काशी तमिल संगमम् 4.0 के लिए तैयार यूपी, नमो घाट छावनी में तब्दील, 2100 पुलिस, PAC, NDRF, ड्रोन टीम की तैनाती
दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा और सबसे पुरातन संस्कृति के मिलन और उन्हें करीब लाने के उद्देश्य से शुरू किया गया काशी-तमिल संगमम एक संस्था का रूप ले चुका है. इसने पूरी दुनिया में लोकप्रियता पाई है और देखते ही देखते इसका चौथा संस्करण शुरू होने जा रहा है. इसको लेकर वाराणसी में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं.
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तमिलनाडु और वाराणसी के बीच संस्कृति और शैक्षणिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किए गए काशी तमिल संगमम के चौथे संस्करण को लेकर वाराणसी और नमो घाट पर प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है, वहीं पुलिस ने भी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं. कार्यक्रम स्थल को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. हाई प्रोफाइल लोगों की मौजूदगी और व्यापकता को देखते हुए पुलिस सुरक्षा तैयारियों में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है. संगमम इस साल 2 से 15 दिसंबर तक चलेगा.
आपको बताएं कि नमो घाट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और तमिलनाडु के गवर्नर इस कार्यक्रम का सांझे तौर पर उद्घाटन करेंगे. इस आयोजन को लेकर नमो घाट पर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. कार्यक्रम स्थल को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. पुलिस कोई कोताही नहीं बरत रही है. सरकार के सख्त निर्देश हैं कि आने वाले अतिथियों की सुरक्षा और व्यवस्था में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
इसे देखते हुए वाराणसी पुलिस ने चौतरफा घेराबंदी की है. सुरक्षा को बेहद कड़ा कर दिया गया है. बिना जांच किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा. पूरे घाट क्षेत्र में बैरिकेटिंग की जा रही है और पुलिस और PAC के साथ-साथ हर विभाग के अफसरों की पूरी तैनाती की गई है. इस दौरान ड्रोन और सीसीटीवी से लगातार निगरानी की जाएगी.
क्या हैं सुरक्षा के इंतजाम?
वाराणसी पुलिस के डीसीपी टी. श्रवण के अनुसार कार्यक्रम की व्यापकता को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के लिए 2100 से ज़्यादा पुलिसकर्मी, PAC की तीन कंपनियां, जल पुलिस, NDRF और वाराणसी पुलिस की ड्रोन टीम को लगाया गया है. साथ ही लगभग 500 मीटर के दायरे में एरियल सर्विलांस की जाएगी ताकि कार्यक्रम के दौरान कोई चूक न हो.
काशी तमिल संगमम पर सीएम योगी का पोस्ट?
वहीं कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस कार्यक्रम के लिए अपनी खुशी जाहिर की.
उन्होंने पोस्ट में लिखा, “मैं आज बाबा विश्वनाथ के निवास पवित्र शहर वाराणसी में 'काशी तमिल संगमम' के चौथे संस्करण का गवाह बनूंगा, जो एक भारत-श्रेष्ठ भारत की एक जीवंत अभिव्यक्ति है.” उन्होंने कहा, “‘लेट्स लर्न तमिल’ थीम के साथ शुरू होने वाला यह बड़ा कार्यक्रम एक बार फिर उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृति और परंपराओं को एक धागे में पिरोने का जरिया बनेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आज का ‘न्यू इंडिया’ वैदिक और सांस्कृतिक चेतना के शिखर पर है.”
कैसा होगा इस बार का काशी तमिल संगमम?
2022 में लगभग एक महीने तक चले पहले संस्करण में दोनों राज्यों के विद्यार्थी, कलाकार और तीर्थयात्रियों ने जोश के साथ हिस्सा लिया था. तीसरा संस्करण, जो शुरू में दिसंबर 2024 के लिए प्लान किया गया था, बाद में पुनर्निर्धारित किया गया और 15 से 24 फरवरी 2025 तक आयोजित किया गया.
अधिकारियों ने कहा कि चौथा संस्करण 2 दिसंबर को वाराणसी में शुरू होगा और समापन समारोह रामेश्वरम में होगा, जो भारतीय उपमहाद्वीप के पवित्र उत्तरी और दक्षिणी छोर को प्रतीकात्मक रूप से जोड़ता है.
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