मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ RSS चीफ मोहन भागवत बैठक में लेंगे हिस्सा, जानिए क्या है वजह
RSS संघ प्रमुख मोहन भागवत दिल्ली के हरियाणा भवन में मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ एक बैठक में हिस्सा लेंगे. इस बैठक में RSS के वरिष्ठ पदाधिकारी, सह कार्यवाहक दत्तात्रेय होसबाले, कृष्ण गोपाल, रामलाल और इंद्रेश कुमार भी मौजूद रहेंगे.
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) इस वर्ष अपनी स्थापना के 100 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है. इस अवसर पर संघ ‘शताब्दी वर्ष’ का आयोजन कर रहा है, जिसके तहत वह भारत के हर गांव, हर बस्ती और हर घर तक अपनी पहुंच बढ़ाने की योजना बना रहा है. अब इसी बीच RSS ने ऐसा कदम उठाया है जिसकी राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा हो रही है. गुरुवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत दिल्ली के हरियाणा भवन में मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ एक बैठक में हिस्सा लेंगे. इस बैठक में RSS के वरिष्ठ पदाधिकारी, सह कार्यवाहक दत्तात्रेय होसबाले, कृष्ण गोपाल, रामलाल और इंद्रेश कुमार भी मौजूद रहेंगे. बैठक में ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख उमर इलियासी सहित कई प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरु शामिल होंगे. इस बैठक का उद्देश्य विभिन्न समुदायों के बीच संवाद को बढ़ावा देना और सामाजिक सौहार्द को मजबूत करना है.
विचारधारा और सेवा कार्यों को फैलाने का लक्ष्य
RSS का शताब्दी वर्ष का आयोजन संगठन के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. 1925 में स्थापित इस संगठन ने पिछले एक सदी में सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर काम किया है. शताब्दी वर्ष के दौरान संघ ने देश के हर हिस्से में अपनी विचारधारा और सेवा कार्यों को फैलाने का लक्ष्य रखा है. इस बैठक को भी इसी दिशा में एक कदम माना जा रहा है, जहां विभिन्न धर्मों के बीच आपसी समझ और सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा.
सामाजिक सेवा, शिक्षा और राष्ट्रीय एकता का कार्यक्रम
इस आयोजन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह बैठक भविष्य में और ऐसे संवादों की नींव रख सकती है. शताब्दी वर्ष के तहत संघ की योजनाओं में सामाजिक सेवा, शिक्षा और राष्ट्रीय एकता से जुड़े कार्यक्रम शामिल हैं.
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27 सितंबर 1925 को हुई थी स्थापना
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना 27 सितंबर 1925 को डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में की थी. हिंदू समाज को संगठित और सशक्त बनाने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत हुई. डॉ. हेडगेवार ने देश में राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक जागरण की आवश्यकता महसूस की और स्वयंसेवकों के माध्यम से समाज सेवा, शिक्षा और चरित्र निर्माण पर जोर दिया. RSS की विचारधारा हिंदुत्व पर आधारित है, जो भारतीय संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा देती है.
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