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कौन से हैं खाड़ी देश, भारत का पक्का दोस्त कौन? जानें, सऊदी अरब-पाकिस्तान की डील से क्या बदला

सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बड़ा रक्षा समझौता हुआ है. इसके तहत दोनों देशों ने ऐलान किया है कि किसी एक देश पर हमला होगा तो वह दूसरे देश पर हमला माना जाएगा. सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि खाड़ी देश कौन-कौन हैं और इनमें भारत का परम मित्र कौन है?

सोशल मीडिया

आतंक पर दुनियाभर के निशाने पर आया पाकिस्तान अब खाड़ी देशों को बैसाखी बना रहा है. हाल ही में सऊदी अरब से पाकिस्तान की डिफेंस डील ने भारत की टेंशन बढ़ा दी है. इसके साथ ही सवाल भी खड़ा कर दिया कि क्या दोनों देशों की ये डील भारत और सऊदी अरब के रिश्ते को भी प्रभावित करेगी? सवाल ये भी है कि जब पाकिस्तान की बात आती है और मसला आतंकवाद का उठता है तो भारत के सबसे भरोसेमंद खाड़ी देश कौन होंगे? चलिए जानते हैं कौन है भारत का पक्का खाड़ी दोस्त? 

सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बड़ा रक्षा समझौता हुआ है. इसके तहत दोनों देशों ने ऐलान किया है कि किसी एक देश पर हमला होगा तो वह दूसरे देश पर हमला माना जाएगा. सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि खाड़ी देश कौन-कौन हैं और इनमें भारत का परम मित्र कौन है? 

खाड़ी देशों में कौनसे देश शामिल हैं?

खाड़ी देश किसे कहा जाता है और इसमें कौनसे देश शामिल हैं इसे समझते हैं. दरअसल, जो देश पश्चिम एशिया की अरब की खाड़ी जिसे फारस की खाड़ी भी कहते हैं इससे सीमा साझा करते हैं उन्हें खाड़ी देश कहा जाता है. इनमें सऊदी अरब, कतर, इराक, बहरीन, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और ओमान शामिल हैं. 

वैसे ईरान भी अरब खाड़ी के भौगोलिक क्षेत्र में ही आता है, लेकिन यहां अरब और सुन्नी मुस्लिम नहीं है इसके चलते इसे खाड़ी देशों के समूह में शामिल नहीं किया गया. 

भारत के साथ कैसे हैं खाड़ी देशों के रिश्ते? 

खाड़ी देशों के साथ भारत के रिश्ते हमेशा ही मितव्ययी रहे. इन देशों के साथ भारत ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, उर्जा और व्यापारिक हस्तांतरण करता है. इन देशों में बड़ी संख्या में भारतीय भी बसे हैं. 

सऊदी अरब के साथ कैसा है भारत का रिश्ता? 

भारत और सऊदी अरब एक दूसरे के साथ ऐतिहासिक रूप से जुड़े हुए हैं. सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहब्बद बिन सलमान ने भारत के साथ रिश्तों को और मजबूती दी. साल 2024 में पीएम मोदी तीसरी बार सऊदी अरब दौरे पर गए थे. दोनों देशों ने ऊर्जा, ट्रेड, इनवेस्टमेंट और सुरक्षा के मोर्चे पर संबंधों को लगातार मजबूती दी. करीब 26 लाख भारतीय सऊदी अरब में रहते हैं. 

UAE के साथ कैसे हैं भारत के रिश्ते? 

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में रहने वाले भारतीयों की संख्या सऊदी अरब से भी ज्यादा है. यहां करीब 43 लाख भारतीय रहते हैं. UAE भारत के साथ हमेशा से ही दोस्ताना मंच साझा करता है. साल 2021-22 में भारत और UAE के बीच व्यापार 28.4 अरब डॉलर तक था. आर्थिक के साथ साथ राजनीतिक तौर पर भी दोनों देश एक दूसरे के बेहद करीब हैं. 

  • इसके अलावा कतर में 8 लाख भारतीय रहते हैं
  • कुवैत में 10 लाख से ज्यादा भारतीय रहते हैं 
  • बहरीन में 14 लाख की कुल आबादी में से 3.5 लाख भारतीय हैं
  • ओमान में 9 लाख भारतीय रहते हैं

खाड़ी देशों में भारतीयों का योगदान 

भारत के साथ खाड़ी देशों के मजबूती से खड़े रहने की एक वजह अप्रवासी भारतीय भी हैं. यहां भारतीय न केवल काम करते हैं बल्कि अर्थव्यवस्था में भी अहम योगदान देते हैं. हालांकि खाड़ी देश इराक में बेहद कम भारतीय रहते हैं इसके बावजूद इराक और भारत व्यापारिक और दोस्ताना रिश्ते साझा करते हैं. 

भारत के लिए अहम क्यों है इराक? 

भारत अपनी तेल जरूरत सबसे ज्यादा इराक से ही पूरी करता है. भारत 22% कच्चा तेल इराक से आयात करता है. ये किसी भी खाड़ी देश के साथ भारत की तेल डील का सबसे ज्यादा है. वहीं, भारत की 60% तेल जरूरत खाड़ी देशों से पूरी होती है. 

इसके अलावा भारतीय कामगार, उर्जा, और व्यापार भी खाड़ी देशों के बीच के मजबूत स्तंभ हैं. भारत की कोशिश रहती है कि वह सभी देशों के साथ तटस्थ, मित्रता और जहां तक कोशिश हो उदारवादी नीति अपनाए. खाड़ी देशों के साथ मजबूती का भी ये ही पिलर है. ये रिश्ता दोनों ओर से निभाया जा रहा है. खाड़ी देश भी भारत से अपनी खाद्य और अनाज जरूरतों का 85% हिस्सा पूरा करते हैं. इनमें मसाले, चाल, समुद्री प्रोडेक्ट और मांस जैसी जरूरतें पूरी करते हैं. 

खाड़ी देशों में से भारत का सबसे पक्का दोस्त कौन? 

आखिर में सवाल वही है इनमें से भारत का पक्का दोस्त कौन है? भले ही सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान ने रक्षा जैसी अहम डील अहम शर्तों के साथ की हो, लेकिन सच्चाई ये भी है कि, सऊदी अरब भारत के साथ बहुआयामी और गहरे रिश्ते साझा करता है. चाहे उर्जा की बात हो या राजनीतिक सहयोग की. सऊदी अरब और UAE भारत के भरोसेमंद और पक्के दोस्तों की लाइन में सबसे आगे खड़े रहने वाले खाड़ी देशों में आते हैं. 

पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच क्या डील हुई? 

सऊदी अरब और पाकिस्तान ने एक रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते (SMDA) पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते के तहत, अगर दोनों में से किसी भी देश पर हमला होता है तो उसे दूसरा देश इस हमले को खुद पर हमला मानेगा. पाकिस्तान के लिए जहां इसे गेमचेंजर समझौता माना जा रहा है वहीं, सऊदी अरब के लिए इसे अपनी सुरक्षा मजबूत करने वाला फैसला माना गया है. समझौते के अनुसार दोनों देशों की थल, वायु और नौ सेनाएं अब और ज्यादा सहयोग और खुफ़िया जानकारियां साझा करेंगी. इसकी एक वजह पाकिस्तान का परमाणु संपन्न होना भी है. जिसे सऊदी अरब अपना रक्षा कवच बनाना चाहता है. हालांकि ये देखने वाली बात होगी भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष की स्थिति में सऊदी अरब का स्टैंड क्या होगा? 

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