CJI चंद्रचूड़ के लिए कट्टरपंथियों से भिड़ गया मोदी समर्थक
कल तक जो लोग CJI चंद्रचूड़ को सेक्युलर सेक्युलर कहा करते थे वो आज एक तरफ़ा वाली नज़र से देखने लगे…मतलब ये सही है…सेक्युलर का चोला सिर्फ़ तभी तक दिखेगा जब तक कोई हिंदुओं का त्योहार मनाता ना दिखे….जबतक कोई पूजा करता ना दिखे….दिख जाए तो देखिए फिर ऐसे ही हालात हो जाते हैं….वैसे जिन बुद्धिजीवियों को याद नहीं, उन्हें बता दूँ कि ये वही डीवाई चंद्रचूड़ हैं जो कुछ वक़्त पहले क्रिसमस पर क्रिसमस कैरल गाते हुए नज़र आये थे…दोहरा रवैया अपनाने वाले लोगों को जितेंद्र प्रताप सिंह ने करारा जवाब दिया है।
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Chief Justice Of India ने गणपति की पूजा अर्चना क्या कर ली? कुछ कट्टरपंथियों को जबरदस्त मिर्ची लगी हुई है। कल तक जो CJI इन्हें सेक्युलर लगता था, आज वो अचानक हिंदुत्ववादी लगने लगा है। और हां, मोदी के दोस्त भी क्योंकि इस पूजा में CJI ने पीएम मोदी को भी आमंत्रित किया था ना? पीएम मोदी भी आमंत्रण मिलने के बाद दल बल के साथ CJI के आवास पर पहुंचे थे और पूजा की थी। इसका वीडियो भी खूब वायरल हुआ था।वीडियो सामने आया नहीं कि लीजिए मच गया बवाल। कल तक जो लोग CJI को सेक्युलर सेक्युलर कहा करते थे, वो आज एकतरफा नज़र से देखने लगे हैं। मतलब ये सही है, सेक्युलर का चोला सिर्फ तभी तक दिखेगा जब तक कोई हिंदुओं का त्योहार मनाता न दिखे, जब तक कोई पूजा करता न दिखे। दिखा जाए तो देखिए फिर ऐसे ही हालात हो जाते हैं। वैसे जिन बुद्धिजीवियों को याद नहीं, उन्हें बता दूँ कि ये वही डीवाई चंद्रचूड़ हैं जो कुछ वक़्त पहले क्रिसमस पर क्रिसमस कैरल गाते हुए नज़र आए थे।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने की गणपति पूजा
अब खुद देख लीजिए हिंदुओं के त्योहारों से, पूजा अर्चना करने से कुछ लोगों को कितनी चिढ़ मचती है। ऐसे ही दोहरा रवैया अपनाने वाले लोगों को मोदी समर्थक जितेंद्र प्रताप सिंह ने पानी पी-पीकर कोसा है। जितेंद्र प्रताप सिंह ने ग़ुस्से से तमतमाते हुए X पर लंबा-चौड़ा पोस्ट किया और लिखा- कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण सहित कांग्रेस के तमाम नेता कह रहे हैं कि जैसे ही हमने चीफ जस्टिस का पूजा करते हुए वीडियो देखा, हम बहुत भौचक्के रह गए। हम चौंक गए कि वह भारत जैसे सेक्युलर देश के चीफ जस्टिस हैं, तो यदि वह पूजा कर रहे हैं तो बंद कमरे में करें, सार्वजनिक रूप से ना करें। यहां तक कि लालू प्रसाद यादव का लटकन मनोज झा भी कह रहा है कि वह सेक्युलर देश के चीफ जस्टिस हैं, तो कैमरे के सामने पूजा कैसे कर सकते हैं? लेकिन जब पिछले साल क्रिसमस पर चीफ जस्टिस एक चर्च में जाकर क्रिसमस कैरल गा रहे थे, बाकायदा कैमरे पर गा रहे थे, तब किसी भी सेकुलर सूअर के पेट में मरोड़ नहीं उठी कि जब वह भारत जैसे सेक्युलर देश के चीफ जस्टिस हैं तो वह कैमरे पर क्रिसमस कैरल क्यों गा रहे हैं?
हिंदुओं, अब तो समझ जाओ यह कांग्रेस INDI कभी तुम्हारी पार्टी नहीं है। इन कांग्रेसी दोगलों और INDI गठबंधन के दोगलों की पीड़ा सिर्फ इस बात पर है कि चीफ जस्टिस ने हिंदू धर्म की पूजा क्यों की? इन्हें इस बात पर कभी पेट में मरोड़ नहीं हुआ कि भारत जैसे सेक्युलर देश का प्रधानमंत्री अपने सरकारी निवास में सरकारी खर्चे पर, भारत के टैक्स पेयर के खर्चे पर प्रधानमंत्री निवास में रोजा इफ्तार पार्टी क्यों आयोजित करता है? क्यों मोती महल और बुखारा जैसे रेस्टोरेंट से नॉनवेज बनाने वालों को बुलाकर सैकड़ों जानवरों को काटकर प्रधानमंत्री कार्यालय में रोजा इफ्तार पर नॉनवेज आइटम भरा जाता था? उस पर इन्हें आपत्ति क्यों नहीं हुई?बात तो सोचने वाली है।
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