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वक्फ संपत्तियों के पोर्टल और डेटाबेस के ऑडिट की तैयारी, केंद्र सरकार ने अधिसूचित किए नए नियम, अब हेराफेरी हो जाएगी मुश्किल

नए नियमों के तहत, देशभर की वक्फ संपत्तियों की निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल और डेटाबेस स्थापित किया गया है, जिसे 'UMEED' पोर्टल के नाम से जाना जाता है. इस पोर्टल पर सभी वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा, और प्रत्येक वक्फ और उसकी संपत्ति को एक विशिष्ट पहचान संख्या (Unique ID) दी जाएगी. यह प्रणाली संपत्तियों की वास्तविक समय की निगरानी, अतिक्रमण, विकास और वित्तीय डेटा के प्रबंधन को संभव बनाएगी. पोर्टल की देखरेख अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के वक्फ प्रभाग के प्रभारी संयुक्त सचिव द्वारा की जाएगी.

केंद्र सरकार ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और निगरानी को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है. 3 जुलाई 2025 को एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास नियम, 2025 (Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency and Development Rules, 2025) को अधिसूचित किया गया है. ये नियम वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, डेटाबेस के रखरखाव, ऑडिट और खातों के प्रबंधन से संबंधित हैं. इस पहल का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और समाज के कमजोर वर्गों को लाभ पहुंचाना है.

केंद्रीकृत पोर्टल और डेटाबेस की स्थापना
नए नियमों के तहत, देशभर की वक्फ संपत्तियों की निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल और डेटाबेस स्थापित किया गया है, जिसे 'UMEED' पोर्टल के नाम से जाना जाता है. इस पोर्टल पर सभी वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा, और प्रत्येक वक्फ और उसकी संपत्ति को एक विशिष्ट पहचान संख्या (Unique ID) दी जाएगी. यह प्रणाली संपत्तियों की वास्तविक समय की निगरानी, अतिक्रमण, विकास और वित्तीय डेटा के प्रबंधन को संभव बनाएगी. पोर्टल की देखरेख अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के वक्फ प्रभाग के प्रभारी संयुक्त सचिव द्वारा की जाएगी.

मुतवल्लियों के लिए अनिवार्य पंजीकरण
नए नियमों के अनुसार, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए नियुक्त मुतवल्ली (प्रबंधक) को अपने मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी के माध्यम से पोर्टल पर ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड) सत्यापन के साथ पंजीकरण कराना होगा. पंजीकरण के बाद ही वे वक्फ और उसकी संपत्तियों का विवरण अपलोड कर सकेंगे. यह प्रक्रिया संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगी. इसके अलावा, नई वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण भी इस पोर्टल के माध्यम से होगा, और जिला कलेक्टर को आवेदन सत्यापन और मंजूरी की जिम्मेदारी दी गई है.

ऑडिट और जांच की प्रक्रिया
नए नियमों में वक्फ संपत्तियों के ऑडिट को अनिवार्य किया गया है. ऑडिट रिपोर्ट्स को पोर्टल पर प्रकाशित किया जाएगा, जिससे संपत्तियों के वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी. यदि किसी संपत्ति को गलत तरीके से वक्फ घोषित करने की शिकायत प्राप्त होती है, तो जिला कलेक्टर के संदर्भ पर एक वर्ष के भीतर जांच पूरी करनी होगी. यह प्रावधान वक्फ संपत्तियों से संबंधित विवादों को कम करने और अवैध दावों को रोकने में मदद करेगा.

राज्य सरकारों की भूमिका
नियमों के तहत, प्रत्येक राज्य सरकार को एक संयुक्त सचिव स्तर के नोडल अधिकारी को नियुक्त करना होगा, जो वक्फ संपत्तियों के विवरण अपलोड करने, पंजीकरण, खातों के रखरखाव और ऑडिट प्रक्रिया में सहायता प्रदान करेगा. इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार के परामर्श से एक केंद्रीकृत सहायता इकाई स्थापित की जाएगी, जो वक्फ प्रबंधन को और सुव्यवस्थित करेगी.

वक्फ संशोधन विधेयक और विवाद
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को 8 अप्रैल 2025 से लागू किया गया था, जिसके तहत ये नियम बनाए गए हैं. यह विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में व्यापक चर्चा के बाद पारित हुआ, हालांकि इसे लेकर राजनीतिक दलों के बीच मतभेद रहे. विपक्ष ने इसे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला करार दिया, जबकि सरकार ने तर्क दिया कि यह विधेयक पारदर्शिता, दक्षता और समाज के कमजोर वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए है. सुप्रीम कोर्ट में इसकी वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी लंबित हैं...पोर्टल का उद्देश्य और प्रभाव

केंद्र सरकार और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "UMEED पोर्टल का लक्ष्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना और उनके दुरुपयोग को रोकना है." यह पोर्टल न केवल संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड बनाएगा, बल्कि अतिक्रमण, कानूनी विवादों और वित्तीय अनियमितताओं को कम करने में भी मदद करेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रणाली वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है, जो देशभर में लगभग 8.7 लाख संपत्तियों और 9.4 लाख एकड़ भूमि को नियंत्रित करती हैं.

कुल मिलाकर देखें तो वक्फ संपत्तियों के लिए केंद्रीकृत पोर्टल और डेटाबेस की स्थापना भारत में वक्फ प्रबंधन में एक नया अध्याय शुरू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. यह प्रणाली न केवल संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाएगी, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों, जैसे विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों, को लाभ पहुंचाने में भी मदद करेगी. हालांकि, इसकी सफलता नियमों के प्रभावी कार्यान्वयन और संबंधित पक्षों के सहयोग पर निर्भर करेगी.

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