सुप्रिया ने मोदी की तुलना फ्रॉड से कर दी, बीजेपी ने दिया करारा जवाब !
बिहार के हिमांशु मिश्रा को ऑनलाइन गेमिंग की ऐसी लत लग गई कि आज उस पर 96 लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज हो गया है।और हिमांशु मिश्रा की कहानी अब वायरल हो रही है, लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता शुप्रिया श्रीनेत ने हिमांशु मिश्रा की तुलना प्रधानमंत्री मोदी से कर दी है।
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ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया बेहद हसीन लगती है, आंखों में सपने तैरने लगते है कि मानों दुनिया को ही बदल कर रख देंगे। लेकिन हाथ लगती है दलदल, ठीक ऐसी ही दुनिया राजनीति की भी है। यहां भी लोग कुछ भी कर गुजरने के लिए, कोई भी मर्यादा ताक पर रखने में जरा भी गुरेज नहीं करते। आज आपको देश की मौजूदा राजनीति के एक और आइने से रुबरु कराएंगे।
आप पिछले कई दिनों से एक हिमांशु मिश्रा नाम के लड़के की कहानी सुन रहे होंगे। जिसकी उम्र महज बाइस साल है, और वो ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में 96 लाख रुपए गंवा चुका है। लेकिन कुछ लोग उसे फ्रॉड बता रहे है। एक युवक ने तो थाने में धोखाधड़ी की शिकायत भी दर्ज करवा दी। दावा है कि हिमांशु मिश्रा बिहार का नही यूपी के कानपुर का रहने वाला है। इस हिमांशु मिश्रा के बारे में ऐसा कहा गया कि मोबाइल बेचकर इसने किताबें खरीदी थी।किसी ने मजबूर समझ कर उसके खाने-पीने रहने की व्यवस्था की। अब इस कहानी को थोड़ा याद रखिएगा। क्योंकि इस कहानी से प्रेरित होकर कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने अपने ट्विटर पर एक फोटो पोस्ट किया।
इस फोटो में एक तरफ हिमांशु मिश्रा है और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी का पुराना फोटो है। ये भाषा देश के प्रधानमंत्री के लिए इस्तेमान की गई है। इतनी क्षीण मानसिकता की मिसाल इस देश में कांग्रेस ही दे सकती है। लेकिन जब तक इन लोगों को इनही की भाषा में जवाब नहीं मिलेगा तब तक भाषा मर्यादा के अंदर नहीं आने वाली। वो एक कहावत है ना लातो के भूत बातों से नहीं मानते। तो जवाब देने का काम बीजेपी नेता तेजिंदर पाल बग्गा ने किया है। बग्गा ने भी एक फोटो ट्वीट किया है।
जिसमें एक तरफ राहुल गांधी है और दूसरी तरफ एक गधे का फोटो है। लोग भी इस ट्वीट पर खुब मजे ले रहे है।
हालांकि ये कोई पहली बार नहीं है जब कांग्रेस के नेता मोदी को घेरने के चक्कर में खुद की किरकिरी करवा चुके है, और ये भी पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने मोदी को ऐसे अपशब्द कहे हो। डिफॉल्टर से लेकर मौत का सौदागर, मोदी के मरने के दुआ तो पूरी कांग्रेस करती है, झूठों का सरदार कहते है, नालायक, निकम्मा, ओसामा बिन लादेन और ना जाने किन किन गालियों का इस्तेमाल प्रधानमंत्री के लिए किया गया।
और हां अब आइये असल मुद्दे पर जिस तरह से एक फ्राड से मोदी की तुलना की गई। तो वो फैसला करना देश का काम है, क्योंकि यही वो सरकार है जिसने इस देश को चार ट्रिलियन की इकॉनामी बनाया है, यही वो प्रधानमंत्री जिसके भीतर जिद्द है कि देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है, और अगर करोड़ों लोगों को घर देना, करोड़ों लोगों को अनाज देना, करोड़ों लोगों को शौचालय देकर उनकी जिंदगी को बेहतर बनाना फ्रॉड है तो देश को ऐसा प्रधानमंत्री चाहिए। दुनिया में भारत का डंका बजाने से लेकर देश में नए नए रोजगार के अवसर पैदा करना अगर फ्राड़ है तो देश को सोचें। और हां सुप्रिया श्रीनेत अगर बता सकें तो जरुर बताएं कि। अगस्ता हेलिकॉप्टर घोटाला क्या था, वाड्रा-डीएलएफ घोटाला क्या था, नेशनल हेराल्ड में क्या किया गया, बोफोर्स तो याद ही होगा, संजय गांधी के लिए मारुति घोटाला कैसे किया गया।नागरवाला केस, कोयला घोटाला, 2जी स्कैम, कांग्रेस के शासन में हुए घोटालों की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि बताते बताते घंटो भी निकल सकते है। तो अब देश तय करें कि कौन फ्रॉड है। जो देश को एक सुत्र में रखने की कोशिश कर रहा है, या फिर जो जातिंयों में बांटने का काम कर रहा है।
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