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भारत से रिश्ते सुधारना चाह रहे ट्रंप, दूत सर्जियो गोर के जरिए भेजा संदेश! हुई विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत से संबंध सुधारना चाह रहे हैं. इसके संकेत उस वक्त मिले जब अमेरिका के मनोनीत एंबेसडर सर्जियो गोर आधिकारिक रूप से अपना कार्यभार संभालने से पहले ही दिल्ली के 7 दिवसीय दौरे पर आए. कहा जा रहा है कि वो ट्रंप का संदेश लेकर आने के साथ-साथ हिंदुस्तान में यूएस को लेकर मूड को भांपने भी आए हैं. इसी बीच उनकी विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव से उच्च स्तरीय मुलाकात हुई है.

Image: S Jaishankar / X

भारत के लिए नवनियुक्त अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर अपनी सात दिवसीय दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे हैं. अमेरिका के साथ साथ ट्रेड और टैरिफ के मुद्दे पर जारी तनाव संबंधों के बीच उनकी विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ विदेश मंत्रालय में मुलाकात हुई है. जानकारी के मुताबिक दोनों के बीच इंडो-यूएस संबंधों और इसके बढ़ते वैश्विक महत्व पर बातचीत हुई है. आपको बता दें कि गोर 14 अक्टूबर तक भारत दौरे पर रहने वाले हैं. 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नवनियुक्त अमेरिकी राजदूत से मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा:  "आज नई दिल्ली में अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर से मिलकर प्रसन्नता हुई. भारत-अमेरिका संबंधों और इसके वैश्विक महत्व पर चर्चा हुई. उन्हें उनकी नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं." 

आपको बता दें कि आधिकारिक रूप से कार्यभार संभालने से पहले हो रही गोर की इस यात्रा में प्रबंधन एवं संसाधन उप-सचिव माइकल जे रिगास भी आए हुए हैं.

विदेश सचिव विक्रम मिसरी से भी मिले सर्जियो गोर

अपनी इस दौरे के दौरान उनकी विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा विदेश सचिव विक्रम मिसरी से भी मुलाकात हुई. इस संबंध में में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने आज सुबह भारत में अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर से मुलाकात की. उनके बीच भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी और इसकी साझा प्राथमिकताओं पर उपयोगी चर्चा हुई. विदेश सचिव ने मनोनीत राजदूत गोर को उनके कार्यभार के लिए शुभकामनाएं."

भारत में सबसे कम उम्र के अमेरिकी राजदूत होंगे गोर

भारत में अगले राजदूत के रूप में नियुक्त होने के बाद अमेरिकी राजदूत की यह पहली भारत यात्रा है. गोर भारत में सबसे कम उम्र के अमेरिकी राजदूत हैं. इस यात्रा के दौरान, राजदूत गोर और उप-सचिव रिगास भारत सरकार के अपने समकक्षों से मिलकर विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

गोर की इस यात्रा पर क्या बोला अमेरिकी दूतावास?

अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा, "अमेरिका अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और एक सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ काम करना जारी रखेगा."

ट्रंप के सबसे करीबी लोगों में से एक हैं गोर

गोर की यह यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का करीबी सहयोगी माना जाता है. इसके साथ ही ट्रंप टैरिफ के बवाल के बीच उन्होंने भारत के पक्ष में 'अनुकूल' बयान दिया है. पिछले महीने, मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि ट्रंप सरकार ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल को वाशिंगटन आने के लिए आमंत्रित किया है और दोनों पक्ष एक समझौते के करीब हैं. उन्होंने इससे पहले भी भारत के साथ रक्षा संबंधों को मज़बूत करने की वकालत की है.

सीनेट ने भी दे दी है हरी झंडी

हाल ही में सर्जियो गोर को भारत में अमेरिका का राजदूत चुना गया. अमेरिकी राजदूत के लिए सीनेट के मतदान द्वारा सर्जियो गोर को चुना गया. इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सर्जियो गोर को नॉमिनेट किया था. अमेरिकी राजदूत गोर समेत 107 उम्मीदवार इस मतदान की रेस में शामिल हुए. हालांकि, इनमें से गोर को सीनेट की वोटिंग के जरिए चुना गया.

MAGA के सबसे प्रमुख शख्स हैं सर्जियो गोर

गोर के बारे में कहा जाता है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक हैं. वह व्हाइट हाउस के राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय के निदेशक भी रहे थे. इन्हें ट्रंप सरकार के दूसरे कार्यकाल में 4,000 से अधिक पदों की जांच का दायित्व सौंपा गया था.

बता दें, इसी साल के अगस्त में, राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर अपने नामांकन की घोषणा की. 22 अगस्त को किए इस पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति ने लिखा, "दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि मेरे पास कोई ऐसा व्यक्ति हो जिस पर मैं अपने एजेंडे को पूरा करने और अमेरिका को फिर से महान बनाने में हमारी मदद करने के लिए पूरी तरह भरोसा कर सकूं. सर्जियो एक अद्भुत राजदूत साबित होंगे."

राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी घोषणा की थी कि गोर दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए एक विशेष दूत के रूप में भी काम करेंगे. इसके बाद सितंबर में, गोर ने सीनेट में अपनी पुष्टिकरण सुनवाई के दौरान, भारत को एक "रणनीतिक साझेदार" कहा था.

उन्होंने कहा था, "भारत की भौगोलिक स्थिति, आर्थिक विकास और सैन्य क्षमताएं इसे क्षेत्रीय स्थिरता की आधारशिला और समृद्धि को बढ़ावा देने और हमारे राष्ट्रों के साझा सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाती हैं. भारत दुनिया में हमारे राष्ट्र के सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है. मैं राष्ट्रपति के एजेंडे को पूरा करने और हमारे रक्षा सहयोग को बढ़ाकर, निष्पक्ष और लाभकारी व्यापार को गहरा करके, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करके और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाकर अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने के लिए काम करूंगा."

भारत के साथ संबंधों पर जोर देंगे नवनियुक्त अमेरिकी राजदूत

भारत के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत करने को लेकर गोर ने कहा था, "मैं भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग को गहरा करने को प्राथमिकता दूंगा. इसमें संयुक्त सैन्य अभ्यासों का विस्तार, रक्षा प्रणालियों के सह-विकास और सह-उत्पादन को आगे बढ़ाना और महत्वपूर्ण रक्षा बिक्री को पूरा करना शामिल है."

इस दौरान गोर ने कहा कि भारत की 1.4 अरब की आबादी और "तेजी से बढ़ता मध्यम वर्ग" अमेरिका के लिए "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर फार्मास्यूटिकल्स और महत्वपूर्ण खनिजों तक, अपार अवसर है और दोनों देशों के बीच सहयोग की संभावनाएं अपार हैं."

सितंबर में भी हुई थी गोर-जयशंकर की मुलाकात

इससे पहले उन्होंने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान न्यूयॉर्क में विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी मुलाकात की थी. बैठक के बाद, अमेरिकी विदेश विभाग के दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो ने कहा कि दोनों नेता "अमेरिका-भारत संबंधों की सफलता को और बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं." गोर, ट्रंप के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के भी करीबी सहयोगी हैं और जनवरी में डेनमार्क के क्षेत्र पर अमेरिकी कब्जे के लिए समर्थन जुटाने के प्रशासन के प्रयासों के तहत उनके साथ ग्रीनलैंड गए थे. अब देखने वाली बात ये होगी कि उनकी तैनाती से संबंध पटरी पर आते हैं या और बिगड़ते हैं.

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