Advertisement

'बिरयानी' और 'दावत' हुआ डिकोड, आतंकी इसी कोडवर्ड में करते थे बात... मतलब जानकर रह जाएंगे हैरान

Delhi Blast Codewords: दिल्ली ब्लास्ट में आतंकियों द्वारा इस्तेमाल किए गए दो कोडवर्ड्स 'बिरयानी' और 'दावत' को जांच एजेंसियों द्वारा डिकोड कर लिया गया है.

दिल्ली में लाल किले के पास हुए ब्लास्ट की छानबीन लगातार जारी है. इस छानबीन में कई खुलासे हुए हैं. इन खुलासों में दो कोड वर्ड्स ‘बिरयानी’ और ‘दावत’ को जांच एजेंसियों के द्वारा डिकोड किया गया है. आरोप है कि आतंकी अपनी पूरी साज़िश को अंजाम देने के लिए इन्हीं दो कोड वर्ड्स का इस्तेमाल करते थे, ताकि दूसरों को किसी भी तरह का शक न हो. 

‘बिरयानी’ और ‘दावत’ का क्या था मतलब?

जांच एजेंसियों के अनुसार आतंकी जब आपस में चैट करते थे, तब ‘बिरयानी’ और ‘दावत’ दो शब्दों का इस्तेमाल बहुत ज्यादा करते थे. जांच एजेंसियों ने जब इन दो कोड वर्ड्स को डिकोड किया तो पता चला कि ‘बिरयानी’ का मतलब था ‘विस्फोटक सामग्री’ और दावत का मतलब था ‘हमले का दिन’. जब विस्फोटक तैयार हो जाता था तब संदेश भेजा जाता था, ‘बिरयानी तैयार है’ और हमले के लिए लिखा जाता था, ‘दावत के लिए तैयार रहो’. 

कौन था मास्टरमाइंड?

इस पूरे आतंकी मॉड्यूल के पीछे जम्मू-कश्मीर के शोपियां का इमाम इरफान अहमद था, जो ये पूरी नापाक साजिशों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए रणनीति बनाता था. जानकारी के मुताबिक इरफान साल 2020 में श्रीनगर के एक अस्पताल में अपने बच्चे के इलाज के लिए गया था, जहां उसकी मुलाकात उमर उन नबी से हुई थी, जिसके ऊपर ब्लास्ट के लिए कार बम पहुंचाने का आरोप लगा है. 

मास्टरमाइंड के संपर्क में कैसे आए डॉक्टर्स?

जानकारी के मुताबिक मास्टरमाइंड इरफान अपने बच्चे के इलाज के बहाने अस्पताल में बार-बार आने लगा था. इसी दौरान उसकी मुलाकात नबी से हुई और नजदीकी बढ़ी. नबी ने ही इरफान की पहचान कई डॉक्टरों से करवाई और फिर धीरे-धीरे इरफान ने उनका ब्रेन वॉश करना शुरू किया और आतंक के नए मॉड्यूल ‘व्हाइट कॉलर टेरर’ का उन्हें हिस्सा बना लिया. फिलहाल चार डॉक्टरों, मुजम्मिल शकील, उमर उन नबी, शाहीन सईद और आदील का मेडिकल लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. 

आतंकियों के संपर्क में कैसे आई शाहीन? 

दिल्ली ब्लास्ट के आरोप में पकड़ी गई शाहीन सईद ने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं. जानकारी के मुताबिक शाहीन सईद ने बताया है कि, वह बाकी डॉक्टरों के संपर्क में लगभग 6 महीने पहले आई थी और उसे पूरी साजिश का पता नहीं था. शाहीन को लेकर कहा जा रहा है कि UAE में जब ये काम कर रही थी, तभी आतंकियों के संपर्क में आई थी.

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE
अधिक →