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कानपुर, मेरठ और मथुरा का मेगा ब्लूप्रिंट तैयार… CM योगी के प्रयास से बदलेगी तीनों शहरों की तस्वीर, जानें क्या है पूरी योजना

उत्तर प्रदेश में शहरी विकास की रफ्तार बढ़ी है और सीएम योगी मेरठ, कानपुर व मथुरा-वृंदावन के समग्र विकास की खुद समीक्षा कर रहे हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंडलायुक्तों से रिपोर्ट लेते हुए उन्होंने गुणवत्ता और चरणबद्ध काम पर जोर दिया. इसके लिए तीनों शहरों में कुल 478 परियोजनाएं चिन्हित की गई हैं.

Yogi Adityanath (File Photo)

उत्तर प्रदेश में शहरी विकास की रफ्तार लगातार तेज होती जा रही है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. बुधवार को सीएम योगी ने मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन के समग्र शहरी विकास की रिपोर्ट का गहन समीक्षा किया. बैठक में उन्होंने साफ कहा कि इन शहरों का विकास केवल निर्माण कार्यों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसमें स्थानीय संस्कृति, विरासत और आधुनिक सुविधाओं का संतुलन भी दिखना चाहिए. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर योजना चरणबद्ध ढंग से आगे बढ़े और गुणवत्ता से कोई समझौता न हो.

CM योगी ने मंडलायुक्तों से ली रिपोर्ट 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तीनों मंडलों के मंडलायुक्त बैठक में जुड़े थे. बताया गया कि अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर की तरह अब मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन का भी समेकित विकास मॉडल लागू किया जा रहा है. इसके तहत कुल 478 परियोजनाओं को चिन्हित किया गया है. इनमें कानपुर में 109, मेरठ में 111 और मथुरा-वृंदावन में 258 परियोजनाएं शामिल की गई हैं. सभी योजनाओं को अल्पकालिक, मध्यमकालिक और दीर्घकालिक श्रेणियों में विभाजित किया गया है. बता दें कि प्रदेश सरकार के तैयारी के मुताबिक, पहले चरण यानी वर्ष 2025–26 में इन शहरों की 38 प्राथमिक परियोजनाओं पर काम शुरू होगा. इनमें यातायात सुधार, चौराहा पुनर्विकास, मल्टीलेवल पार्किंग, हरित क्षेत्र बढ़ाना, सड़क सुधार, बिजली के तारों को भूमिगत करने, जल प्रबंधन और पर्यटन सुविधाओं को आधुनिक बनाने से जुड़े काम शामिल होंगे.

मेरठ का स्मार्ट रोड का ब्लूप्रिंट तैयार

मेरठ के लिए प्रस्तावित योजना में यातायात को सुगम बनाने पर जोर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने बिजली बम्बा बाईपास को लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर मॉडल की तरह विकसित करने के निर्देश दिए. यह प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर लागू किया जाएगा. इसके अलावा हापुड़ अड्डा से गांधी आश्रम तक सड़क चौड़ीकरण, ईस्टर्न कचहरी रोड सुधार और सूरजकुंड समेत प्रमुख चौराहों का जंक्शन इम्प्रूवमेंट भी योजना में शामिल है. साथ ही क़य्यम नगर पार्क और संजय वन के सौंदर्यीकरण, यूनिवर्सिटी रोड के पुनर्विकास और स्मार्ट रोड निर्माण का भी प्रस्ताव है. शहर में जल प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए शताब्दी नगर एसटीपी से मोहकमपुर औद्योगिक क्षेत्र तक जल पुनर्चक्रण व्यवस्था विकसित की जाएगी.

कानपुर में नया कॉन्सेप्ट

कानपुर के लिए तैयार योजना 'रूटेड इन लेगेसी, राइजिंग टू टुमॉरो' के कॉन्सेप्ट पर आधारित है. इसका उद्देश्य कानपुर की औद्योगिक पहचान को मजबूत रखते हुए शहर को आधुनिक शहरी ढांचे से जोड़ना है. महत्वपूर्ण परियोजनाओं में मैनावती मार्ग चौड़ीकरण, मल्टीलेवल पार्किंग, ग्रीन पार्क एरिया का अर्बन डिजाइन सुधार, मकसूदाबाद में सिटी फॉरेस्ट व बोटैनिकल गार्डन, वीआईपी रोड सुधार और रिवरफ्रंट लिंक जैसी परियोजनाएं शामिल हैं. शहर में मेट्रो के विस्तार और ग्रीनफील्ड कॉरिडोर पर भी विचार किया गया है. बैठक में ग्रेटर कानपुर के रूप में एक व्यापक विकास मॉडल प्रस्तुत किया गया, जो भविष्य के विस्तार को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है.

मथुरा-वृंदावन के लिए धार्मिक पर्यटन का नया मॉडल

मथुरा-वृंदावन के मास्टर प्लान को 'विजन-2030' के रूप में पेश किया गया है. योजना का सबसे बड़ा फोकस धार्मिक पर्यटन को विश्वस्तरीय स्तर पर विकसित करना है. प्रस्तावों में मल्टीलेवल पार्किंग, बस पार्किंग, शहर के प्रमुख प्रवेश द्वारों का सौंदर्यीकरण, स्ट्रीट फसाड डेवलपमेंट, नए मार्गों का निर्माण और बरसाना-गोवर्धन–राधाकुंड कॉरिडोर सुधार शामिल है. परिक्रमा मार्ग पर आधुनिक सुविधाएं, संकेतक और प्रकाश व्यवस्था को भी प्राथमिकता दी जाएगी ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिल सके.

निवेश पर प्रदेश सरकार का फोकस 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि शहरों के विकास में नवाचार को प्राथमिकता दी जाए. जहां भी संभव हो पीपीपी मॉडल लागू किया जाए और निजी सेक्टर के सहयोग से रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल को बढ़ावा दिया जाए. उन्होंने कहा कि लक्ष्य ऐसा शहरी ढांचा तैयार करना है जो ट्रैफिक को सुगम बनाए, सार्वजनिक परिवहन और पैदल यात्रियों को प्राथमिकता दे और शहर को अधिक स्वच्छ व हरित बनाए. सीएम योगी ने यह भी आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ने पर सरकार परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त बजट उपलब्ध कराएगी.

बहरहाल, एक तरह से देखा जाए तो यूपी सरकार मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन को नए शहरी विकास मॉडल की मिसाल बनाना चाहती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की समीक्षा और सख्त निर्देशों से साफ है कि आने वाले वर्षों में इन शहरों का चेहरा तेजी से बदलने वाला है. आधुनिक सुविधाओं, बेहतर यातायात, हरित क्षेत्रों और सांस्कृतिक पहचान के संतुलन के साथ यह योजनाएं यूपी के शहरी विकास को नई दिशा देने की तैयारी में हैं.

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