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केंद्र सरकार ने भेजा विशेष दूत... लेह में शांति बहाली की कोशिशें जारी, जानें अभी के हालात

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. चार लोगों की मौत और 90 के करीब घायल होने के बाद लेह और कारगिल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. इस बीच मामले का समाधान करने के लिए केंद्र ने विशेष दूत को लेह भेजा है

26 Sep, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
12:47 AM )
केंद्र सरकार ने भेजा विशेष दूत... लेह में शांति बहाली की कोशिशें जारी, जानें अभी के हालात
Source: X/ ANI

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में बुधवार को हुई हिंसा के बाद क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. लेह और कारगिल में विरोध प्रदर्शनों के दौरान झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई और लगभग 90 लोग घायल हुए. इस गंभीर स्थिति के बाद केंद्र सरकार ने तुरंत हस्तक्षेप किया और लेह में एक विशेष दूत भेजा गया है ताकि मामला शांतिपूर्ण तरीके से सुलझ सके.

केंद्र ने सरकार ने दिखाई सक्रियता 

लेह और कारगिल से तीन-तीन प्रतिनिधियों वाले कुल छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल गुरुवार शाम दिल्ली के लिए रवाना हुए. लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के अध्यक्ष थुप्स्तान छेवांग ने कहा, 'केंद्र का एक अधिकारी आया है. हमें जो संकेत मिल रहा है, वह यह है कि वे तुरंत बातचीत शुरू करने के लिए तैयार हैं'. छेवांग ने बताया कि 6 अक्टूबर को होने वाली बातचीत पहले से तय थी, लेकिन बुधवार की हिंसा ने इसमें बाधा डाली.

लेह में कर्फ्यू जारी

गुरुवार को लेह में स्थिति अत्यंत तनावपूर्ण बनी रही. पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने शहर में कर्फ्यू सख्ती से लागू किया. हिंसा के कारण अब तक 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस अधिकारी का कहना है कि कर्फ्यू वाले इलाकों में स्थिति नियंत्रण में है और किसी नई घटना की सूचना नहीं मिली है.

स्कूल और कॉलेज 2 दिन के लिए बंद

हिंसा और अस्थिर स्थिति को देखते हुए लेह के जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोनक ने शुक्रवार से दो दिन के लिए सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया. आंगनवाड़ी केंद्र भी बंद रहेंगे. स्थानीय प्रशासन ने बच्चों और युवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन संस्थानों को बंद रखने का आदेश जारी किया है. 

भूख हड़ताल खत्म करने पर मजबूर हुए वांगचुक

लद्दाख में चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन के प्रमुख जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को अपनी पखवाड़े भर से चल रही भूख हड़ताल को बीच में ही रोकना पड़ा. वांगचुक ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा, 'यह लद्दाख के लिए सबसे दुखद दिन है. पिछले पांच सालों से हम जिस शांतिपूर्ण रास्ते पर चल रहे थे, वह अब बाधित हुआ है'. उन्होंने युवाओं से अपील की कि हिंसा तुरंत बंद करें, क्योंकि इससे आंदोलन को नुकसान हो रहा है.

केंद्र ने वांगचुक को बताया जिम्मेदार

केंद्र सरकार ने इस अशांति के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आरोप लगाया कि भीड़ की हिंसा उनके भड़काऊ बयानों से प्रेरित थी. मंत्रालय ने लद्दाख में संवैधानिक सुरक्षा देने की प्रतिबद्धता दोहराई और जांच शुरू की कि घायलों में शामिल तीन नेपाली नागरिकों की घटना में किसी विदेशी तत्व की भागीदारी तो नहीं थी. वांगचुक ने आरोपों को 'बलि का बकरा बनाने की रणनीति' बताया. उन्होंने कहा कि सरकार हिमालयी क्षेत्र की वास्तविक समस्याओं से निपटने से बचने के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहरा रही है. वांगचुक ने स्पष्ट किया कि वे सख्त जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार होने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनका आंदोलन केवल लद्दाख की भलाई और मूल समस्याओं के समाधान के लिए है.

दिल्ली में होने वाली बातचीत से समाधान की उम्मीद 

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इस गंभीर हालात के बीच केंद्रीय और स्थानीय अधिकारी क्षेत्र की शांति बहाल करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. दिल्ली में होने वाली बातचीत में उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों पक्ष आपसी समझ और बातचीत के जरिए हिंसा के बाद के तनाव को कम करेंगे और लद्दाख में शांति और स्थिरता लौटेगी.

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