Advertisement

राहुल गांधी के बाद चिदंबरम ने इंदिरा गांधी के इस फैसले को बताया गलती, कहा- जान देकर चुकाई कीमत

चिदंबरम से पहले 4 मई को खुद कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी इस मिलिट्री ऑपरेशन को बड़ी गलती माना था. राहुल गांधी ने कहा था कि, जो भी गलतियां 80 के दशक में कांग्रेस से हुईं, मैं जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं.

1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार के स्याह दाग से कांग्रेस का दामन अभी तक साफ नहीं हो सका है. अमृतसर में सिखों के सबसे पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर में हुई सैन्य कार्रवाई के बाद इंदिरा गांधी लगातार निशाने पर रहीं. इस मामले में अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता पी. चिदंबरम ने भी बड़ा बयान दिया है. 

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से उग्रवादियों को बाहर निकालने के लिए चलाया गया ऑपरेशन ब्लू स्टार 'गलत तरीका' था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस गलती की कीमत अपनी जान देकर चुकाई. उन्होंने ये भी साफ किया कि. यह फैसला अकेले इंदिरा गांधी का नहीं था. इसमें आर्मी, पुलिस, 'इंटेलिजेंस और प्रशासनिक अफसर भी शामिल थे. 

ऑपरेशन ब्लू स्टार को राहुल गांधी मान चुके गलती 

ऑपरेशन ब्लू स्टार गलती थी ये बात अब कांग्रेस नेता भी स्वीकारने लगे हैं.   6 महीने के भीतर ये दूसरी बार है जब किसी कांग्रेस नेता ने ऑपरेशन ब्लू स्टार पर बड़ा बयान दिया है. चिदंबरम से पहले 4 मई को खुद कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी इसे गलती माना था. राहुल गांधी ने कहा था कि, 1984 का ऑपरेशन ब्लू स्टार गलती थी. जो भी गलतियां 80 के दशक में कांग्रेस से हुईं, मैं जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं. 

ऑपरेशन ब्लू स्टार पर पी. चिदंबरम का पूरा बयान क्या है? 

चिदंबरम हिमाचल प्रदेश के कसौली पहुंचे थे. यहां उन्होंने ‘खुशवंत सिंह लिटरेचर फेस्टिवल’ शिरकत की. चिदंबरम यहां पत्रकार हरिंदर बावेजा की किताब 'They Will Shoot You, Madam' की चर्चा में शामिल हुए. चर्चा में हरिंदर बावेजा ने ऑपरेशन ब्लू स्टार का जिक्र करते हुए कहा, इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के अपने फैसले की कीमत अपनी जान देकर चुकाई. 
इस पर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा, किसी सैन्य अधिकारी का अपमान किए बिना मैं कहना चाहता हूं कि स्वर्ण मंदिर को वापस पाने का वह गलत तरीका था. कुछ साल बाद हमने बिना सेना के उसे वापस पाने का सही तरीका दिखाया. ब्लू स्टार गलत तरीका था. मैं मानता हूं कि श्रीमती गांधी ने उस गलती की कीमत अपनी जान देकर चुकाई. 

‘सारा दोष इंदिरा गांधी पर क्यों’

पी. चिदंबरम आगे कहते हैं कि, ये फैसला अकेले इंदिरा गांधी का नहीं था. इसमें सेना, पुलिस, खुफिया विभाग और सिविल सेवा भी शामिल रही. उन्होंने कहा, इसका दोष केवल इंदिरा गांधी पर नहीं मढ़ा जा सकता. क्या आप ऐसा करेंगे? पी. चिदंबरम ने हरिंदर बावेजा से ही पूछ लिया. 

आज के पंजाब की सबसे बड़ी समस्या क्या है? 

इस दौरान पी. चिदंबरम ने खालिस्तानी मूवमेंट का जिक्र करते हुए कहा, आज के पंजाब में खालिस्तान की मांग लगभग खत्म हो गई. उन्होंने पंजाब की असली समस्या आर्थिक मुद्दे और पलायन को बताया. चिदंबरम ने कहा, पंजाब दौरों में मुझे महसूस हुआ कि खालिस्तान या अलगाव की राजनीतिक मांग अब लगभग खत्म हो चुकी है. आज की मुख्य समस्या आर्थिक है सबसे ज्यादा प्रवासी पंजाब से ही हैं. 

क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार? 

ऑपरेशन ब्लू स्टार 1984 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार की एक सैन्य कार्रवाई थी. जिसका मकसद खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले और उनके समर्थकों को गोल्डन टेंपल से हटाना था. जरनैल सिंह भिंडरावाला सिखों के कट्टर धार्मिक समूह दमदमी टकसाल का प्रमुख था. जो सिखों के पवित्र स्थल को कथित तौर पर हथियारों और उग्रवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर रहे थे. 

फोटो- स्वर्ण मंदिर में समर्थकों के साथ भिंडरावाले

उस समय अमृतसर में एक के बाद एक उग्रवाद और हत्या के मामले सामने आए. जिसके तार भिंडरावाले से जुड़ रहे थे. 13 अप्रैल 1978 को बैसाखी के दिन निरंकारी समुदाय के समागम का भिंडरावाले ने विरोध किया. इस दौरान अखंड कीर्तनी जत्था और दमदमी टकसाल के लोगों ने निरंकारियों पर हमला कर दिया. इस झड़प में 13 सिख और 2 निरंकारी मारे गए थे. इसके बाद 1980 में दिल्ली में निरंकारी पंथ की हत्या उनके घर में कर दी गई. इसके एक साल बाद 1981 में पंजाब केसरी के संस्थापक और संपादक लाला जगत नारायण का मर्डर किया गया. इन सभी मामलों में भिंडरवाले की राजनीतिक पार्टी  'दल खालसा' पर आरोप लगे. फिर 1982 में भिंडरवाले ने स्वर्ण मंदिर से सटे गुरु नानक निवास को ठिकाना बनाया और अकाल तख्त से सिखों को कट्टर उपदेश देने लगा. 

फोटो- ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद इंदिरा गांधी ने स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका

स्वर्ण मंदिर में DIG की हत्या 

अप्रैल 1983 में DIG एएस अटवाल की स्वर्ण मंदिर के कैंपस में सरेआम हत्या कर दी गई. पंजाब की बिगड़ती व्यवस्था को देख विधानसभा भंग की गई. भिंडरवाले को स्वर्ण मंदिर से हटाने के लिए तमाम कोशिशें की गईं. लेकिन कोई तरीका काम नहीं आया. इसके बाद एक जून 1984 में मिलिट्री ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया. 

एक से 10 जून तक चले इस ऑपरेशन में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस पूरे ऑपरेशन में 300 से 400 लोगों की मौत हुई, जबकि 90 जवान शहीद हो गए. इस ऑपरेशन ने सिख समुदाय में बड़े स्तर पर नाराजगी पैदा की. सिखों में इस कदर गुस्सा था कि, ऑपरेशन ब्लू स्टार के 4 महीने बाद एक अक्टूबर 1984 को PM इंदिरा गांधी की उनके सिख बॉडीगार्ड ने ही गोली मारकर जान ले ली. बात यहीं खत्म नहीं हुई फिर देशभर में सिख विरोधी दंगे भी भड़क उठे. जिसमें हजारों सिखों की जान चली गई. 

 

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE
अधिक →