'400000 महिलाओं का रेप, अपने लोगों का नरसंहार, फिर भी बोलने की हिम्मत...', UN में भारत की लताड़ से सहम गया PAK
भारत के दूत ने अपने संबोधन में पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा कि जो देश अपने ही लोगों पर बेइंतहा क्रूरता करता हो, जिसके इतिहास में इतना काले धब्बे हों वह भारत के खिलाफ महिलाओं, शांति और सुरक्षा के मुद्दे पर उंगली उठाने की हिम्मत कैसे करता है.
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'शर्म है कि पाकिस्तान को आती नहीं...', ये बात आतंकिस्तान पर सटीक बैठती है. दुनियाभर में अपनी बेइज्जती करवाने के बावजूद वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आता. इसलिए तो वैश्विक स्तर पर उसकी थू-थू हो रही है. इसी बीच भारत ने भी पाकिस्तान की संयुक्त राष्ट्र संघ में धज्जियां उड़ा दी हैं. UN में भारत के स्थाई दूत पी हरीश ने उसकी कथनी और करनी में अंतर और बड़बोलेपन को लेकर सरेआम फटकार लगाई. इतना ही नहीं उन्होंने सरेआम उसके झूठ, पाखंड और प्रोपेगेंडा की पोल खोले कर रख दी. P. हरीश ने कश्मीर पर पाक के निराधार दावों और साजिश पर सख़्त स्टैंड लिया और साफ कहा कि वो लगातार दुनिया को भरमाने की कोशिश कर रहा है, निरंतर भ्रामक और बेसिर पैर की बयानबाजी करता है.
'जम्मू और कश्मीर भारत का था, है और रहेगा'
UN में भारत के दूत पी हरीश ने अपने बयान में बिना लाग लपेट के साफ कहा कि यह वही देश है जो अपने ही नागरिकों पर बमबारी करता रहा है और नरसंहार करता है. भारत के फर्म स्टैंड को उन्होंने दोहराते हुए कह दिया कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा.
'अपने ही लोगों पर बमबारी, 4 लाख महिलाओं का रेप, फिर भी बोलने की हिम्मत'
इतना ही नहीं बांग्लादेश के साथ युद्ध से पहले पाक सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सर्च लाइट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और उसकी सेना ने तक के पूर्वी पाकिस्तानी में अपनी ही करीब 40,0000 (बंगाली हिंदुओं, मुस्लिम) महिलाओं का सुनियोजित और सामूहिक बलात्कार किया, अपने ही लोगों का नरसंहार किया. उन्होंने आगे कहा कि ये एक ऐसा काला इतिहास है जिसे दुनिया कभी नहीं भूलेगी.
'कोई इतना पाखंडी कैसे हो सकता है'
भारत के दूत ने अपने संबोधन में पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा कि जो देश अपने ही लोगों पर बेइंतहा क्रूरता करता हो, जिसके इतिहास में इतना काले धब्बे हों वह भारत के खिलाफ महिलाओं, शांति और सुरक्षा के मुद्दे पर उंगली उठाने की हिम्मत कैसे करता है. उन्होंने UN शांति सेना, मानवाधिकार आयोग सहित अन्य संगठनों में हिंदुस्तान की भूमिका और अब तक की जर्नी का हवाला देेते हुए कहा कि भारत का इस क्षेत्र में रिकॉर्ड बेदाग और प्रेरणादायक है, जिसे कोई दागदार नहीं कर सकता.
'विफलता और आतंकी गतिविधि को छुपाने का असफल प्रयास'
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान की यह रणनीति केवल दुनिया का ध्यान भटकाने की कोशिश है. वह अपनी विफलताओं और आतंकी गतिविधियों को छिपाने के लिए भारत पर आधारहीन आरोप लगाता रहा है. भारत के राजदूत ने साफ कहा कि अगर पाकिस्तान सोच रहा है कि वो अपने प्रोपेगेंडा में कामयाब हो जाएगा तो ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय पाकिस्तान के इस दुष्प्रचार को स्पष्ट रूप से देखता और समझता है. इतना ही नहीं उन्होंने पाकिस्तान को सलाह दी कि वह अपने गिरेबान में झांके. हरीश ने आगे नसीहत दी कि भारत के खिलाफ झूठी कहानियां गढ़ने में अपनी उर्जा व्यर्थ करने की बजाय अपनी आंतरिक समस्याओं, आतंकवाद को रोकने, अल्पसंख्यक और महिलाओं के मानवाधिकार की रक्षा पर तवज्जो दे.
लगातार एक्सपोज और मार खाने के बावजूद नहीं सुधर रहा PAK
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया हो. बीते एक महीने के अंदर तीन बार पाकिस्तान की बखियां उधेड़ी गईं. भारत की दूत पेटल गहलोत, मोहम्मद हुसैन, विदेश मंत्री जयशंकर, और अब पी हरीश, सब ने मिलकर पाकिस्तान की अतर्राष्ट्रीय स्तर पर बैंड बजाई है.
'जले हैंगर, टूटे एयरबेस को 'जीत' मान रहा शहबाज…'
भारत की राजनयिक ने पाकिस्तान के झूठे दावों को भी बेनकाब किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जिस ‘जीत’ की बात कर रहे हैं, वह असल में भारतीय सेना के हमले में नष्ट हुए एयरबेस, जले हुए हैंगर और टूटे हुए रनवे हैं, जिनकी तस्वीरें सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं. अगर पाकिस्तान इसे जीत मानता है, तो दुनिया को इसकी हकीकत से परिचित कराना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि अगर यही उनके लिए जीत है तो उन्हें ये जीत मुबारक, आनंद में रहे.
'पहले अपने घर के हालात सुधारो...'
वहीं भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भी पाकिस्तान को सख्त फटकार लगाई है. भारत के दूत मोहम्मद हुसैन ने कहा कि पाकिस्तान जैसे देश को मानवाधिकारों पर भाषण देने का साहस है, जबकि वहां अल्पसंख्यकों का लगातार दमन हो रहा है. उन्होंने पाकिस्तान से अपील की कि वह दूसरों पर आरोप लगाने के बजाय अपने घर की हालात सुधारे.
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