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आर या पार के मूड में विपक्ष! मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी, हुई 'इंडी गठबंधन' की बैठक

विपक्ष मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक, कई विपक्षी दल इस बात पर मंथन कर रहे हैं. इस संबंध में संसद भवन में फ्लोर लीडर्स की बैठक हुई.

तस्वीर: 'इंडिया' गठबंधन के फ्लोर लीडर्स की बैठक

बिहार SIR के मुद्दे पर देश की सियासत गर्म है. विपक्ष इसको लेकर सरकार और चुनाव आयोग को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है. इसी बीच सूत्रों के हवाले से ख़बर सामने आ रही है कि विपक्षी इंडी गठबंधन मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग लाने पर विचार कर रहा है. जानकारी के मुताबिक इस संबंध में संसद भवन में हुई गठबंधन की एक बैठक में CEC ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया जाए या नहीं. 

कहा जा रहा है कि इस बैठक में चर्चा हुई कि जरूरत पड़ने पर नियमों के तहत महाभियोग प्रस्ताव लाकर सीईसी को पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है.हालांकि कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन ने ये भी कहा कि अभी तक इस प्रस्ताव पर कोई औपचारिक विचार नहीं हुआ है, लेकिन अगर हालात बने तो गठबंधन इस विकल्प को अपनाएगा. आपको बता दें कि महाभियोग प्रस्ताव लाकर संवैधानिक प्रावधानों के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त को पद से हटाया जा सकता है. 

मुख्य चुनाव आयुक्त और राहुल गांधी में आर-पार की लड़ाई!
चुनाव आयोग और मतदाता सूची को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों पर अब सियासत तेज हो गई है. मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग और वोटर लिस्ट पर जो आरोप लगाए हैं, वे बेबुनियाद और झूठे हैं. 

राहुल गांधी को CEC ज्ञानेश कुमार की चुनौती
उन्होंने चुनौती देते हुए कहा था कि अगर राहुल गांधी के पास अपने दावों के सबूत हैं तो वे 7 दिन के भीतर शपथपत्र (हलफनामा) दाखिल करें, अन्यथा देश से माफी मांगे. इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर पलटवार करते हुए गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

विपक्ष के हंगामें के कारण नहीं चल पा रहा है संसद
सोमवार संसद की कार्यवाही प्रारंभ होने पर संसद के दोनों सदनों, लोकसभा व राज्यसभा में विपक्षी दलों के सांसदों ने एक बार फिर से जमकर नारेबाजी और हंगामा किया. विपक्ष के ये सांसद मतदाता सूची व चुनावी लोकतंत्र संबंधी विषयों समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे थे. विपक्ष का कहना था कि सदन के अन्य सभी विषयों को स्थगित करके सबसे पहले ये चर्चा कराई जाए. 

बिहार में वोटर लिस्ट से हटे 65 लाख नाम!
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रविवार को चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा कि बिहार की मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख लोगों के नाम जिलाधिकारियों की वेबसाइटों पर अपलोड कर दिए गए हैं.
चुनाव आयोग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, निर्वाचक पंजीयन अधिकारी (ईआरओ), जो एसडीएम स्तर के अधिकारी होते हैं, बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) की सहायता से मतदाता सूची तैयार करते हैं और उसे अंतिम रूप देते हैं.

अदालत में लंबित मामले पर चर्चा करने पर अड़ा विपक्ष, उपसभापति का इनकार

राज्यसभा के उपसभापति ने पहले से तय नियमों का हवाला दिया और विपक्ष को अनुमति नहीं मिली. अनुमति न मिलने पर सदन में हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. राज्यसभा के उपसभापति ने सोमवार को सदन के भीतर बताया कि उन्हें विभिन्न सांसदों ने नियम 267 के तहत चर्चा के 19 नोटिस दिए हैं. नियम 267 के अंतर्गत यह प्रावधान है कि सदन के अन्य सभी कार्यों को स्थगित कर चर्चा कराई जाती है. इस चर्चा के उपरांत वोटिंग भी हो सकती है.

उपसभापति हरिवंश नारायण ने बताया कि उन्होंने 19 नोटिस मिलें हैं जिनमें चार अलग-अलग विषयों पर चर्चा की मांग की गई है. उपसभापति ने यह भी बताया कि कई सदस्यों ने ऐसे विषयों पर चर्चा की मांग उठाई है जो कि न्यायालय में विचाराधीन हैं. उपसभापति ने कहा कि अदालत में लंबित मामलों पर सदन में चर्चा नहीं की जाती है.

गौरतलब है कि सोमवार को राज्यसभा में इंडियन पोर्ट बिल आना है. केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल यह विधेयक सदन में रखेंगे. इसका उद्देश्य बंदरगाहों से संबंधित कानूनों का एकीकरण करना, एकीकृत बंदरगाह विकास को प्रोत्साहन देना, व्यापार सुगमता को बढ़ावा देना तथा भारत की समुद्री तटरेखा का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करना है. साथ ही प्रमुख बंदरगाहों के अतिरिक्त अन्य छोटे बंदरगाहों के प्रभावी प्रबंधन हेतु राज्य समुद्री बोर्डों की स्थापना और उन्हें सशक्त बनाना है. 

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