प्रधानमंत्री आवास योजना से बदली सरकड़ा गांव की तस्वीर, कच्चे घरों से पक्के आशियानों तक का सफर
ग्राम सरकड़ा के हितग्राहियों ने बताया कि पहले उनके घर कच्चे मिट्टी के और झोपड़ीनुमा होते थे, जिनमें बरसात में पानी टपकता था और हर समय सांप-बिच्छुओं का खतरा बना रहता था. लेकिन, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें 1 लाख 20 हजार रुपए आवास निर्माण के लिए और 21 हजार रुपए मजदूरी मद के रूप में प्रदान किए गए. इस आर्थिक सहायता से अब वे पक्के मकान बनाकर सुरक्षित जीवन व्यतीत कर रहे हैं.
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छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) किसी वरदान से कम साबित नहीं हो रही है. गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सरकड़ा में इस योजना का व्यापक असर दिख रहा है. यहां बड़ी संख्या में ग्रामीण अब कच्चे घरों से निकलकर पक्के और सुरक्षित आवासों में रह रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार की इस योजना ने उनका जीवन बदल दिया है.
आवास योजना से खुशहाल हुए परिवार
ग्राम सरकड़ा के हितग्राहियों ने बताया कि पहले उनके घर कच्चे मिट्टी के और झोपड़ीनुमा होते थे, जिनमें बरसात में पानी टपकता था और हर समय सांप-बिच्छुओं का खतरा बना रहता था. लेकिन, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें 1 लाख 20 हजार रुपए आवास निर्माण के लिए और 21 हजार रुपए मजदूरी मद के रूप में प्रदान किए गए. इस आर्थिक सहायता से अब वे पक्के मकान बनाकर सुरक्षित जीवन व्यतीत कर रहे हैं.
कच्चे घरों से मिली मुक्ति
ग्रामीणों ने आईएएनएस से बातचीत में खुशी साझा करते हुए कहा कि अब उनके पास अपना मजबूत और सुरक्षित घर है. पहले चोरी, सांप-बिच्छू और बारिश के दौरान घर गिरने का डर हमेशा बना रहता था, लेकिन पक्का मकान बनने के बाद वे निश्चिंत होकर अपने रोजमर्रा के कामों पर जा रहे हैं.
घर मिलने से बदली जिंदगी
ग्राम सरपंच कीर्ति लता दीवान ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ गांव के लगभग सभी पात्र लोगों को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की इस योजना ने गरीब परिवारों के सपनों को सच कर दिया है. जिन लोगों ने कभी पक्का घर होने की कल्पना भी नहीं की थी, आज वे अपने नए आवास में सुरक्षित और खुशहाल जीवनयापन कर रहे हैं.
इसी तरह, एक अन्य हितग्राही ने बताया कि पहले हम कच्चे घर में रहते थे. हमें कभी विश्वास नहीं था कि हम पक्के मकान में रह पाएंगे. लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना की वजह से यह संभव हो पाया है.
120 में से 104 आवास तैयार
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ग्राम पंचायत के आवास मित्र ने बताया कि सरकड़ा में कुल 120 आवासों की स्वीकृति हुई है, जिनमें से 104 आवास पूरी तरह बनकर तैयार हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 1,20,000 रुपए की राशि तीन किस्तों में सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है, जिससे निर्माण कार्य पारदर्शी और समय पर पूरा हो पाता है.
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]एक अन्य हितग्राही ने बताया कि मकान को बेहतर तरीके से बनाने के लिए उन्होंने कुछ अतिरिक्त राशि भी स्वयं लगाई. अब अपना पक्का घर बन जाने से वे बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा कि यह सब संभव हुआ है प्रधानमंत्री मोदी की योजना की वजह से. मैं उन्हें दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं.
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