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‘जनसंख्या का तेजी से बढ़ रहा असंतुलन...’, RSS ने मोदी सरकार से की बड़ी मांग, कहा- जल्द लागू करें जनसंख्या नीति

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने केंद्र सरकार से जल्द जनसंख्या नीति लागू करने की मांग की है. सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि जनसांख्यिकीय असंतुलन तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए समय रहते नियंत्रण जरूरी है. उन्होंने जबलपुर में हुई संघ की बैठक के दौरान यह अपील की. वहीं प्रधानमंत्री मोदी भी पहले जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चिंता जता चुके हैं.

Source: X / @RSSorg

इन दिनों पूरे देश की निगाहें बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव पर टिकी हुई हैं. इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने केंद्र की मोदी सरकार से जनसंख्या नीति को लेकर बड़ी मांग की है. संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने सरकार से अपील की है कि वह जल्द से जल्द जनसंख्या नीति लागू करे. उनका कहना है कि देश में जनसांख्यिकीय असंतुलन मौजूदा समय में तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में समय रहते नियंत्रण बेहद जरूरी है. होसबाले का यह बयान मध्य प्रदेश के जबलपुर में आयोजित संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी बैठक के अंतिम दिन सामने आया.

जनसंख्या नीति पर केंद्र से अपील

पत्रकारों से बातचीत में दत्तात्रेय होसबाले ने कहा, “सरकार ने इस विषय पर संसद और अन्य मंचों पर चर्चा की है. लेकिन अब जरूरत है कि जनसंख्या नीति को जल्द लागू किया जाए, क्योंकि जितनी जल्दी नीति बनेगी, उतना ही देश को इसका लाभ मिलेगा.” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जनसंख्या संतुलन न सिर्फ विकास से जुड़ा मुद्दा है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता से भी गहराई से संबंधित है.

PM मोदी भी जता चुके हैं चिंता 

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में भी जनसंख्या वृद्धि और जनसांख्यिकीय बदलाव का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि बदलती जनसंख्या संरचना को ध्यान में रखते हुए सरकार एक उच्चस्तरीय मिशन पर काम करेगी. इसके बाद फरवरी 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट भाषण के दौरान एक समिति के गठन की घोषणा की थी, जो तेजी से बढ़ती जनसंख्या और उससे जुड़ी सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का अध्ययन करेगी. अब RSS के शीर्ष नेता का बयान आने से इस मुद्दे ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है.

घुसपैठ और धर्मांतरण चिंता का विषय

दत्तात्रेय होसबाले ने जनसंख्या असंतुलन के पीछे तीन प्रमुख कारण बताए. उनके मुताबिक घुसपैठ, धार्मिक धर्मांतरण और एक समुदाय का बढ़ता प्रभुत्व. उन्होंने कहा कि इन कारणों से लोकतंत्र की जड़ें कमजोर हो सकती हैं और समाज में अस्थिरता बढ़ सकती है. होसबाले ने कहा, “सेवा के नाम पर हो रहे धर्मांतरण पर रोक लगाना जरूरी है. वनवासी कल्याण आश्रम और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन इस दिशा में काम कर रहे हैं.” उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब में सिखों के बीच धर्मांतरण के मामले बढ़ रहे हैं, जिन पर जागरूकता और तालमेल से रोक लगाई जा सकती है.

देशहित में नीति जरूरी

RSS नेता ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून केवल आंकड़ों का संतुलन नहीं, बल्कि राष्ट्र के दीर्घकालिक हितों की रक्षा का उपाय है. उन्होंने सरकार से अपील की कि इस विषय को राजनीति से ऊपर उठकर देखा जाए और जल्द ही ठोस नीति बनाई जाए.

बट्ट चलें कि देश में अब यह बहस तेज हो गई है कि क्या केंद्र सरकार आगामी महीनों में कोई राष्ट्रीय जनसंख्या नियंत्रण नीति लाने जा रही है. अगर ऐसा होता है, तो यह भारत की सामाजिक और राजनीतिक दिशा को प्रभावित करने वाला बड़ा कदम साबित हो सकता है.

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