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बड़ी चूक! डिटेंशन सेंटर से फरार 12 बांग्लादेशी घुसपैठिए, मचा हड़कंप, गांवों तक सर्च ऑपरेशन

दो दिन में डिटेंशन सेंटर से घुसपैठियों के भागने का ये दूसरा मामला है. सभी डिपोर्टेशन की प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उससे पहले ही फरार हो गए.

त्रिपुरी की राजधानी अगरतला में उस वक्त हड़कंप मच गया जब यहां डिटेंशन सेंटर से बांग्लादेशी घुसपैठिए फरार हो गए. मामला अगरतला के बाहरी इलाके नार्सिंघर का है. यहां अस्थायी डिटेंशन सेंटर से एक-एक कर 12 बांग्लादेशी घुसपैठिए फरार हो गए. 

त्रिपुरा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है. बताया जा रहा है डिटेंशन सेंटर में मौजूद बांग्लादेशी घुसपैठिए अपने देश वापस भेजे जाने के लिए डिपोर्टेशन की प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार कर रहे थे. लेकिन उससे पहले ही कुछ लोग फरार हो गए. हालांकि पुलिस ने एक घुसपैठिए को अरेस्ट कर लिया है. 

2 दिन के अंदर दूसरी बार डिटेंशन सेंटर से भागे घुसपैठिए 

दो दिन में डिटेंशन सेंटर से भागने का ये दूसरा मामला है. जानकारी के मुताबिक, 29 सितंबर की रात को उत्तर त्रिपुरा के धर्मनगर उप-जेल से छह कैदियों के भागने का मामला सामने आया था. इन कैदियों में बांग्लादेशी घुसपैठिए, नशा तस्कर और एक उम्रकैद की सजा काट रहा कैदी शामिल था. सभी जेल गार्ड पर हमला कर फरार हो गए थे. 

सोशल वेलफेयर विभाग के निदेशक तपन कुमार दास ने नार्सिंघर स्थित केंद्र का निरीक्षण करने के बाद बताया कि सभी फरार लोग बांग्लादेशी नागरिक हैं. जिन्होंने अपनी न्यायिक सजा पूरी कर ली थी अब उन्हें वापस भेजे जाने की प्रक्रिया चल रही थी. उन्होंने आगे बताया कि, इन लोगों को अस्थायी डिटेंशन सेंटर में लगभग 15 दिन से एक महीने तक रखा जाता है. जब तक औपचारिकताएं पूरी नहीं हो जातीं. 

डिटेंशन सेंटर में कहां हुई चूक? 

दास ने साफ किया कि, सोशल वेलफेयर एंड सोशल एजुकेशन विभाग केंद्र में भोजन, आवास और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराता है, जबकि गृह विभाग सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालता है. वर्तमान में नार्सिंघर डिटेंशन सेंटर में कुल 95 बंदी हैं, जिनमें अधिकांश बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिक हैं. इसके अलावा, यहां 5 नाइजीरियाई और एक फ्रांसीसी नागरिक भी रखे गए हैं. बंदियों के फरार होने के बाद पूरे राज्य में उनकी तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. डिटेंशन सेंटर की सुरक्षा तेज कर दी गई. साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है. पुलिस उन सभी रास्तों पर कड़ी नजर रख रही है जहां से ये भाग सकते हैं. आस-पास के गांवों में भी पेट्रोलिंग की जा रही है. इसके साथ ही घटना में हुई सुरक्षा चूक की जांच के आदेश भी दिए गए हैं. बहरहाल ये मामला लापरवाही और बड़ी चूक को दर्शाता है. 

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