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NEW Labour Codes: ओवरटाइम पर डबल वेतन, महिलाओं को बराबर पैकेज, नए श्रम कानून में मोदी सरकार ने दी ये बड़ी गारंटी

नए श्रम कानून में मोदी सरकार ने कई ऐतिहासिक सुधार किए हैं. जिसका मकसद कर्मचारियों को लालफिताशाही से मुक्ति दिलाना है. नए लेबर कोड बराबरी और हक की बात करते हैं.

New labour Code 2025: देश के लेबर सिस्टम और श्रम सुधार की दिशा में मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने श्रम से जुड़े 29 पुराने कानूनों को खत्म करते हुए 4 नए श्रम कानून (Labour Codes) लागू किए हैं. जो देश में नौकरी सिस्टम और औद्योगिक क्षेत्र की व्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव लेकर आएंगे. 

केंद्र सरकार ने चार नई श्रम संहिताओं को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया है. ये चार लेबर कोड- स्पेशल सिक्योरिटी कोड, इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, वेजेज यानी मजदूरी कोड, हेल्थ एंड वर्किंग कंडिशन कोड हैं. सरकार का दावा किया है कि ये सिर्फ कानूनी अपडेट नहीं, बल्कि भारत के 40 करोड़ से ज्यादा कामगारों के जीवन में एक ऐतिहासिक क्रांति है. जो न्यूनतम वेतन से लेकर कर्मचारियों के शोषण को खत्म करने की गारंटी देती है. 

सरकार ने श्रम कानून में क्यों किया बदलाव? 

देश के मौजूदा श्रम कानून 1930-1950 के बीच बना था जो काफी पुराना है. इसमें गिग वर्कर्स यानी वो कर्मचारी जो अस्थायी या फ्रिलांस काम करते हैं या किसी प्लेटफॉर्म से जु़ड़कर काम करते हैं, उनकी बात नहीं की जाती. इसके साथ-साथ वह इकोनॉमी फ्रेंडली भी नहीं थे और इनमें प्रवासी श्रमिक जैसे टर्म की बात भी नहीं की जाती. अब नए कानून में कर्मचारियों के हितों के साथ-साथ पारदर्शिता की बात करते हैं. 

इन पॉइंट से समझें नए लेबर कोड

सभी वर्कर्स को टाइम पर मिनिमम वेतन की गारंटी- नए श्रम कानूनों के तहत अब किसी भी कंपनी या नियोक्ता के लिए वेतन रोकना या देरी करना आसान नहीं रहेगा. 

जॉइनिंग के समय ही नियुक्ति पत्र: इस प्रावधान के तहत युवा को नौकरी मिलते ही अपॉइंटमेंट लेटर मिलेगा. इससे जॉब सिक्योरिटी सुनिश्चित होगी. वहीं, अपॉइंटमेंट लेटर हर कर्मचारी का अधिकार भी है. एक समान वेतन का अधिकार: नए कानून में जेंडर के आधार पर वेतन की असमानताओं को दूर किया है. सभी पदों के आधार पर महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर वेतन मिलेगा. 

कर्मचारियों की सेहत का ध्यान: नए लेबर कोड में 40 साल से ज्यादा की उम्र वाले कर्मचारियों को फ्री में साल में एक बार हेल्थ टेस्ट की सुविधा मिलेगी. कॉन्ट्रेक्ट पर कार्यरत कर्मचारियों को भी इसका फायदा मिलेगा. जोखिम भरे क्षेत्र जैसे केमिकल या खनन से जुड़े कर्मचारियों को 100% हेल्थ सिक्योरिटी है. क्योंकि सरकार खुद इस अवधारणा में यकीन करती है कि वर्कफोर्स की सेहत ही देश की उत्पादकता है. 

एक साल की नौकरी पर ग्रेच्युटी: पुराने कानून में 5 साल की नौकरी के बाद ग्रेच्युटी मिलती है लेकिन नए कोड के बाद एक साल की पक्की नौकरी में ही ग्रेच्युटी की सुविधा मिलेगी. कामकाजी महिलाओं को मिली बड़ी सुविधा: नए लेबर कोड के मुताबिक, अब महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम की इजाजत है. हालांकि इसमें महिला की सहमति जरूरी होगी और वर्कप्लेस में सुरक्षा उपाय होना जरूरी है. नए कानून ट्रांसजेंडर को भी काम में बराबरी का हक देते हैं.

ओवरटाइम पर डबल वेतन की गारंटी: नए लेबर कोड में ओवरटाइम करने वाले कर्मचारियों को बड़ी सुविधा दी गई है. अब ओवरटाइम करने पर दुगने वेतन की गारंटी है.

प्लेटफॉर्म वर्कर्स और गिग वर्कर्स को दी पहचान: गिग वर्कर्स या प्लेटफॉर्म वर्कर्स (जैसे- Swiggy, Uber, या अन्य किसी प्लेटफॉर्म से जुड़े अस्थायी कर्मचारी) के हितों का भी खास ध्यान रखा गया है. उन्हें PF, बीमा, पेंशन जैसे बेनिफिट मिलेंगे. कर्मचारी UAN नंबर के जरिए इससे जुड़ेंगे. 

कुल मिलाकर सरकार ने 29 कानूनों के बिखरे स्वरूप को 4 में सुनियोजित रूप से समेटा है. जिसमें सामाजिक सुरक्षा, समानता और अधिकारों की बात की गई है. सरकार का दावा है कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में नए लेबर कोड बड़ा कदम हैं. जिससे नौकरियों में लालफिताशाही से मुक्ति मिलेगी और सुदृढ़ मजदूर-ढांचा तैयार होगा. 

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