Advertisement

10 साल में 100 करोड़ की संपत्ति जुटाई! विजिलेंस की रडार पर आए कानपुर के दरोगा ऋषिकांत शुक्ला सस्पेंड

कानपुर के चर्चित वकील अखिलेश दुबे के करीबी DSP ऋषिकांत शुक्ला को सस्पेंड कर दिया गया. SI से CO बनते-बनते उनकी करीबी अखिलेश दुबे गैंग से बढ़ गई.

पुलिस महकमे में क्षेत्राधिकारी का एक सामान्य सा पद, 10 साल का कार्यकाल और संपत्ति जुटाई करीब 100 करोड़. बात हो रही है कानपुर वाले दरोगा बाबू  ऋषिकांत शुक्ला की. SIT जांच में उनके पास करीब 100 करोड़ की संपत्ति होने का खुलासा हुआ है. कानपुर के चर्चित वकील अखिलेश दुबे के करीबी ऋषिकांत शुक्ला को सस्पेंड कर दिया गया. 

ऋषिकांत शुक्ला पर विजिलेंस की जांच बैठी तो चौंकाने वाले खुलासे हुए. कानपुर पुलिस की SIT टीम की रिपोर्ट के मुताबिक, ऋषिकांत शुक्ला के नाम पर 12 बेनामी संपत्तियां हैं. जिनकी बाजार कीमत लगभग 92 करोड़ रुपए बताई गई है. इनमें से कई संपत्तिया ऋषिकांत की पत्नी और रिश्तेदारों के नाम पर हैं. इतना ही नहीं 3 संपत्तियों ऐसी हैं जिनका ब्यौरा नहीं मिल सका है, लेकिन वह ऋषिकांत शुक्ला के पैन कार्ड से जुड़ी हुई थी. 

अखिलेश दुबे गैंग से करीबी 

SIT ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि, ऋषिकांत शुक्ला 1998 से 2009 तक यानी 11 साल कानपुर नगर में तैनात रहे. SI से CO बनते-बनते उनकी करीबी अखिलेश दुबे गैंग से बढ़ गई. अखिलेश दुबे वो वकील है जिसने कोर्ट में कोई बहस नहीं की न कोई मुकदमा लड़ा. खुद की ही कचहरी लगाई और खुद ही फैसला सुना दियाा. फिलहाल वह जेल में बंद है. उस पर झूठे पॉक्सो के मुकदमे दर्ज कराकर लोगों से करोड़ों रुपयों की रंगदारी वसूलने का आरोप है. अखिलेश दुबे पर BJP के कई नेताओं को भी झूठे केस में फंसाने का आरोप है. पुलिस ने उसे कुछ दिन पहले ही अरेस्ट किया था. इसके बाद उससे जुड़े पुलिस अधिकारियों की कुंडली भी खंगाली गई. जिसमें ऋषिकांत शुक्ला का नाम सबसे ऊपर था. 

बताया जा रहा है दुबे गैंग से करीबी में ही उसने अपने लिए अकूत संपत्ति जुटा ली. SIT की जांच में सामने आया कि, शुक्ला ने अपने परिवार, साझेदारों और करीबी साथियों के नाम पर करीब 100 करोड़ रुपये की संपत्ति खड़ी की है. इनमें कानपुर के अलावा दूसरे शहरों और राज्यों में भी संपत्तिया हैं. वहीं, शिकायतकर्ताओं का कहना है कि, ऋषिकांत के पास 100 करोड़ ही नहीं 200 से 300 करोड़ की बेनामी संपत्ति है. 

आरोपों पर ऋषिकांत शुक्ला ने क्या कहा? 

वहीं, CO ऋषिकांत शुक्ला ने अपने पर लगे आरोपों को निराधार बताया. हालांकि विजिलेंस टीम और SIT की जांच लगातार जारी है. ऋषिकांत शुक्ला को सस्पेंड कर दिया गया लेकिन उन्हें बर्खास्त करने की मांग की जा रही है. शुक्ला 1998 से 2006 तक SI के पद पर थे इसके बाद साल 2006 से 2009 तक इंस्पेक्टर रहे. फिर प्रमोट होकर उन्नाव DSP का पद संभाला. 

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE
अधिक →