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‘कांग्रेस है तो मुसलमान…’ रेवंत रेड्डी के बयान पर बवाल, बैकफुट पर आए तेलंगाना के CM ने दी सफाई

तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी के मुस्लिमों पर दिए गए एक बयान के बाद बवाल मच गया. मुस्लिमों को साधने चली कांग्रेस अब उन्हीं के निशाने पर आ गई और रेवंत रेड्डी से माफी मांगने की चेतावनी दे डाली.

खुद को मुस्लिम हितैषी साबित करने के चक्कर में कांग्रेस शासित तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी बुरी तरह फंस गए. उन पर सांप्रदायिक राजनीति का आरोप लगाते हुए BJP हमलावर हो गई है. रेवंत रेड्डी को अपने ‘कांग्रेस है तो मुसलमानों की इज्जत’ वाले बयान पर सफाई देनी पड़ गई है. 

दरअसल, CM रेवंत रेड्डी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि, ‘कांग्रेस है तो मुसलमानों की इज्जत है, कांग्रेस नहीं तो आप कुछ नहीं.’ रेवंत रेड्डी का ये बयान देखते ही देखते वायरल हो गया और राजनीतिक हलको तक जा पहुंचा. बवाल बढ़ा तो तेलंगाना के CM की सफाई आई. उन्होंने कहा, उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. 

मुस्लिमों पर बयान के बाद रेवंत रेड्डी ने क्या सफाई दी? 

CM रेड्डी ने जुबली हिल्स में एक रैली के दौरान अपने बयान को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा, राजनीति में आने के बाद से ही वह एक धर्मनिरपेक्ष नेता रहे हैं. 

क्या था रेवंत रेड्डी का पूरा बयान? 

वायरल वीडियो के मुताबिक, रेवंत रेड्डी मुसलमान समुदाय को संबोधित करते हुए कहते हैं कि, कांग्रेस पार्टी ने हमेशा अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा की है. बिना कांग्रेस के मुसलमानों को इंसाफ मिलना मुश्किल है.’ 

इस दौरान उन्होंने तेलंगाना की पूर्व चंद्रशेखर राव की BRS सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि, पिछली सरकार में मुसलमानों की अनदेखी हुई थी, जबकि उनकी सरकार ने वक्फ बोर्ड को मजबूत करने, मदरसों के विकास और शिक्षा में आरक्षण जैसे कदम उठाए हैं. हालांकि उनका यह बयान कि ‘कांग्रेस है तो इज्जत है’ अब उनके लिए मुसीबत बन गया है.

मुस्लिम संगठनों ने किया विरोध 

रेवंत रेड्डी के बयान की तेलंगाना में घोर निंदा हो रही है. स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन (SIO) ने इसे काफी अपमानजनक और विभाजनकारी माना. संगठन ने CM रेड्डी से पब्लिकली माफी मांगने के लिए कहा. 

SIO की ओर से कहा गया, किसी भी समुदाय की ताकत और पहचान उसके अपने सिद्धांतों और ईमानदारी पर निर्भर करती है, न कि किसी राजनीतिक दल के समर्थन या संरक्षण पर. SIO ने दो टूक कहा, ऐसा बयान न केवल राजनीतिक रूप से गैरजिम्मेदाराना है. साथ ही साथ पूरे मुस्लिम समुदाय की आत्मसम्मान और गरिमा पर सीधा हमला भी है. इतना ही नहीं SIO ने तो चुनाव आयोग से बयान पर संज्ञान लेने की भी अपील की है. 

KTR ने CM रेवंत रेड्डी पर साधा निशाना 

भारत राष्ट्र समिति (BRS) के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री के. टी. रामाराव ने भी CM रेड्डी को घेरा. उन्होंने कहा, किसी शख्स या राजनीतिक दल को यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि कोई धर्म या समुदाय उनके कारण अस्तित्व में है. भारत का संविधान अपने सभी नागरिकों को धर्म की स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार देता है. बाबा साहब आंबेडकर की वजह से संविधान में अनुच्छेद 25 से 28 तक धार्मिक स्वतंत्रता को शामिल किया गया है. यही संविधान हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन, प्रचार और प्रसार करने की आज़ादी देता है. भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जैसा कि प्रस्तावना में उल्लेख है.

उन्होंने आगे कहा, ‘न तो BJP और न ही कांग्रेस हमारी पसंद को तय कर सकती है. यह संविधान है जो हमें यह अधिकार देता है. रेवंत रेड्डी, इस महान राष्ट्र का मजाक उड़ाना बंद कीजिए और अपनी घटिया राजनीतिक बयानबाज़ी से बाज आइए.’

वहीं, रेवंत रेड्डी के बहाने BJP ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. तेलंगाना BJP अध्यक्ष एन रामचंदर राव ने कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, CM मुस्लिम वोटों को साधने के लिए 'तुष्टीकरण' की राजनीति कर रहे हैं. 

वैसे CM रेवंत रेड्डी ने तो मुस्लिम राजनीति चमकाने के लिए ये बयान दिया था, लेकिन उन्होंने कांग्रेस को ही फंसा दिया. CM रेड्डी का ये बयान न केवल तेलंगाना में बल्कि देश में भी कांग्रेस की माइनॉरिटी कनेक्ट वाली इमेज को झटका देगा. रेवंत रेड्डी के बयान के बाद विरोधी ही नहीं वह मुस्लिम संगठनों के निशाने पर भी आ गए. 

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