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हफ्ते में दो दिन मतलब 2 दिन...बिहार AIMIM अध्यक्ष अख्तरूल ईमान की ओवैसी ने नहीं सुनी गुहार, जारी कर दिया बड़ा फरमान

बिहार चुनाव में सीमांचल की 5 सीटें जीतकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी उत्साहित दिखे और दो दिवसीय धन्यवाद यात्रा पर किशनगंज पहुंचे. यात्रा के दौरान उन्होंने विधायक अख्तरूल ईमान को हफ्ते में दो दिन ब्लॉक कार्यालय में जनता से मिलने का निर्देश दिया.

Asaduddin Owaisi (File Photo)

बिहार चुनाव में भले ही विपक्ष को करारी हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इन नतीजों ने एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी को बड़ी राहत दी है. पार्टी ने सीमांचल की पांच सीटों पर जीत दर्ज की है, जिससे ओवैसी का उत्साह दोगुना हो गया है. इसी खुशी को जनता के साथ साझा करने के लिए वह दो दिवसीय धन्यवाद यात्रा पर किशनगंज पहुंचे. यात्रा के दूसरे दिन ओवैसी ने सीमांचल के चार जिलों का दौरा किया और जनता का आभार जताते हुए भरोसा दिलाया कि वह आगे भी उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहेंगे.

इस दौरान एक दिलचस्प वाकया भी देखने को मिला, जब ओवैसी (Owaisi) ने अपने नवनिर्वाचित विधायक अख्तरूल ईमान की जनता के सामने ही 'क्लास' लगा दी. उन्होंने विधायक से साफ कहा कि उन्हें हफ्ते में दो दिन ब्लॉक कार्यालय में बैठकर लोगों की समस्याएं सुननी होंगी. इतना ही नहीं, ओवैसी ने यह भी ऐलान किया कि उनकी पार्टी नई नीतीश सरकार को समर्थन देगी, लेकिन इसके लिए उन्होंने अपनी एक शर्त भी रखी है.

ओवैसी ने नहीं माना अपने विधायक का निवेदन 

असदुद्दीन ओवैसी ने अमौर में आयोजित सभा के दौरान जनता के सामने अपने पुराने वादे को दोहराते हुए कहा कि चुनाव जीतने के बाद अमौर में पार्टी का दफ्तर खोलने की घोषणा अब जल्द पूरी की जाएगी. उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि आने वाले छह महीनों के भीतर कार्यालय निर्माण का काम शुरू हो जाए. ओवैसी ने इस मौके पर विधायक अख्तरूल ईमान की जिम्मेदारियों का भी जिक्र किया. उन्होंने मंच से कहा कि अख्तरूल ईमान हफ्ते में दो दिन अमौर ब्लॉक कार्यालय में और दो दिन बैंसा ब्लॉक में बैठकर आम लोगों से मिलें और उनकी समस्याएं सुनें. ओवैसी ने साफ कहा कि जनता से नियमित संवाद उनकी प्राथमिकता है और भ्रष्टाचार तथा रिश्वतखोरी को जड़ से खत्म करना उनका लक्ष्य है. भाषण के दौरान एक मज़ेदार पल भी देखने को मिला, जब अख्तरूल ईमान मंच पर आए और उन्होंने ओवैसी से कहा कि बैठने की अवधि ‘महीने में दो दिन’ कर दी जाए. इस पर ओवैसी तुरंत मुस्कुराते हुए बोले कि यह स्वीकार नहीं होगा. उन्होंने दो टूक कहा कि हफ्ते में एक दिन बैंसा ब्लॉक में और एक दिन अमौर ब्लॉक में बैठना अनिवार्य रहेगा. ओवैसी ने कहा कि यह काम अख्तर भाई के लिए मुश्किल नहीं है और उन्हें पटना नहीं, बल्कि यहां जनता के बीच मौजूद रहना होगा.

सीमांचल के लिए ‘इंसाफ’ की मांग

सभा को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने स्पष्ट किया कि सीमांचल की जनता ने अपना मन बना लिया है और अब वे सिर्फ ‘पतंग’ के निशान को ही मजबूत करेंगे. ओवैसी ने कहा कि पटना तक जाने वाला हर संदेश सीमांचल की धरती से ही जाएगा. उन्होंने नीतीश सरकार को शर्त रखते हुए कहा कि एआईएमआईएम उन्हें समर्थन देने के लिए तैयार है, लेकिन इसके बदले सीमांचल के लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता देनी होगी. ओवैसी ने कहा कि यहां नदी कटाव, पलायन, रिश्वतखोरी जैसी गंभीर चुनौतियाँ हैं, जिनका समाधान सरकार को ईमानदारी से करना होगा. उन्होंने यह भी जोड़ा कि सड़क और पुलों के विकास को तेज करना बेहद जरूरी है. ओवैसी ने भरोसा जताया कि नवनिर्वाचित विधायक अख्तरूल ईमान इन मुद्दों को मजबूती से उठाएंगे और इन्हें पूरा कराने के लिए लगातार प्रयास करेंगे.

बताते चलें कि सीमांचल की जनता के बीच ओवैसी की यह धन्यवाद यात्रा सिर्फ राजनीतिक संदेश नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और जवाबदेही का वादा भी साबित हुई. अब देखने वाली बात होगी कि विधायक अख्तरूल ईमान ओवैसी की तय की गई जिम्मेदारियों पर कितना खरा उतरते हैं या नहीं. 

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