MP में किसानों की फसल को बचाने के लिए अपनाई गई बोमा तकनीक, हेलीकॉप्टर से हांका देकर पकड़वाए हिरण, वीडियो वायरल
देश में पहली बार किसानों ने फसल को हिरणों से बचाने के लिए अनोखी तरकीब अपनाई. हेलीकॉप्टर की मदद से हिरणों को हांककर फसल से दूर किया गया. यह तरीका न सिर्फ फसल की सुरक्षा में कारगर साबित हुआ, बल्कि सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया, लोगों ने किसानों की रचनात्मक सोच की जमकर तारीफ की.
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मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए एक अनोखी पहल शुरू हुई है. देश में पहली बार हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर हिरण और नीलगाय जैसे जानवरों को हांका गया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया. यह अभियान वन विभाग द्वारा चलाया जा रहा है, जिसमें अफ्रीका से बुलाई गई विशेषज्ञ टीम ने अहम भूमिका निभाई. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में हेलीकॉप्टर से उड़ते हुए जानवरों को भगाते दिखाया गया है, जिसने लोगों को हैरान कर दिया. यह कदम किसानों के लिए राहत की सांस लेकर आया है, जो वर्षों से फसल नुकसान की शिकायत करते रहे हैं.
शाजापुर में फसलों पर हिरण-नीलगाय का कहर
मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के किसान लंबे समय से जंगली जानवरों की समस्या से जूझ रहे हैं. हिरण, काले हिरण और नीलगाय जैसी प्रजातियां रात-दिन खेतों में घुसकर फसलों को चर जाती हैं. गेहूं, सोयाबीन और अन्य नकदी फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है. जिले के सौ से अधिक गांवों में यह समस्या चरम पर है, जहां किसान रातभर जागकर पहरेदारी करते हैं. वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "किसानों को सालाना करोड़ों का नुकसान हो रहा है. पारंपरिक तरीकों जैसे बाड़ेबंदी या शिकार पर रोक के कारण कोई समाधान नहीं था. इसलिए आधुनिक तकनीक का सहारा लिया गया. " इस अभियान से किसानों में उत्साह है, और वे उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी मेहनत बेकार न जाए.
हेलीकॉप्टर से हिरणों को हांका, अफ्रीका से आई टीम
15 अक्टूबर 2025 से शुरू हुए इस वन्यजीव रेस्क्यू अभियान में रॉबिन्सन 44 मॉडल का हेलीकॉप्टर किराए पर लिया गया. यह पहली बार है जब भारत में फसल सुरक्षा के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया. दक्षिण अफ्रीका से बुलाई गई विशेषज्ञ टीम ने हेलीकॉप्टर से हवा में उड़ान भरकर जानवरों को एकत्रित किया. हेलीकॉप्टर की आवाज और हवा के झोंके से डरकर हिरण और नीलगाय झुंड बनाकर सुरक्षित क्षेत्रों की ओर भागे. टीम ने नेट गन और ट्रैंक्विलाइजर डार्ट्स का भी इस्तेमाल किया. पहले चरण में 50 से अधिक हिरणों को पकड़ा गया, जिन्हें वन्यजीव अभयारण्यों में छोड़ा गया. वन विभाग के डीएफओ ने कहा, "यह तकनीक अफ्रीका में सफल रही है, और अब भारत में भी इसका सफल परीक्षण हो चुका है. " अभियान की लागत करीब 50 लाख रुपये है, जो केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से वहन की जा रही है.
हेलीकॉप्टर का दृश्य देखकर दंग रह गए लोग
अभियान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें हेलीकॉप्टर खेतों के ऊपर उड़ता दिख रहा है, जबकि नीचे दर्जनों हिरण भागते नजर आ रहे हैं. किसान उत्साहित नजर आ रहे हैं, जो अपने खेतों से यह नजारा देख रहे हैं. वीडियो को लाखों व्यूज मिल चुके हैं, और लोग इसे "फसल बचाओ अभियान का नया दौर" बता रहे हैं. एक किसान ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "आखिरकार फसल सुरक्षित हुई. हेलीकॉप्टर ने जंगलों को लौटाया. " हालांकि, कुछ लोग पर्यावरणीय चिंताओं पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह मानवीय और सुरक्षित तरीका है.
किसानों को मिलेगी ट्रेनिंग
यह अभियान शाजापुर तक सीमित नहीं रहेगा. वन विभाग ने योजना बनाई है कि अगले चरण में उज्जैन, देवास और रतलाम जैसे जिलों में इसे लागू किया जाएगा. किसानों को भी बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे छोटे स्तर पर जानवरों को भगाने के उपाय अपना सकें. मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार की 'वन्यजीव संरक्षण योजना' के तहत फंडिंग मिलेगी. विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल न केवल फसल बचाएगी, बल्कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करेगी. किसान संगठनों ने इसका स्वागत किया है और मांग की है कि इसे राष्ट्रीय स्तर पर फैलाया जाए.
पर्यावरण संतुलन बनाए रखना जरूरी
वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ. अजय राजपूत ने कहा, "हेलीकॉप्टर तकनीक प्रभावी है, लेकिन इसे सतर्कता से इस्तेमाल करें. जानवरों पर तनाव न पड़े. " उन्होंने सलाह दी कि लंबे समय में बाड़ेबंदी और इको-फ्रेंडली फसल चक्र अपनाएं. यह अभियान भारत में वन्यजीव प्रबंधन का नया अध्याय खोल सकता है.
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