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अलगाववाद को बढ़ावा, आतंकवाद का महिमामंडन...! J&K में LG का तगड़ा एक्शन, 25 किताबें बैन, बुक फेस्टिवल-स्टोर्स में पुलिस की रेड, भड़के अब्दुल्ला

जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने हाल ही में 25 किताबों पर बैन लगाकर एक बड़ा कदम उठाया है. पुलिस ने कश्मीर घाटी में कई जगहों पर छापे मारकर किताबों की दुकानों और साहित्यिक कार्यक्रमों से कई किताबें जब्त की हैं.

08 Aug, 2025
( Updated: 09 Aug, 2025
10:07 PM )
अलगाववाद को बढ़ावा, आतंकवाद का महिमामंडन...! J&K में LG का तगड़ा एक्शन, 25 किताबें बैन, बुक फेस्टिवल-स्टोर्स में पुलिस की रेड, भड़के अब्दुल्ला

Jammu & Kashmir प्रशासन ने हाल ही में 25 किताबों पर बैन लगा दिया. इसके बाद पुलिस ने घाटी में कई जगह छापेमारी की और बुकस्टोर्स व साहित्यिक कार्यक्रमों से किताबें जब्त कीं. यह कार्रवाई डल झील के किनारे SKICC में चल रहे Chinar Book Festival के दौरान भी हुई. पुलिस ने BNSS की धारा 98 के तहत यह कदम उठाया. पुलिस के मुताबिक, जब्त की गई किताबें देश की एकता और संप्रभुता के लिए खतरा थीं.

इन किताबों को किया जब्त
Srinagar में पुलिस ने जिन दुकानों से किताबें जब्त की हैं, उनमें अनुराधा भसीन की 5 कॉपी, A.G. Noorani की 2 कॉपी और Sumantra Bose की 1 कॉपी शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि ये किताबें अलगाववादी सोच को बढ़ावा देती हैं, आतंकवाद का महिमामंडन करती हैं या गलत ऐतिहासिक जानकारी फैलाती हैं. गृह विभाग ने मंगलवार को आदेश जारी कर कहा था कि सभी बैन की गई किताबों की कॉपी जब्त की जाएंगी, चाहे वे किसी के पास हों या किसी संगठन के पास. विभाग का मानना है कि ये किताबें राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता के लिए खतरा हैं. यह विभाग LG Manoj Sinha के अधीन आता है.

उमर अब्दुल्ला भी एलजी मनोज सिन्हा पर भड़के
दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 25 किताबों को बैन करने के फैसले को लेकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की आलोचना की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर हो रही आलोचनाओं पर कहा कि अगर उनकी शक्ति में होता तो वह कभी भी किताबों पर प्रतिबंध नहीं लगाते। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर गृह मंत्रालय की तरफ से एक आदेश जारी करते हुए 25 किताबों पर बैन लगा दिया गया था, इनमें मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय की आजादी नामक किताब भी शामिल थी। आपको बता दें कि फिलहाल J&K में गृह विभाग उपराज्यपाल के अंदर आता है.
 

पुलिस का भी सामने आया बयान
श्रीनगर पुलिस ने कहा कि इस कार्रवाई का उद्देश्य उन साहित्य को पहचानना, जब्त करना और जब्त करना था जो झूठी कहानियों का प्रचार करते हैं या भारत की एकता के लिए खतरा पैदा करते हैं. वहीं अनंतनाग पुलिस ने कहा कि सभी पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में निरीक्षण किए गए. पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई उन सामग्रियों को रोकने के लिए की गई है जो आतंकवाद का महिमामंडन करती हैं, सुरक्षा बलों को बदनाम करती हैं, या युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में योगदान करती हैं. अधिकारियों ने लोगों से प्रतिबंधित सामग्री रखने या प्रसारित करने की सूचना देने का आग्रह किया है.

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