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इधर Amit Shah ने बताई नक्सलियों के खात्मे की डेडलाइन उधर ठोक दिया गया 25 लाख का नक्सली !

नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से लेकर पश्चिम बंगाल तक कैसे तांडव मचाया हुआ है, ना जवानों को छोड़ रहे हैं ना नेताओं को छोड़ रहे हैं, खून के प्यासे नक्सली पिछले कई सालों से इसी तरह से लोगों की जान ले रहे हैं, लेकिन लगता है अब उन्हें जड़ से नेस्तनाबूद करने का वक्त आ गया है… इसीलिये गृहमंत्री अमित शाह ने डेडलाइन तय करते हुए नक्सलियों के ताबूत में आखिरी कील ठोकने की तारीख भी बता दी

बात सदन में मोदी विरोधियों की बखिया उधेड़ने की हो या फिर सख्त फैसले लेने की, बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले देश के गृहमंत्री अमित शाह के बारे में पूरा देश जानता है। वो किस मिजाज के नेता हैं, जब वो बोलते हैं तो डंके की चोट पर बोलते हैं, और जब कोई सौगंध खाते हैं तो उसे पूरा करने के लिए पूरी ताकत झोंक देते हैं। इसका सबूत है देश के दुश्मन नक्सलियों के खिलाफ हो रहा ताबड़तोड़ एक्शन।

देश के लिए नक्सली एक नासूर बनते जा रहे थे, जिन्होंने:

नक्सली हमले

  • 15 मार्च 2007: छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों ने 55 जवानों को शहीद कर दिया
  • 15 फरवरी 2010: पश्चिम बंगाल के सिल्दा में नक्सलियों ने 24 जवानों को शहीद कर दिया
  • 6 अप्रैल 2010: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने 76 जवानों को शहीद कर दिया
  • 25 मई 2013: छत्तीसगढ़ के सुकमा में कांग्रेस नेताओं पर हमला, 25 लोगों की जान गई
  • 1 मई 2019: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों ने 15 पुलिसकर्मी समेत 16 की जान ली
  • 3 अप्रैल 2021: छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा में नक्सलियों ने 22 जवानों की जान ली
  • 26 अप्रैल 2023: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में 10 जवान शहीद हो गए

ये आंकड़े बता रहे हैं कि नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से लेकर पश्चिम बंगाल तक कैसे तांडव मचाया हुआ है। ना जवानों को छोड़ रहे हैं, ना नेताओं को। खून के प्यासे नक्सली पिछले कई सालों से इसी तरह से लोगों की जान ले रहे हैं। लेकिन लगता है अब उन्हें जड़ से नेस्तनाबूद करने का वक्त आ गया है।

इसलिए गृहमंत्री अमित शाह ने डेडलाइन तय करते हुए नक्सलियों के ताबूत में आखिरी कील ठोकने की तारीख भी बता दी, और ये तारीख है:

31 मार्च 2026

जी हां, आपने सही सुना। नक्सलियों के खात्मे की सौगंध खाने वाले अमित शाह ने पूरे देश को बता दिया कि 31 मार्च 2026 तक देश की धरती से नक्सलियों को पूरी तरह से साफ कर दिया जाएगा।और ये सौगंध अमित शाह ने उस वक्त खाई जब फरवरी में सुरक्षा बलों ने एक बड़े ऑपरेशन में 31 नक्सलियों को मौत की नींद सुला दी। जिसके बाद खुद अमित शाह ने सोशल मीडिया पर लिखा:

"नक्सल-मुक्त भारत बनाने की दिशा में सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बड़ी सफलता हासिल की है। इस ऑपरेशन में 31 नक्सलियों को ढेर करने के साथ ही भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गई है। मानवता-विरोधी नक्सलवाद को समाप्त करने में आज हमने अपने दो बहादुर जवानों को खोया है। यह देश इन वीरों का सदा ऋणी रहेगा। शहीद जवानों के परिजनों के प्रति भावपूर्ण संवेदनाएं व्यक्त करता हूं, साथ ही एक बार फिर यह संकल्प दोहराता हूं कि 31 मार्च 2026 से पहले हम देश से नक्सलवाद को जड़ से समाप्त कर देंगे, ताकि देश के किसी भी नागरिक को इसके कारण अपनी जान न गंवानी पड़े।"

शाह की सौगंध बता रही है कि सुरक्षाबलों को भी नक्सलियों को जड़ से मिटाने के लिए फ्री हैंड दे दिया गया है, जिसका असर भी दिखने लगा है। जिस छत्तीसगढ़ से कभी जवानों के शहादत की खबरें आया करती थीं, उस छत्तीसगढ़ के जंगलों से अब नक्सलियों की लाशें निकल रही हैं।

29 मार्च को 16 नक्सलियों को जहन्नुम में पहुंचाया गया, जिनमें 11 महिलाएं शामिल थीं, साथ ही दरभा डिवीजन के सचिव कुडामी जगदीश उर्फ बुधरा को भी ढेर कर दिया गया, जिस पर 25 लाख रुपये का ईनाम था।

इस भीषण मुठभेड़ के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक बार फिर अमित शाह की सौगंध याद दिलाते हुए ऐलान किया कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलियों का खात्मा करके ही मानेंगे।

"छत्तीसगढ़ से आ रही तस्वीरें बता रही हैं कि मोदी सरकार ने नक्सलियों को जड़ से मिटाने की कसम खा ली है। यही वजह है कि पहाड़ हो या जंगल, कोने-कोने से नक्सलियों को ढूंढकर मौत के घाट उतारा जा रहा है। इसे देखकर लग रहा है कि जवानों ने भी अमित शाह की सौगंध को गंभीरता से लिया है और 31 मार्च 2026 तक देश की धरती को नक्सल-मुक्त करके ही मानेंगे।"


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