शाहीन के पास से तीन पासपोर्ट बरामद... तीनों पर अलग-अलग पता, आतंकियों से कैसे जुड़ी शाहीन? हुआ खुलासा
Delhi Blast: जांच के अनुसार दिल्ली ब्लास्ट में पकड़ी गई आरोपी डॉ शाहीन के पास से तीन पासपोर्ट बरामद हुए हैं और तीनों पर ही अलग-अलग एड्रेस लिखा हुआ है.
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दिल्ली ब्लास्ट के मुख्य आरोपियों में से एक डॉ शाहीन की गिरफ्तारी के बाद जाँच में कई अहम खुलासे हो रहे हैं. जांच एजेंसियों के अनुसार, शाहीन के पास से तीन पासपोर्ट बरामद हुए हैं और तीनों अलग-अलग पते पर हैं. पासपोर्ट में एड्रेस का बार-बार बदलाव और एक्सपायरी से पहले ही पासपोर्ट का रिन्यू जांच एजेंसियों के लिए शक की सुई को और गहराता है.
साल 1996 में पहला पासपोर्ट
जानकारी के मुताबिक, शाहीन ने अपना पहला पासपोर्ट 1996 में बनवाया था जिसमें कंधारी बाजार, कैसरबाग (लखनऊ) पते के तौर पर दर्ज था. ये वो समय था जब शाहीन मेडिकल की तैयारी कर रही थी और सामान्य यात्रा या फिर शिक्षा संबंधी जरूरतों के लिए पासपोर्ट बनवाया था.
साल 2006 में दूसरा पासपोर्ट
पहले पासपोर्ट की तारीख की समय सीमा खत्म होने के बाद साल 2006 में शाहीन ने दूसरा पासपोर्ट बनवाया, लेकिन इस बार अपने पूराने पते को बदलकर GSVM मेडिकल कॉलेज करवा दिया. पढ़ाई और ट्रेनिंग के दौरान यही पता उसके दस्तावेज में इस्तेमाल होता था.
साल 2016 में तीसरा पासपोर्ट
दूसरे पासपोर्ट की तिथी खत्म होने के बाद शाहीन ने जब तीसरे पासपोर्ट के लिए आवेदन दिया तो फिर से अपना पता बदल दिया. इस बार ये पता GSVM नहीं बल्कि, लखनऊ स्थित भाई परवेज के घर का पता था. इसी पासपोर्ट पर शाहीन ने थाईलैंड की यात्रा की, बाद में सऊदी अरब गई और लगभग दो साल तक वहां नौकरी की. इसके बाद साल 2016 से 2018 तक शाहीन ने UAE के एक अस्पताल में काम किया. यही वो समय है जिसे लेकर जांच एजेंसियों को शक है कि इसी दौरान शाहीन कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद के संपर्क में आई.
आतंकियों से कैसे मिली शाहीन?
जांच के अनुसार विदेश में नौकरी के दौरान ही शाहीन आतंकियों के संपर्क में आई और उसका ब्रेन वॉश हुआ. सूत्रों के मुताबिक शाहीन का कहना था कि वह कौम के कर्ज को उतारने की राह पर निकली है. इसलिए उसने अपने सभी संबंधियों से रिश्ता नाता तोड़ लिया था. जांच एजेंसियों को ये भी शक है कि इसी दौरान शाहीन पाकिस्तान भी गई थी.
एक्सपायरी से पहले ही शाहीन ने पासपोर्ट कराया रिन्यू
जानकारी के मुताबिक, तीसरे पासपोर्ट की वैधता साल 2026 में खत्म होनी थी लेकिन शाहीन ने मार्च 2025 में ही इसे रिन्यू करा लिया. रिन्यू किए गए पासपोर्ट में पिता की जगह भाई के पते को दर्ज कराया गया. इसी लगातार बदलते पते को जांच एजेंसियां संधिग्ध मान रही हैं.
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