि यह न हमारे हित में है, ना यह आपके हित में है...क्योंकि इसका सीधा असर भारत पर भी पड़ता है, क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप दो सबसे बड़ी रूसी तेल कंपनियों से आने वाले तेल पर प्रतिबंध लगा रहे हैं... भारत के पास (रूस से) बहुत बड़ी आपूर्ति थी, अब यह काफी कम हो गई है.

हम टैरिफ के खिलाफ हैं: व्लादिस्लाव टेओफिल बार्टोस्ज़ेव्स्की

उन्होंने आगे कहा कि यह भी भारत के हित में नहीं है कि राष्ट्रपति ट्रंप उन टैरिफ़ को लागू करें जिनका इस्तेमाल देशों को प्रभावित करने के लिए करते हैं. बता दें कि हम टैरिफ़ के ख़िलाफ़ हैं क्योंकि हम मुक्त व्यापार के पक्ष में हैं. यह भारत के हित में है कि यूक्रेन में कोई युद्ध न हो, और यह सामान्य हो, तथा सामान्य व्यापार पुनः शुरू हो और भारत को इससे लाभ हो.

'चीन के लिए संभव नहीं, मोदी कर सकते हैं'

पोलिश विदेश मंत्री ने इस दौरान कहा कि वैसे तो चीन के पास युद्ध रोकने की अपार संभावनाएं हैं. फिर भी, भारत एक गंभीर देश है जिसके रूस के साथ अच्छे संबंध हैं, और इसलिए वह कुछ दबाव डाल सकता है, जैसा कि उसने सामरिक परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी के दौरान किया था.

'भारत एक गंभीर देश'

उन्होंने भारत की एक देश के तौर तरक्की और उसके स्टैंड में अस्थिरता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुझे लगता है कि भारत के पास फायदा है, क्योंकि भारत एक गंभीर देश है जो लंबे समय से सोवियत संघ के साथ मित्रवत रहा है, और अब रूस के साथ...भारत को रूस के दुश्मन के रूप में नहीं देखा जाता है, और वर्षों से घनिष्ठ संबंध रहे हैं, जिसका अर्थ है कि आपके पास लाभ है क्योंकि आप दोस्तों के साथ बात करने की तरह बात कर रहे हैं...

'पुतिन पीएम मोदी की बात पर ध्यान देते हैं'

हालांकि चीन के लिए यह उतना आसान नहीं है. रूस धीरे-धीरे चीन का एक जागीरदार देश बनता जा रहा है. दोनों बराबर नहीं हैं. वे एक-दूसरे पर काफी निर्भर हैं. जबकि पुतिन प्रधानमंत्री मोदी की बातों पर ध्यान देते हैं.

भारत के साथ रक्षा-सुरक्षा समझौते के लिए तैयार पोलैंड!

वहीं भारत के साथ ट्रेड और रक्षा समझौते की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा कि हम भारत को सबसे बड़ा लोकतंत्र मानते हैं. हम भारत को एक समान विचारधारा वाला देश मानते हैं जो लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा करता है. इसलिए, हम भारत के साथ विभिन्न रक्षा और सुरक्षा मुद्दों पर सहयोग करने के लिए तैयार हैं.

कौन हैं व्लादिस्लाव टेओफिल बार्टोस्ज़ेव्स्की?

पोलैंड के विदेश मंत्री व्लादिस्लाव टेओफिल बार्टोस्ज़ेव्स्की, जो उप विदेश मंत्री के समकक्ष हैं, द्विपक्षीय बातचीत के लिए भारत आ रहे हैं. उनकी यह यात्रा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 4-5 दिसंबर को होने वाली भारत यात्रा से कुछ दिन पहले हो रही है.

बार्टोस्ज़ेव्स्की, जो पोलैंड में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों (जेपी मॉर्गन, आईएनजी बैरिंग्स, क्रेडिट सुइस) के सीईओ और बोर्ड सदस्य रह चुके हैं, पोलिश विदेश मंत्रालय में एशिया मामलों का कार्यभार संभालते हैं. 

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