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NASA ने Axiom-4 मिशन की लॉन्चिंग फिर टाली, जल्द घोषित होगी नई डेट

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला समेत 4 एस्ट्रोनॉट को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ले जाने वाला मिशन एक बार फिर टल गया है. नासा ने Axiom-4 मिशन की 22 जून रविवार को होने वाली लॉन्चिंग फिलहाल टाल दिया है. नासा ने कहा कि आने वाले दिनों में एक नई लॉन्च तिथि निर्धारित की जाएगी.

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष में उड़ान भरने के सपने को साकार होने में अब समय लगने वाला है, क्योंकि नासा ने Axiom-4 मिशन की 22 जून रविवार को होने वाली लॉन्चिंग फिलहाल टाल दिया है. नासा ने कहा कि आने वाले दिनों में एक नई लॉन्च तिथि निर्धारित की जाएगी. 

NASA ने बताया कारण
नासा ने जानकारी दी कि स्पेसएक्स का फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन यान फ्लोरिडा के नासा कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए पर सुरक्षित स्थिति में हैं. नासा ने एक बयान में कहा, "ये फैसला ज्वेज्दा सेवा मॉड्यूल के पिछले हिस्से में हाल ही में किए गए मरम्मत कार्य के बाद अंतरिक्ष स्टेशन की संचालन स्थितियों का आकलन करने के लिए अतिरिक्त समय देने के उद्देश्य से लिया गया है, क्योंकि अंतरिक्ष स्टेशन की प्रणालियां आपस में गहराई से जुड़ी हुई हैं. नासा ये सुनिश्चित करना चाहता है कि अतिरिक्त अंतरिक्ष यात्रियों के आगमन से पहले स्टेशन पूरी तरह तैयार हो इसलिए एजेंसी जरूरी डेटा की समीक्षा के लिए समय ले रही है." नासा ने एक और महत्वपूर्ण बयान जारी किया है. एजेंसी ने कहा है कि वह अंतरिक्ष स्टेशन की मौजूदा स्थिति की पूरी जांच कर रही है, ताकि आगामी मिशन के दौरान कोई जोखिम न रहे. नासा ने कहा, “हम चाहते हैं कि अंतरिक्ष स्टेशन किसी भी नई टीम को सुरक्षित रूप से रिसीव करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो. इसलिए हम अतिरिक्त डेटा की गहराई से जांच कर रहे हैं.”

भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए ऐतिहासिक मिशन
Axiom-4 मिशन की लॉन्च टालने के बीच नासा ने साफ किया है कि वह इस मिशन के महत्व को पूरी तरह समझता है. नासा ने अपने बयान में कहा "NASA, Axiom Space और SpaceX इस मिशन के भारत, पोलैंड और हंगरी जैसे देशों के लिए ऐतिहासिक महत्व को समझते हैं और उसकी सराहना करते हैं. एजेंसी ने यह भी जानकारी दी कि फिलहाल मिशन में शामिल चारों अंतरिक्ष यात्री फ्लोरिडा में क्वारंटीन में हैं और जैसे ही अंतरिक्ष स्टेशन पूरी तरह तैयार होगा, वे अपनी उड़ान भरने के लिए रवाना होंगे.

बताते चलें कि यह पहली बार है जब कोई भारतीय निजी साझेदारी के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर रवाना होने वाला था. शुभांशु शुक्ला की यह उड़ान भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नई दिशा तय कर सकती है. मिशन टलने से भले ही थोड़ी निराशा है, लेकिन सुरक्षा और तकनीकी शुद्धता को प्राथमिकता देना इस मिशन की सफलता के लिए बेहद ज़रूरी माना जा रहा है.

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