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अब हरियाणा के स्कूलों में भी गूंजेंगे श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोक, बच्चे स्वयं करेंगे पाठ

हरियाणा में भी स्कूली बच्चों के लिए श्रीमद्भगवत गीता अनिवार्य होगी. हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने इस संबंध में राज्य के सभी स्कूलों के लिए निर्देश जारी किए हैं.

उत्तराखंड के बाद अब हरियाणा ने भी अपने स्कूलों में आध्यात्मिक और नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है. राज्य के सभी स्कूलों में अब हर सुबह प्रार्थना सभा (मॉर्निंग असेंबली) की शुरुआत श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों के पाठ से की जाएगी. इसकी शुरुआत आज, 17 जुलाई से की गई है. इस अवसर पर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड परिसर में स्थित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन लैब स्कूल से इसकी विधिवत शुरुआत की गई. विद्यार्थियों ने प्रार्थना सभा में गीता के श्लोक पढ़े. इस दौरान गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने ऑनलाइन माध्यम से विद्यार्थियों को आशीर्वचन दिए.

हरियाणा के स्कूलों में भी  श्रीमद्भगवत गीता हुई अनिवार्य

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने इस संबंध में सभी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं. इस नई व्यवस्था के तहत छात्र-छात्राएं हर सुबह एक श्लोक का पाठ करेंगे, जिसे अर्थ सहित समझाया भी जाएगा. इसका उद्देश्य छात्रों में नैतिक मूल्यों, आध्यात्मिकता और भारतीय संस्कृति के प्रति समझ एवं सम्मान को विकसित करना है.

पहले उत्तराखंड के स्कूलों में श्रीमद्भगवत गीता हुई अनिवार्य

इससे पहले उत्तराखंड सरकार भी इसी तरह की पहल कर चुकी है, जहां सभी सरकारी स्कूलों में रोज़ाना गीता का एक श्लोक अर्थ सहित सुनाया जाता है. इसके साथ ही, सप्ताह में एक बार ‘श्लोक ऑफ द वीक’ भी तय किया जाता है, जिसे स्कूल के नोटिस बोर्ड पर अर्थ सहित प्रदर्शित किया जाता है. सप्ताह के अंत में छात्रों और शिक्षकों के साथ उस श्लोक पर चर्चा की जाती है और फीडबैक लिया जाता है.

यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत की गई है, जिसमें स्कूलों के पाठ्यक्रम में 30% तक स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को शामिल करने की अनुमति दी गई है.

शिक्षाविदों और अभिभावकों ने इस फैसले का स्वागत किया है. उनका मानना है कि इससे विद्यार्थियों को न केवल शिक्षा मिलेगी, बल्कि वे जीवन मूल्यों और व्यावहारिक ज्ञान में भी समृद्ध होंगे.

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