पाकिस्तान ने उठाया सिंधु जल समझौते का मुद्दा, भारत ने सुनाई खरी-खोटी, कहा-आतंक फैलाने वाले हम पर दोष न मढ़े
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ग्लेशियर संरक्षण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में भारत द्वारा सिंधु जल संधि स्थगित किए जाने के फैसले को उन्होंने पानी को हथियार बनाने के साथ-साथ इसे एकतरफा एवं अवैध कर दिया था. इस पर पलटवार करते हुए भारत की तरफ से केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा- इस संधि का उल्लंघन पाकिस्तान ने आतंकवाद के माध्यम से किया है. इसलिए ऐसे वैश्विक मंच का पाकिस्तान को दुरुपयोग नहीं करना चाहिए.
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पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई के साथ-साथ पाकिस्तान पर डिप्लोमेटिक स्ट्राइक करते हुए कई फैसले लिए थे. इनमें सबसे अहम फैसला था, सिंधु जल संधि स्थगित करना. भारत सरकार के इस फैसले ने पाकिस्तान को इस कदर मानसिक तनाव दिया कि अब पाकिस्तान की सरकार को समझ नहीं आ रहा कि वह इसका समाधान कैसे ढूंढे. यही वजह है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा वैश्विक मंच पर इस संधि को स्थगित करने का आरोप लगाया है. इसके एक दिन बाद भारत ने पाकिस्तान को तगड़ा जवाब दिया है. भारत की तरफ से कहा गया है कि पाकिस्तान को सिंधु जल संधि के उल्लंघन का दोष हम पर मढ़ना बंद करना चाहिए, क्योंकि सीमा पार आतंकवाद की वजह से संधि को जारी रखने में बाधाएं आ रही हैं.
ग्लेशियर संरक्षण में शहबाज ने रोया था रोना
दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई और पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थित सोच को दुनिया के सामने उजागर करने के लिए भारत ने कूटनीतिक कदम चला है, तो इसी तरह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भी अपने मंत्रियों के साथ अपने मित्र देशों का दौरा कर रहे हैं. इसी कड़ी में पाक पीएम तजाकिस्तान पहुंचे. यहां उन्होंने ग्लेशियर संरक्षण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में भारत द्वारा सिंधु जल संधि स्थगित किए जाने के फैसले को उन्होंने पानी को हथियार बनाने के साथ-साथ इसे एकतरफा एवं अवैध कर दिया था. पाक पीएम का आरोप था कि भारत राजनीतिक हितों के लिए लाखों लोगों की जिंदगी को पानी के जरिए बंधक बना रहा है, ऐसा नहीं करना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री ने क्या कहा?
शहबाज शरीफ के इन्हीं बातों पर पलटवार करते हुए भारत की तरफ से केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, "इस संधि का उल्लंघन पाकिस्तान ने आतंकवाद के माध्यम से किया है. इसलिए ऐसे वैश्विक मंच का पाकिस्तान को दुरुपयोग नहीं करना चाहिए. यह मुद्दा इस मंच के दायरे में नहीं आता है. पाकिस्तान के इस प्रयास की हम कड़ी निंदा करते हैं." उन्होंने आगे कहा, "सिंधु जल समझौते पर हस्ताक्षर के बाद जनसांख्यिकी, तकनीकी और जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ पाकिस्तान में आतंकवाद का पनपना ने भी परिस्थितियों को बदल दिया है. पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों ने इस समझौते के लाभ उठाने की भारत की क्षमता पर बाधा डाला है. इसलिए पाकिस्तान का भारत को दोष देना बिल्कुल गलत है." उन्होंने आगे अभी कहा कि यह समझौता मित्रवत भावना से हुआ था लेकिन पाकिस्तान ने इसका सम्मान नहीं किया."
बताते चलें कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सख्त रूख अपनाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए और ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को भी तबाह किया.
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