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देश का पहला स्मार्ट और इंटेलिजेंट गांव बना सातनवरी, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की घोषणा

सीएम ने कहा कि गांव की तस्वीर अब पूरी तरह बदल गई है. यहां फाइबर ऑप्टिक इंटरनेट और वाईफाई कनेक्टिविटी उपलब्ध है. किसान अब मोबाइल फोन पर ही एआई-सक्षम ऐप्स के जरिए मिट्टी की स्थिति, मौसम का अनुमान, सिंचाई की योजना और फसल प्रबंधन की जानकारी पा रहे हैं. सिंचाई व्यवस्था में सौर ऊर्जा से चलने वाले स्मार्ट पंप लगाए गए हैं.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सातनवरी को देश का पहला स्मार्ट और इंटेलिजेंट गांव घोषित किया. फाइबर-ऑप्टिक इंटरनेट, एआई-संचालित कृषि ऐप्स, सोलर पंप और ड्रोन तकनीक से लैस इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण भारत को डिजिटल और तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाना है.   

देश का पहला स्मार्ट और इंटेलिजेंट गांव

सीएम ने कहा कि गांव की तस्वीर अब पूरी तरह बदल गई है. यहां फाइबर ऑप्टिक इंटरनेट और वाईफाई कनेक्टिविटी उपलब्ध है. किसान अब मोबाइल फोन पर ही एआई-सक्षम ऐप्स के जरिए मिट्टी की स्थिति, मौसम का अनुमान, सिंचाई की योजना और फसल प्रबंधन की जानकारी पा रहे हैं. सिंचाई व्यवस्था में सौर ऊर्जा से चलने वाले स्मार्ट पंप लगाए गए हैं, जिन्हें किसान मोबाइल से ही नियंत्रित कर सकते हैं. खेती को और आधुनिक बनाने के लिए ड्रोन तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. ड्रोन के जरिए खाद और कीटनाशक का छिड़काव आसान हो गया है और समय की बचत भी होगी. वहीं, किसान मानते हैं कि भविष्य में उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी.

स्कूलों में मिलेगी हाईटेक सुविधाएं

उन्‍होंने आगे कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. सातनवरी गांव के स्कूलों में एआई-आधारित डिजिटल क्लासरूम शुरू किए गए हैं. बच्चे अब इंटरैक्टिव कंटेंट और स्मार्ट बोर्ड्स की मदद से पढ़ाई कर सकेंगे. इससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को भी शहरों जैसी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी. स्वास्थ्य सेवाओं में भी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. गांव में टेलीमेडिसिन सेंटर खोला गया है, जिससे ग्रामीण लोग ऑनलाइन डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं. साथ ही, हर नागरिक को डिजिटल हेल्थ कार्ड दिया जाएगा, जिसमें उनकी मेडिकल हिस्ट्री दर्ज रहती है.

इस गांव में क्या-क्या सुविधाएं मिलेगी?

सुरक्षा और ऊर्जा प्रबंधन पर भी ध्यान दिया गया है. गांव में सीसीटीवी कैमरे और स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम लगाए गए हैं. वहीं, किसानों को सीधे ई-मार्केट और ऑनलाइन बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ा गया है, ताकि उन्हें अपनी उपज का बेहतर दाम मिल सके.

वायस कंपनी के यशवंत शिंदे ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि इस परियोजना को साकार करने में वायस ऑफ इंडियन कम्युनिकेशन टेक्‍नोलॉजी इंटरप्राइजेज (वायस) नामक ग्रुप और महाराष्ट्र सरकार ने मिलकर काम किया है. कई भारतीय कंपनियों ने मिलकर गांव को स्मार्ट बनाने में सहयोग दिया. मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि आने वाले समय में हर तालुका के दस गांव इसी मॉडल पर विकसित किए जाएंगे.

वायस कंपनी के राकेश कुमार भटनागर ने कहा कि नागपुर अब तकनीकी क्रांति का केंद्र बन रहा है. एक ओर सातनवरी गांव ग्रामीण भारत के लिए स्मार्ट विकास का मॉडल प्रस्तुत कर रहा है. भविष्य में यह पहल न सिर्फ ग्रामीण इलाकों को आधुनिक बनाएगी, बल्कि भारत को डिजिटल शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

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